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प्रशासन के समझाने पर माने परिजन, अंतिम संस्कार के लिए ले गए दुष्कर्म के आरोपी का शव

उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले में किशोरी से दुष्कर्म और अपहरण के मामले में जेल में बंद एक आरोपी ने खुदकुशी कर ली थी. परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया था. जिला प्रशासन के समझाने-बुझाने पर वह मान गए और शव ले गए.

कानपुर देहात
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Published : Apr 3, 2021, 9:24 PM IST

कानपुर देहातः जिले में किशोरी से दुष्कर्म और अपहरण के मामले में जेल में बंद एक आरोपी ने खुदकुशी कर ली थी. उसने जिला कारागार की पूर्व में बनी खाली पड़ी कोरोना बैरक के जंगले में गमछे के सहारे शुक्रवार देर रात फांसी लगा ली थी. फिर जेल कर्मी उसे जिला अस्पताल लेकर आए जहां उसे डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया था. उसके बाद जेल प्रशासन ने उसके शव का पोस्टमार्टम रात में ही डीएम के आदेश पर करवा दिया था लेकिन परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया था. जिला प्रशासन के समझाने-बुझाने पर मृतक के परिजन 24 घंटे बाद माने और शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गए.

ये है पूरा मामला
पूरा मामला जनपद कानपुर देहात के शिवली कोतवाली क्षेत्र का है. यहां पर गोपालपुर गांव के अमर बहादुर उर्फ श्यामजी को किशोरी से दुष्कर्म व अपहरण के मामले में 20 मार्च 2021 से माती स्थित जिला जेल में बंद किया गया था. शुक्रवार रात उसने पूर्व के दौरान जेल में बनाई गई खाली पड़ी बैरक जेल में बाहर जंगले में गमछे के सहारे फांसी लगाकर जान दे दी. उसको फंदे पर लटकता देख पूरे जेल में हड़कंप मच गया.

इसे भी पढ़ेंः लापरवाही: मोबाइल पर बात करते हुये नर्स ने महिला को दो बार लगाई कोरोना वैक्सीन

ये बोले जेलर
वहीं पर जेलर कुश कुमार ने बताया कि मृतक बंदी कई दिनों से परेशान चल रहा था. उसने फांसी के फंदे से लटकर अपनी जान दे दी. उसके बाद जेल प्रशासन द्वारा उसके शव का पंचनामा करते हुए देर रात को ही पोस्टमार्टम डीएम के आदेश से करवा दिया गया था. जब परिजनों को इसकी सूचना दी गई तो उन्होंने शव को लेने से साफ तौर से इनकार कर दिया. काफी समझाने-बुझाने के बाद मृतक बंदी के परिजन 24 घंटे बाद माने हैं. शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गए हैं.

कानपुर देहातः जिले में किशोरी से दुष्कर्म और अपहरण के मामले में जेल में बंद एक आरोपी ने खुदकुशी कर ली थी. उसने जिला कारागार की पूर्व में बनी खाली पड़ी कोरोना बैरक के जंगले में गमछे के सहारे शुक्रवार देर रात फांसी लगा ली थी. फिर जेल कर्मी उसे जिला अस्पताल लेकर आए जहां उसे डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया था. उसके बाद जेल प्रशासन ने उसके शव का पोस्टमार्टम रात में ही डीएम के आदेश पर करवा दिया था लेकिन परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया था. जिला प्रशासन के समझाने-बुझाने पर मृतक के परिजन 24 घंटे बाद माने और शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गए.

ये है पूरा मामला
पूरा मामला जनपद कानपुर देहात के शिवली कोतवाली क्षेत्र का है. यहां पर गोपालपुर गांव के अमर बहादुर उर्फ श्यामजी को किशोरी से दुष्कर्म व अपहरण के मामले में 20 मार्च 2021 से माती स्थित जिला जेल में बंद किया गया था. शुक्रवार रात उसने पूर्व के दौरान जेल में बनाई गई खाली पड़ी बैरक जेल में बाहर जंगले में गमछे के सहारे फांसी लगाकर जान दे दी. उसको फंदे पर लटकता देख पूरे जेल में हड़कंप मच गया.

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ये बोले जेलर
वहीं पर जेलर कुश कुमार ने बताया कि मृतक बंदी कई दिनों से परेशान चल रहा था. उसने फांसी के फंदे से लटकर अपनी जान दे दी. उसके बाद जेल प्रशासन द्वारा उसके शव का पंचनामा करते हुए देर रात को ही पोस्टमार्टम डीएम के आदेश से करवा दिया गया था. जब परिजनों को इसकी सूचना दी गई तो उन्होंने शव को लेने से साफ तौर से इनकार कर दिया. काफी समझाने-बुझाने के बाद मृतक बंदी के परिजन 24 घंटे बाद माने हैं. शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गए हैं.

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