कानपुर देहात : नारी सशक्तिकरण को लेकर रविवार को जिले के रूरा थाना क्षेत्र के सिठमरा गांव के जूनियर विद्यालय में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जहां पर बच्चियों व महिलाओं ने गांव की गलियों में घुमघुम कर कर अपने अंदाज में महिला दिवस का महत्व व नारीशक्ति के बारे में सभी को बताया.
महिलाओं और बच्चियों ने लोगों को बताया कि महिला सृष्टि का पहिया है. ईश्वर ने प्रथम पुरुष के सत्व के रुप में नारी की उत्पत्ति की थी. इसीलिए नारी को अर्द्धांगिनी कहते हैं. वैदिक काल में नारी और पुरुष दोनों को समता का स्थान प्राप्त था. उक्त बातें मुख्य अतिथि के रूप में पधारीं सरस्वती शारदा विद्या मंदिर झींझक की प्रधानाचार्य अर्चना ने विश्व महिला दिवस की पूर्व संध्या पर कहीं.
कार्यक्रम में आगे उन्होंने बताया कि कन्या भ्रूण हत्या, विधवा उपेक्षा, परित्यक्तता, बहुपत्नी प्रथा से महिलाओं का जीवन स्तर बिगड़ता जा रहा है. हमारे संविधान के अनुच्छेद 15 की उपधारा तीन से राज्य सरकार को यह अधिकार प्राप्त है कि वो महिलाओं के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए नियम निर्माण करे. आंंगनवाड़ी सत्यवती ने बताया कि महिलाओं के साथ गरिमामय व्यवहार हर पुरुष का संवैधानिक दायित्व है.
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इस संगोष्ठी का आयोजन जूनियर विद्यालय सिठमरा की छात्रा प्रियंका ने अपने सखियों के साथ निर्मित आकर्षक आदमकद पोस्टर के साथ किया. जिसमें मंजू देवी, रामशखी, मिथलेश कुमारी, नीलम शुक्ला, मीनाक्षी, साक्षी, प्रियंका, शालिनी शान्या सहित छब्बीस से अधिक लोग शामिल थे. बाद में यही संगोष्ठी रैली के शक्ल में गोपीकिशन के घर से प्रारंभ होकर ग्रामीण बैंक पुलिस चौकी होते हुए प्राथमिक विद्यालय सिठमरा के पास जाकर समाप्त हुई. रैली में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, बेटी है तो जीवन है, कोई महिला न हो विवश, ऐसे मनाएं विश्व महिला दिवस के नारे लगाए.