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कानपुर देहात: जमीन पर अवैध कब्जे के आरोप में पूर्व राज्यमंत्री के खिलाफ परिवाद दाखिल

उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में जमीन पर अवैध कब्जे के मामले में पूर्व राज्यमंत्री सतीश पाल के खिलाफ परिवाद दाखिल किया गया है. सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने यह आरोप लगाया है.

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जिलाधिकारी कार्यालय
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Published : Aug 7, 2020, 9:46 PM IST

कानपुर देहात: जनपद में जमीन पर अवैध कब्जे के आरोप में पूर्व राज्यमंत्री सतीश पाल पर परिवाद दाखिल किया गया है. सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने पूर्व राज्यमंत्री सतीश पाल पर डेरापुर तहसील में 32 बीघा सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे का आरोप लगाते हुए लोकायुक्त के यहां परिवाद दाखिल किया है. आरोप है कि राजस्व कर्मियों के साथ मिलकर पूर्व राज्यमंत्री ने जमीन को अपने नाम करा लिया था.

सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने परिवाद में 2012 से लेकर अब तक तैनात रहे जिलाधिकारियों पर कोई कार्रवाई न किए जाने का भी आरोप लगाया गया है. डॉ. नूतन ठाकुर ने लोकायुक्त जस्टिस संजय मिश्रा के समक्ष परिवाद दाखिल किया है. डॉ. नूतन ठाकुर ने आरोप लगाया है कि 32 बीघा जमीन पर बड़ा गांव कयूम निवासी पूर्व राज्यमंत्री सतीश पाल ने राजस्व कर्मियों से सांठ-गांठ करके सरकारी जमीन को अपने नाम करा लिया है.

'कार्रवाई की मांग'
सात जून 2012 में तीन एसडीएम की कमेटी ने जांच करके रिपोर्ट तत्कालीन डीएम को सौंपी थी. इसके बाद तत्कालीन एसडीएम डेरापुर ने पूर्व राज्यमंत्री पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसके बाद शासन स्तर से कई बार इस मामले में कार्रवाई के निर्देश जारी हुए. इसके बावजूद डीएम ने कोई कार्रवाई नहीं की. उस जमीन पर पूर्व राज्यमंत्री प्लाटिंग करके बेचने का प्रयास कर रहे हैं. समाजसेवी नूतन ठाकुर ने कहा कि स्पष्ट जांच आख्या व संस्तुतियों के बाद भी मामले को नजरंदाज किया गया है. उन्होंने डीएम समेत उत्तरदायी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है.

'बदनाम करने की कोशिश की जा रही'
पूर्व मंत्री ने सतीश पाल ने कहा कि राजनैतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते बदनाम करने की नीयत से बेबुनियाद आरोप लगाकर शिकायत की जा रही है. पहले भी इस तरह की शिकायत लोकायुक्त से की जा चुकी है. जांच में आरोप सही न पाए जाने पर लोकायुक्त ने शिकायत को निरस्त कर दिया था. अब फिर साजिश की गई है. पूर्व मंत्री ने कहा कि बताई जा रही जमीन 32 नहीं 27 बीघा पैतृक जमीन है. यह जमीन मेरे, दो भाइयों और माताजी के नाम दर्ज है. जमीन से संबंधित हर अभिलेख मेरे पास है.

'संज्ञान में नहीं है प्रकरण'
इस पूरे मामले में कानपुर देहात जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह का कहना है की यह प्रकरण संज्ञान में नहीं है. मेरे कार्यकाल में इस तरह की कोई शिकायत नहीं आई है. अगर कोई शिकायत मिलती है तो मामले में निष्पक्ष रूप से जांच कराकर विधिक कार्रवाई की जाएगी.

कानपुर देहात: जनपद में जमीन पर अवैध कब्जे के आरोप में पूर्व राज्यमंत्री सतीश पाल पर परिवाद दाखिल किया गया है. सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने पूर्व राज्यमंत्री सतीश पाल पर डेरापुर तहसील में 32 बीघा सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे का आरोप लगाते हुए लोकायुक्त के यहां परिवाद दाखिल किया है. आरोप है कि राजस्व कर्मियों के साथ मिलकर पूर्व राज्यमंत्री ने जमीन को अपने नाम करा लिया था.

सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने परिवाद में 2012 से लेकर अब तक तैनात रहे जिलाधिकारियों पर कोई कार्रवाई न किए जाने का भी आरोप लगाया गया है. डॉ. नूतन ठाकुर ने लोकायुक्त जस्टिस संजय मिश्रा के समक्ष परिवाद दाखिल किया है. डॉ. नूतन ठाकुर ने आरोप लगाया है कि 32 बीघा जमीन पर बड़ा गांव कयूम निवासी पूर्व राज्यमंत्री सतीश पाल ने राजस्व कर्मियों से सांठ-गांठ करके सरकारी जमीन को अपने नाम करा लिया है.

'कार्रवाई की मांग'
सात जून 2012 में तीन एसडीएम की कमेटी ने जांच करके रिपोर्ट तत्कालीन डीएम को सौंपी थी. इसके बाद तत्कालीन एसडीएम डेरापुर ने पूर्व राज्यमंत्री पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसके बाद शासन स्तर से कई बार इस मामले में कार्रवाई के निर्देश जारी हुए. इसके बावजूद डीएम ने कोई कार्रवाई नहीं की. उस जमीन पर पूर्व राज्यमंत्री प्लाटिंग करके बेचने का प्रयास कर रहे हैं. समाजसेवी नूतन ठाकुर ने कहा कि स्पष्ट जांच आख्या व संस्तुतियों के बाद भी मामले को नजरंदाज किया गया है. उन्होंने डीएम समेत उत्तरदायी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है.

'बदनाम करने की कोशिश की जा रही'
पूर्व मंत्री ने सतीश पाल ने कहा कि राजनैतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते बदनाम करने की नीयत से बेबुनियाद आरोप लगाकर शिकायत की जा रही है. पहले भी इस तरह की शिकायत लोकायुक्त से की जा चुकी है. जांच में आरोप सही न पाए जाने पर लोकायुक्त ने शिकायत को निरस्त कर दिया था. अब फिर साजिश की गई है. पूर्व मंत्री ने कहा कि बताई जा रही जमीन 32 नहीं 27 बीघा पैतृक जमीन है. यह जमीन मेरे, दो भाइयों और माताजी के नाम दर्ज है. जमीन से संबंधित हर अभिलेख मेरे पास है.

'संज्ञान में नहीं है प्रकरण'
इस पूरे मामले में कानपुर देहात जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह का कहना है की यह प्रकरण संज्ञान में नहीं है. मेरे कार्यकाल में इस तरह की कोई शिकायत नहीं आई है. अगर कोई शिकायत मिलती है तो मामले में निष्पक्ष रूप से जांच कराकर विधिक कार्रवाई की जाएगी.

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