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बिकरूकांड: सिम मामले में खुशी को मिली जमानत

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Published : Mar 7, 2021, 5:24 PM IST

कानपुर देहात के बहुचर्चित बिकरूकांड मामले की आरोपी खुशी दुबे की सुनवाई न्यायालय में चल रही है. आरोपी खुशी को फर्जी आईडी से सिम के मामले में न्यायालय की तरफ से जमानत मिल गई है.

खुशी को मिली जमानत.
खुशी को मिली जमानत.

कानपुर देहात: बहुचर्चित बिकरूकांड मामले की आरोपी खुशी दुबे की सुनवाई जनपद न्यायालय में चल रही है. आरोपी खुशी को फर्जी आईडी से सिम के मामले में न्यायालय की तरफ से जमानत मिल गई है. किशोर न्याय बोर्ड ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद यह फैसला सुनाया. इस मामले में अगली सुनवाई 23 मार्च को होगी. एसआईटी की जांच के बाद खुशी पर फर्जी आईडी से सिम रखने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज काराई गई थी.

जानकारी देते अधिवक्ता.

खुशी को पुलिस ने बनाया है आरोपी

जनपद के चौबेपुर थाना अंतर्गत बिकरू गांव में पुलिस की टीम दबिश देने गई थी. कुख्यात अपराधी विकास दुबे और उसके साथियों ने पुलिस टीम के ऊपर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी थीं. इसके चलते सीओ सहित आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. उसके बाद यूपी पुलिस ने इस गैंग के एक-एक सदस्य को मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था. इस पूरे मामले में सहयोगी और मददगार आज भी जेल के पीछे सजा काट रहे हैं. इनकी सुनवाई जनपद न्यायालय में चल रही है. इसी के चलते बिकरूकांड में कुख्यात अमर दुबे की पत्नी नाबालिग खुशी को भी पुलिस ने आरोपी बनाया है.

पढ़ें: पुलिस ने नकली मसाला फैक्ट्री पर की छापेमारी, 50 लाख का सामान बरामद

एसआईटी ने की सिम मामले की जांच

एसआईटी ने शस्त्र आवेदन और सिम के मामले की जांच की. फर्जी शपथ पत्र देकर शस्त्र लेने और फर्जी आईडी से सिम लेकर इस्तेमाल करने का खुलासा हुआ. एसआईटी की जांच के बाद खुशी पर फर्जी आईडी से सिम का इस्तेमाल करने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. खुशी के मामले की सुनवाई किशोर न्याय बोर्ड में प्रधान मजिस्ट्रेट कमलकांत गुप्ता और सदस्य नरेंद्र मिश्रा के समक्ष चल रही है. खुशी के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने बहस के दौरान तर्क दिया कि खुशी जिस सिम का इस्तेमाल कर रही है, वह छह साल पहले लिया गया था. तब उसकी उम्र करीब 10 साल थी. वह मां गायत्री के नाम का सिम इस्तेमाल कर रही थी. अगर बच्चे माता-पिता के नाम से सिम का इस्तेमाल करते हैं तो वह अपराध की श्रेणी में नहीं आता है. उन्होंने एसआईटी की जांच पर सवाल उठाए. बोर्ड ने इस तथ्य को जमानत का पर्याप्त आधार मानते हुए अर्जी मंजूर कर ली.

कानपुर देहात: बहुचर्चित बिकरूकांड मामले की आरोपी खुशी दुबे की सुनवाई जनपद न्यायालय में चल रही है. आरोपी खुशी को फर्जी आईडी से सिम के मामले में न्यायालय की तरफ से जमानत मिल गई है. किशोर न्याय बोर्ड ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद यह फैसला सुनाया. इस मामले में अगली सुनवाई 23 मार्च को होगी. एसआईटी की जांच के बाद खुशी पर फर्जी आईडी से सिम रखने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज काराई गई थी.

जानकारी देते अधिवक्ता.

खुशी को पुलिस ने बनाया है आरोपी

जनपद के चौबेपुर थाना अंतर्गत बिकरू गांव में पुलिस की टीम दबिश देने गई थी. कुख्यात अपराधी विकास दुबे और उसके साथियों ने पुलिस टीम के ऊपर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी थीं. इसके चलते सीओ सहित आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. उसके बाद यूपी पुलिस ने इस गैंग के एक-एक सदस्य को मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था. इस पूरे मामले में सहयोगी और मददगार आज भी जेल के पीछे सजा काट रहे हैं. इनकी सुनवाई जनपद न्यायालय में चल रही है. इसी के चलते बिकरूकांड में कुख्यात अमर दुबे की पत्नी नाबालिग खुशी को भी पुलिस ने आरोपी बनाया है.

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एसआईटी ने की सिम मामले की जांच

एसआईटी ने शस्त्र आवेदन और सिम के मामले की जांच की. फर्जी शपथ पत्र देकर शस्त्र लेने और फर्जी आईडी से सिम लेकर इस्तेमाल करने का खुलासा हुआ. एसआईटी की जांच के बाद खुशी पर फर्जी आईडी से सिम का इस्तेमाल करने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. खुशी के मामले की सुनवाई किशोर न्याय बोर्ड में प्रधान मजिस्ट्रेट कमलकांत गुप्ता और सदस्य नरेंद्र मिश्रा के समक्ष चल रही है. खुशी के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने बहस के दौरान तर्क दिया कि खुशी जिस सिम का इस्तेमाल कर रही है, वह छह साल पहले लिया गया था. तब उसकी उम्र करीब 10 साल थी. वह मां गायत्री के नाम का सिम इस्तेमाल कर रही थी. अगर बच्चे माता-पिता के नाम से सिम का इस्तेमाल करते हैं तो वह अपराध की श्रेणी में नहीं आता है. उन्होंने एसआईटी की जांच पर सवाल उठाए. बोर्ड ने इस तथ्य को जमानत का पर्याप्त आधार मानते हुए अर्जी मंजूर कर ली.

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