कानपुर देहात: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोमवार को कानपुर देहात के लालपुर सरैया गांव पहुंचे, जहां उन्होंने पुलिस कस्टडी में मारे गए बलवंत के परिजनों से मुलाकात की. अखिलेश यादव ने पीड़ित परिवार से मिलकर उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया. साथ ही इस मामले को सदन में उठाने की बात कही. वहीं, पीड़ित परिवार का आरोप है कि उन्हें जो भी सरकारी सहायता देने की बात कही थी वो सब झूठ है. अगर बीजेपी सांसद देवेन्द्र सिंह भोले ना होते तो पीड़ित परिवार को बलवंत की लाश भी ना मिल पाती.
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बलवंत की मौत को लेकर सरकार पर सीधा निशाना साधा है. अखिलेश ने कहा कि पूरे देश में सबसे ज्यादा कस्टोडियल डेथ उत्तर प्रदेश में हुई है. उन्होंने कहा कि आखिर कुछ पुलिस कर्मियों को किसने इतनी ज्यादा छूट दी है, जो बेलगाम घूम रहे है. पुलिस ने बलवंत को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया. आखिर इस सरकार में कस्टोडियल डेथ रुक क्यों नहीं रही है. इस सरकार की नीयत साफ नहीं है.
अखिलेश यादव ने कहा कि इस सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है. अखिलेश ने मांग की है कि बलवंत के परिवार को सरकार से 1 करोड़ रुपये की मदद करनी चाहिए. साथ ही मृतक की पत्नी शालिनी को सरकारी नौकरी दिया जाना चाहिए. इस पूरे मामले की सीबीआई जांच या फिर सिटिंग जज की निगरानी में जांच होनी चाहिए, जिससे पीड़ित परिवार को न्याय मिले. अखिलेश ने कहा कि बलवंत की मौत के मुद्दे को सदन में उठाएंगे. समाजवादी पार्टी की तरफ से पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपये की मदद दी जाएगी. बता दें कि 6 दिसंबर को शिवली थाना क्षेत्र के लालपुर सराय गांव निवासी बलवंत की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी.
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि बलवंत की मौत पुलिस कस्टडी में हुई. यह कोई पहला मामला नहीं है. योगी सरकार में लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जब पुलिस हिरासत में कभी व्यापारी तो कभी आम आदमी की मौत हो रही है. उन्होंने कहा कि इस सरकार में तानाशाही जारी है. जिसका वह विरोध करते रहेंगे.
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