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कानपुर देहात: कुपोषण के शिकार हो रहे बच्चे, फल-फूल रही सरकारी योजनाएं! - बच्चों में कुपोषण

उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में कुपोषण से ग्रसित बच्चों की संख्या 5,500 से अधिक पहुंच गई. इसकी जानकारी अधिकारियों को होने पर भी कोई सख्त कदम नहीं उठाए जा रहे हैं, जबकि कानपुर देहात में 1,788 आंगनबाड़ी केंद्र बनाए गए हैं.

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कुपोषण से ग्रसित 'देश का भविष्य'
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Published : Dec 2, 2019, 10:33 AM IST

कानपुर देहात: जहां पर एक ओर केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार कुपोषण को खत्म करने के लिए उत्तर प्रदेश में करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. लेकिन जिले के अधिकारी कुपोषण जैसी बीमारी पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रहे हैं. कुपोषण मामले में सरकारी आंकड़ों के हिसाब से कानपुर देहात में 5,500 से अधिक बच्चे कुपोषण का शिकार हो चुके हैं.

जानकारी देते संवाददाता

कानपुर देहात में 1,788 आंगनबाड़ी केंद्र बनाए गए हैं ताकि हर आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को समय से अच्छा आहार मिल सके. कोई भी बच्चा कुपोषण का शिकार ना हो सके. फिर भी सब कुछ होते हुए जनपद में कुपोषित बच्चों की संख्या 5,500 से अधिक पहुंच गई है. अधिकारी बच्चों को कुपोषण का शिकार होने से बचा नहीं पा रहे हैं.


कुपोषण को रोकने के लिए 1,788 आंगनबाड़ी केंद्र बनाए गए हैं. जहां पर बच्चों को पौष्टिक आहार दिया जाता है. ताकि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे कुपोषण का शिकार ना हो सके. समय-समय पर उनकी जांच भी कराई जाती है. कुपोषित बच्चों के लिए 10 बेड का स्पेशल वार्ड भी जनपद में बनाया गया है. ज्यादा सीरियस होने पर कुपोषित बच्चों को बाहर के लिए रेफर किया जाता है.
राकेश कुमार यादव, अधिकारी, जिला कार्यक्रम

कानपुर देहात: जहां पर एक ओर केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार कुपोषण को खत्म करने के लिए उत्तर प्रदेश में करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. लेकिन जिले के अधिकारी कुपोषण जैसी बीमारी पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रहे हैं. कुपोषण मामले में सरकारी आंकड़ों के हिसाब से कानपुर देहात में 5,500 से अधिक बच्चे कुपोषण का शिकार हो चुके हैं.

जानकारी देते संवाददाता

कानपुर देहात में 1,788 आंगनबाड़ी केंद्र बनाए गए हैं ताकि हर आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को समय से अच्छा आहार मिल सके. कोई भी बच्चा कुपोषण का शिकार ना हो सके. फिर भी सब कुछ होते हुए जनपद में कुपोषित बच्चों की संख्या 5,500 से अधिक पहुंच गई है. अधिकारी बच्चों को कुपोषण का शिकार होने से बचा नहीं पा रहे हैं.


कुपोषण को रोकने के लिए 1,788 आंगनबाड़ी केंद्र बनाए गए हैं. जहां पर बच्चों को पौष्टिक आहार दिया जाता है. ताकि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे कुपोषण का शिकार ना हो सके. समय-समय पर उनकी जांच भी कराई जाती है. कुपोषित बच्चों के लिए 10 बेड का स्पेशल वार्ड भी जनपद में बनाया गया है. ज्यादा सीरियस होने पर कुपोषित बच्चों को बाहर के लिए रेफर किया जाता है.
राकेश कुमार यादव, अधिकारी, जिला कार्यक्रम

Intro:ऑफिस के आदेशानुसार खबर भेजी जा रही है...

एंकर_जहां पर एक और केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार कुपोषण को खत्म करने के लिए उत्तर प्रदेश में करोड़ों रुपए ख़र्च कर रही है.. तो वहीं पर जिले के अधिकारी कुपोषण जैसी बीमारी पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रहे हैं..और कानपुर देहात के बाल विकास अधिकारी कुपोषण पर लगाम कसने पर नाकाम साबित हुए..जिसके चलते सरकारी आंकड़ों के हिसाब से कानपुर देहात में 5500 से अधिक बच्चे कुपोषण का शिकार हो चुके हैं...


Body:वी0ओ0_तो वहीं पर कानपुर देहात जनपद में 1788 आंगनवाड़ी केंद्र बनाए गए हैं... जिस में कि हर आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को समय से अच्छा आहार मिल सके..और कोई भी बच्चा कुपोषण का शिकार ना हो सके..लेकिन कानपुर देहात में यह किस प्रकार का कुपोषण के रोक थाम के लिए केंद्र बनाया गया है... कि सब कुछ होते हुए भी जनपद में कुपोषित बच्चों की संख्या 5500 से अधिक पहुंच गई है.. और अधिकारी बच्चों को कुपोषण का शिकार होने से बचा नहीं पा रहे है..अब अहम सवाल यह उठता है.. की जहां एक और सरकार कुपोषण जैसी बीमारी को रोकने के लिए हर जनपद में लाखों रुपए खर्च कर रही है.. तो कानपुर देहात के बाल विकास अधिकारी क्या कर रहे हैं... की बच्चे तेजी से कुपोषण का शिकार होते नजर आ रहे हैं..और अधिकारी सिर्फ जिले में कुपोषित बच्चों के आंकड़ों की गिनती करने में ही लगे हैं....


Conclusion:वी0ओ0_जब इस पूरे मामले में ई टीवी भारत की टीम ने अधिकारियों से बात की कि आखिरकार कुपोषण से बचने के लिए जनपद कानपुर देहात में प्रशासन द्वारा क्या किया जा रहा है.. तो उनका साफ तौर से कहना था.. की कुपोषण को रोकने के लिए 1788 आंगनवाड़ी केंद्र बनाए गए हैं.. जहां पर बच्चों को पोस्टिक आहार दिया जाता है.. जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे कुपोषण का शिकार ना हो सके..और समय-समय पर उनकी जांच भी कराई जाती है.. तो वहीं पर कुपोषित बच्चों के लिए 10 बेड का स्पेशल वार्ड भी जनपद में बनाया गया है.. और ज्यादा सीरियस होने पर कुपोषित बच्चों को बाहर के लिए रिफर किया जाता है... हालांकि पूरे जनपद में कुपोषित बच्चों की संख्या 5500 पहुंच गई है....

वाईट_राकेश कुमार यादव (जिला कार्यक्रम अधिकारी कानपुर देहात)


Date- 28_11_2019

Center - Kanpur dehat

Reporter - Himanshu sharma

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