कानपुर देहात: जहां पर एक ओर केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार कुपोषण को खत्म करने के लिए उत्तर प्रदेश में करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. लेकिन जिले के अधिकारी कुपोषण जैसी बीमारी पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रहे हैं. कुपोषण मामले में सरकारी आंकड़ों के हिसाब से कानपुर देहात में 5,500 से अधिक बच्चे कुपोषण का शिकार हो चुके हैं.
कानपुर देहात में 1,788 आंगनबाड़ी केंद्र बनाए गए हैं ताकि हर आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को समय से अच्छा आहार मिल सके. कोई भी बच्चा कुपोषण का शिकार ना हो सके. फिर भी सब कुछ होते हुए जनपद में कुपोषित बच्चों की संख्या 5,500 से अधिक पहुंच गई है. अधिकारी बच्चों को कुपोषण का शिकार होने से बचा नहीं पा रहे हैं.
कुपोषण को रोकने के लिए 1,788 आंगनबाड़ी केंद्र बनाए गए हैं. जहां पर बच्चों को पौष्टिक आहार दिया जाता है. ताकि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे कुपोषण का शिकार ना हो सके. समय-समय पर उनकी जांच भी कराई जाती है. कुपोषित बच्चों के लिए 10 बेड का स्पेशल वार्ड भी जनपद में बनाया गया है. ज्यादा सीरियस होने पर कुपोषित बच्चों को बाहर के लिए रेफर किया जाता है.
राकेश कुमार यादव, अधिकारी, जिला कार्यक्रम