कन्नौज: जिले के अपर सीएमओ ने बताया कि गर्भनिरोधक उपायों के प्रति जागरूकता फैलाने और युवाओं को सही उम्र में प्रजनन का निर्णय लेने में सक्षम बनाने के लिए 26 सितंबर को दुनिया भर में विश्व गर्भनिरोधक दिवस मनाया जाता है. पुरुषों में परिवार नियोजन को लेकर काफी उदासीनता है, इसमें महिलाओं के सापेक्ष पुरुषों की भूमिका नगण्य है.
अपर सीएमओ डॉ. राम मोहन तिवारी ने बताया इसी को देखते हुए विश्व गर्भ निरोधक दिवस के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए परिवार नियोजन की सेवाओं पर जोर दिया जाएगा. सभी आशा-एएनएम लाभार्थियों को सेवा दिलाएंगी. सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, अर्बन पीएचसी, उपकेंद्रों, आरोग्य केन्द्रों और राजकीय मेडिकल कॉलेज में स्टाल लगाकर लोगों को परिवार नियोजन के साधन वितरित कर जागरूक किया जाएगा.
परिवार को अपने तरीके से करें नियोजित
वहीं अपर सीएमओ ने कहा कि 26 सितम्बर को गर्भनिरोधक दिवस मनाने का उद्देश्य यही है कि सभी दम्पति जो 15 से 49 वर्ष की उम्र के हैं. अपने परिवार के प्रति जिम्मेदारी को समझें. अपने तरीके से अपने परिवार को नियोजित करें न कि भगवान की इच्छा से. एसीएमओ ने कहा कि जहां एक तरफ परिवार नियोजन की स्थाई विधियां उन दम्पतियों के लिए, जिनका परिवार पूरा हो चुका है बेहतर विकल्प हैं. वहीं दूसरी तरफ युवा दम्पतियों के लिए परिवार नियोजन की अन्तराल विधियां जैसे कंडोम, गर्भनिरोधक गोलियां, अंतरा इंजेक्शन और आई.यू.सी.डी इत्यादि ज्यादा उपयोगी हो सकती है.
एक नजर आंकड़ों पर
जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया कि जिले में पिछले वर्ष 11 पुरूष नसबन्दी, 900 आईयूसीडी , पीपीआईयूसीडी 3624, व 3214 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन का प्रयोग किया. परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-4) 2015-16 के अनुसार जनपद में परिवार नियोजन की किसी भी आधुनिक विधि को अपनाने वाले जनपद में 20.2 प्रतिशत हैं. वहीं किसी भी विधि को अपनाने वाले लोग 36.5 प्रतिशत हैं, महिला नसबंदी का प्रतिशत 6.6, कंडोम का इस्तेमाल करने वाले 8.8 प्रतिशत, कापर-टी 2.5 प्रतिशत और गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल करने वाले 2 प्रतिशत हैं.