कन्नौज: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिट इंडिया मुहिम के अंतर्गत कन्नौज जिले के बोर्डिंग मैदान में कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इसमें पुरुष पहलवानों के साथ-साथ महिला पहलवानों ने भी प्रतिभाग किया. इसके साथ ही नेपाल के खिलाड़ियों ने भी हिस्सा लिया. एक तरफ पूरे देश में महिला उत्पीड़न को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. वहीं दूसरी तरफ कन्नौज जिले में महिलाएं राजस्थान और पंजाब से आकर दंगल में कुश्ती लड़कर महिला सशक्तिकरण की मिशाल पेश कर रही हैं.
लड़कों से कम नहीं हैं लड़कियां
कन्नौज में कुश्ती प्रतियोगिता में देश के विभिन्न राज्यों के खिलाड़ियों के साथ-साथ पड़ोसी देश नेपाल के भी खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया. इस प्रतियोगिता के दौरान महिला खिलाड़ियों ने दंगल में कुश्ती लड़कर महिलाओं को यह सन्देश दिया कि आज भी भारत में नारी किसी से कम नहीं हैं. लड़कों के बराबर हम लड़कियां हैं. उनकों मौका दिया जाए तो हर वह काम कर सकती हैं, जो लडके करते हैं. लड़कियों को स्वयं अपनी रक्षा करनी चाहिए, जिसके लिए वह अपने अंदर आत्मविश्वास रखें और खुद को मजबूत बनाएं. इस कुश्ती में सभी महिला पहलवानों ने अपनी-अपनी कला का प्रदर्शन किया और एक-दूसरे को टक्कर देकर प्रतिभाग किया.
लड़कियों को खासतौर पर स्पोर्टस में उतारना चाहिए
दंगल में प्रतिभाग करने आईं पहलवान कीर्ति ने बताया कि समाज में लड़कियों को दबाया जाता है. घर से निकलने नहीं दिया जाता है. ऐसा करना बिलकुल गलत है. लड़किया लड़कों से कम नहीं हैं. उनको आगे बढ़ाया जाना चाहिए और स्पोर्टस में तो खासतौर से उतरना चाहिए.
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कुश्ती में देश और दुनिया में नाम करने वाली नेहा का कहना है कि मैं कुश्ती प्लेयर हूं. आल इण्डिया भी खेल चुकी हूं, स्टेट लेवल भी खेल चुकी हूं और नेशनल लेवल पर भी खेली हूं. मैं पांच साल से खेल रही हूं. मैं लड़कियों को यही संदेश देना चाहती हूं कि जितना हो सके लड़कियां कुश्ती में ज्यादा से ज्यादा मोटीवेट हों ताकि वह सेल्फ डिफेन्स कर सकें. मैं चाहती हूं कि वह सेल्फ डिफेंस बने. लड़कियां लड़कों से किसी भी तरह से कम नहीं हैं.