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अपने हक के लिए दर-दर भटक रही जिंदा 'भूत', जानें पूरा मामला

कन्नौज के छिबरामऊ कोतवाली (Chhibramau Kotwali of Kannauj) क्षेत्र के चौधरियान मोहल्ला की रहने वाली एक महिला को कोटेदार के खिलाफ कम राशन देने की शिकायत महंगी पड़ गई. कोटेदार ने पूर्ति निरीक्षक विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलकर महिला को मृत दिखाकर राशन कार्ड की सूची से उसका नाम ही कटवा दिया.

हक के लिए दर-दर भटक रही जिंदा 'भूत'
हक के लिए दर-दर भटक रही जिंदा 'भूत'
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Published : Jan 7, 2022, 12:26 PM IST

कन्नौज: कन्नौज के छिबरामऊ कोतवाली (Chhibramau Kotwali of Kannauj) क्षेत्र के चौधरियान मोहल्ला की रहने वाली एक महिला को कोटेदार के खिलाफ कम राशन देने की शिकायत महंगी पड़ गई. कोटेदार ने पूर्ति निरीक्षक विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलकर महिला को मृत दिखाकर राशन कार्ड की सूची से उसका नाम ही कटवा दिया. जब महिला ने दोबारा राशन कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन किया तो पूर्ति विभाग में तैनात कर्मचारी ने 2500 रुपये की मांग की. वहीं, रुपये न देने पर तीन मंजिला भवन होने की रिपोर्ट लगाकर दोबारा राशन कार्ड बनने से रोक दिया. अब महिला खुद को जिंदा साबित करने के लिए अधिकारियों की चौखट पर भटकने को मजबूर है. जिंदा होने का प्रमाणपत्र बनवाने के लिए महिला नगर पालिका के दफ्तर के चक्कर काट रही है.

क्या है पूरा मामला


दरअसल, छिबरामऊ कस्बा के चौधरियान मोहल्ला की निवासी रजिया बेगम पत्नी मोहम्मद साजिद का राशन कार्ड संख्या 116010019195 बना हुआ था. आरोप है कि कोटेदार कम राशन दे रहा था. जिसके खिलाफ महिला ने उच्चाधिकारियों से शिकायत कर दी. शिकायत करने से नाराज कोटेदार ने पूर्ति निरीक्षक विभाग के कर्मचारियों से साठगांठ कर महिला को कागजों पर मृत दिखाकर राशन कार्ड की सूची से उसका नाम कटवा दिया. वहीं, जब महिला कोटे पर राशन लेने गई तो उसको राशन कार्ड निरस्त होने की जानकारी दी गई. जिसके बाद महिला ने नया राशन कार्ड बनवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया. नया राशन कार्ड बनवाने के एवज में महिला से पूर्ति विभाग में तैनात कर्मचारी ने 2500 रुपये की मांग की. इधर, महिला के रुपये न देने पर तीन मंजिला मकान होने की रिपोर्ट लगाकर नए राशन कार्ड पर रोक लगा दी गई. नया राशन कार्ड न बनने पर पीड़िता ने उच्चाधिकारियों से मामले की शिकायत की. लेकिन उसकी फरियाद को किसी ने नहीं सुना. साथ ही पूर्ति विभाग से महिला को जिंदा होने का सुबूत लाने की बात कहकर चलता कर दिया गया.

हक के लिए दर-दर भटक रही जिंदा 'भूत'

इसे भी पढ़ें- गजवातुल हिंद के पांच आतंकियों के खिलाफ NIA ने दाखिल की चार्जशीट

पीड़ित महिला अब खुद को जिंदा साबित करने के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है. पीड़िता ने बताया कि जब राशन कार्ड बनवाने के लिए गई तो मनीष बाबू ने लेनदेन की बात कही. इस पर जब उसने बच्चों के साथ भूख हड़ताल पर बैठने की बात कही तो पहले राशन कार्ड में नाम चढ़वाने का आश्वासन दिया. साथ ही उससे नगर पालिका से जीवित होने का प्रमाण पत्र लाने पर ही नया राशन कार्ड जारी करने की बात कही. अब महिला खुद को जीवित साबित करने के लिए नगर पालिका के चक्कर काट रही है. लेकिन उसकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है. वहीं डीएसओ कमलेश गुप्ता ने बताया ईओ के पास एक पत्र आया था. जिसके आधार पर उसका राशन कार्ड कट गया था. उसको ठीक करवा दिया जाएगा. 2011 की आबादी के हिसाब से टॉरगेट पूरा हो चुका है.

इस तरह कोई भी आरोप लगा सकता है. जब डीएसओ से महिला को मृतक दिखाकर राशन कार्ड की सूची से नाम काटने वाला सवाल किया गया तो वो भड़क गए. उल्टा पीड़ित महिला को ही दोषी ठहराने लगे. पूर्ति विभाग की यह घटना कोई नई नहीं है. राशन कार्ड के नाम पर धन उगाही के ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं.

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कन्नौज: कन्नौज के छिबरामऊ कोतवाली (Chhibramau Kotwali of Kannauj) क्षेत्र के चौधरियान मोहल्ला की रहने वाली एक महिला को कोटेदार के खिलाफ कम राशन देने की शिकायत महंगी पड़ गई. कोटेदार ने पूर्ति निरीक्षक विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलकर महिला को मृत दिखाकर राशन कार्ड की सूची से उसका नाम ही कटवा दिया. जब महिला ने दोबारा राशन कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन किया तो पूर्ति विभाग में तैनात कर्मचारी ने 2500 रुपये की मांग की. वहीं, रुपये न देने पर तीन मंजिला भवन होने की रिपोर्ट लगाकर दोबारा राशन कार्ड बनने से रोक दिया. अब महिला खुद को जिंदा साबित करने के लिए अधिकारियों की चौखट पर भटकने को मजबूर है. जिंदा होने का प्रमाणपत्र बनवाने के लिए महिला नगर पालिका के दफ्तर के चक्कर काट रही है.

क्या है पूरा मामला


दरअसल, छिबरामऊ कस्बा के चौधरियान मोहल्ला की निवासी रजिया बेगम पत्नी मोहम्मद साजिद का राशन कार्ड संख्या 116010019195 बना हुआ था. आरोप है कि कोटेदार कम राशन दे रहा था. जिसके खिलाफ महिला ने उच्चाधिकारियों से शिकायत कर दी. शिकायत करने से नाराज कोटेदार ने पूर्ति निरीक्षक विभाग के कर्मचारियों से साठगांठ कर महिला को कागजों पर मृत दिखाकर राशन कार्ड की सूची से उसका नाम कटवा दिया. वहीं, जब महिला कोटे पर राशन लेने गई तो उसको राशन कार्ड निरस्त होने की जानकारी दी गई. जिसके बाद महिला ने नया राशन कार्ड बनवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया. नया राशन कार्ड बनवाने के एवज में महिला से पूर्ति विभाग में तैनात कर्मचारी ने 2500 रुपये की मांग की. इधर, महिला के रुपये न देने पर तीन मंजिला मकान होने की रिपोर्ट लगाकर नए राशन कार्ड पर रोक लगा दी गई. नया राशन कार्ड न बनने पर पीड़िता ने उच्चाधिकारियों से मामले की शिकायत की. लेकिन उसकी फरियाद को किसी ने नहीं सुना. साथ ही पूर्ति विभाग से महिला को जिंदा होने का सुबूत लाने की बात कहकर चलता कर दिया गया.

हक के लिए दर-दर भटक रही जिंदा 'भूत'

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पीड़ित महिला अब खुद को जिंदा साबित करने के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है. पीड़िता ने बताया कि जब राशन कार्ड बनवाने के लिए गई तो मनीष बाबू ने लेनदेन की बात कही. इस पर जब उसने बच्चों के साथ भूख हड़ताल पर बैठने की बात कही तो पहले राशन कार्ड में नाम चढ़वाने का आश्वासन दिया. साथ ही उससे नगर पालिका से जीवित होने का प्रमाण पत्र लाने पर ही नया राशन कार्ड जारी करने की बात कही. अब महिला खुद को जीवित साबित करने के लिए नगर पालिका के चक्कर काट रही है. लेकिन उसकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है. वहीं डीएसओ कमलेश गुप्ता ने बताया ईओ के पास एक पत्र आया था. जिसके आधार पर उसका राशन कार्ड कट गया था. उसको ठीक करवा दिया जाएगा. 2011 की आबादी के हिसाब से टॉरगेट पूरा हो चुका है.

इस तरह कोई भी आरोप लगा सकता है. जब डीएसओ से महिला को मृतक दिखाकर राशन कार्ड की सूची से नाम काटने वाला सवाल किया गया तो वो भड़क गए. उल्टा पीड़ित महिला को ही दोषी ठहराने लगे. पूर्ति विभाग की यह घटना कोई नई नहीं है. राशन कार्ड के नाम पर धन उगाही के ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं.

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