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UP Assembly Election 2022 : बड़ी कठिन है तिर्वा सीट की राजनीति, मुश्किल है जीत का दावा ठोंकना - up politics

यूपी विधानसभा चुनाव 2022(Assembly Election 2022) नजदीक है. सभी राजनीतिक पार्टियां आगामी चुनाव की जोर-शोर से तैयारियां कर रही हैं. इस चुनावी माहौल में ईटीवी भारत की टीम प्रदेश की प्रत्येक विधानसभा सीट के राजनीतिक समीकरण जनता तक पहुंचा रही है.

बड़ी कठिन है तिर्वा सीट की राजनीति
बड़ी कठिन है तिर्वा सीट की राजनीति
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Published : Sep 26, 2021, 6:17 PM IST

कन्नौज : यूपी विधानसभा चुनाव 2022(Assembly Election 2022) का विगुल बज चुका है. सभी राजनीतिक पार्टियां सत्ता पर काबिज होने के लिए गठजोड़ में लग गईं हैं. इस चुनावी समर में ईटीवी भारत की टीम प्रदेश की प्रत्येक विधानसभा सीट के राजनीतिक समीकरण जनता तक पहुंचा रही है.

इत्र की सुगंध और गट्टे की मिठास से मशहूर कन्नौज जिला गंगा नदी के तट पर स्थित है. प्रदेश की राजनीति में यह जिला सपा का गढ़ कहा जाता है. हालांकि कन्नौज जिले की तिर्वा विधानसभा-197 सीट पर किसी एक राजनीतिक दल का कब्जा नहीं रहा है. तिर्वा विधानसभा-197 सीट पर पहला विधानसभा चुनाव वर्ष 1962 में हुआ था. इस सीट पर प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, कांग्रेस, जनसंघ, जेएनपी, सपा, बसपा, बीजेपी पार्टियां अपना परचम लहरा चुकीं हैं.

इस सीट पर वर्ष 1962 से 1967 तक प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के होरी लाल विधायक रहे. उसके बाद वर्ष 1969 में कांग्रेस पार्टी के प्रत्यासी रामरतन पांडेय जीत हासिल की. इसके बाद 1974 में जनसंघ पार्टी से धर्मपाल ने अपना परचम लहराया. इसी क्रम में वर्ष 1977 में जेएनपी से रामबक्श वर्मा, 1980 में कांग्रेस से कुंवर योगेंद्र सिंह, 1985 में जनता दल से रामनंदनी वर्मा ने जीत दर्ज की थी.

तिर्वा सीट के चुनावी समीकरण
तिर्वा सीट के चुनावी समीकरण

इसके बाद वर्ष 1991 से 1993 तक जनता पार्टी व सपा से अरविंद प्रताप सिंह विधायक रहे. वर्ष 1996 में इस सीट पर बीजेपी ने कब्जा कर लिया. जिसमें बीजेपी के कैलाश राजपूत जीत हासिल की थी. वर्ष 2002 में सपा से विजय बहादुर पाल ने चुनाव जीता. उसके बाद वर्ष 2007 में कैलाश राजपूत ने बसपा से टिकट लेकर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. वर्ष 2012 में सपा के विजय बहादुर पाल ने अपने प्रतिद्धंदी बीएसपी प्रत्याशी कैलाश राजपूत को हराकर जीत दर्ज की.

चुनावी आंकड़े

तिर्वा विधानसभा-197 सीट का प्रादेशिक राजनीति की पटल पर काफी अहम स्थान है. इस सीट पर किसी एक राजनीतिक दल का कब्जा नहीं रहा है. आंकड़ों पर नजर डालें तो इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 3,70,092 है. जिसमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 2,02947 है. वहीं महिला मतदाता की संख्या 1,67,137 है. जबकि इस सीट पर 08 थर्ड जेंडर मतदाता हैं.

तिर्वा सीट के चुनावी समीकरण
तिर्वा सीट के चुनावी समीकरण

तिर्वा विधानसभा-197 सीट के नतीजे, वर्ष 2017

तिर्वा सीट पर वर्ष 2017 कैलाश राजपूत ने बीजेपी से टिकट लेकर चुनाव लड़ा था. जिसमें उन्होंने सपा से अपने प्रतिद्वंदी विजय बहादुर पाल को मात देकर विजय हासिल थी. कैलाश राजपूत ने वर्ष 1996 में इस सीट पर बीजेपी से चुनाव जीता था. जबकी कैलाश राजपूत ने वर्ष 2007 में बीएसपी से टिकट लेकर इसी सीट पर चुनाव जीता था. वर्ष 2017 के चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के प्रत्यासी कैलाश राजपूत ने जीत हासिल की थी, वहीं दूसरे नंबर पर सपा के विजय बहादुर पाल रहे.

तिर्वा सीट के चुनावी समीकरण
तिर्वा सीट के चुनावी समीकरण

इसे पढ़ें- UP विधानसभा चुनाव 2022 : मुश्किल है...कन्नौज की सदर सीट पर सपा को हराना

कन्नौज : यूपी विधानसभा चुनाव 2022(Assembly Election 2022) का विगुल बज चुका है. सभी राजनीतिक पार्टियां सत्ता पर काबिज होने के लिए गठजोड़ में लग गईं हैं. इस चुनावी समर में ईटीवी भारत की टीम प्रदेश की प्रत्येक विधानसभा सीट के राजनीतिक समीकरण जनता तक पहुंचा रही है.

इत्र की सुगंध और गट्टे की मिठास से मशहूर कन्नौज जिला गंगा नदी के तट पर स्थित है. प्रदेश की राजनीति में यह जिला सपा का गढ़ कहा जाता है. हालांकि कन्नौज जिले की तिर्वा विधानसभा-197 सीट पर किसी एक राजनीतिक दल का कब्जा नहीं रहा है. तिर्वा विधानसभा-197 सीट पर पहला विधानसभा चुनाव वर्ष 1962 में हुआ था. इस सीट पर प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, कांग्रेस, जनसंघ, जेएनपी, सपा, बसपा, बीजेपी पार्टियां अपना परचम लहरा चुकीं हैं.

इस सीट पर वर्ष 1962 से 1967 तक प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के होरी लाल विधायक रहे. उसके बाद वर्ष 1969 में कांग्रेस पार्टी के प्रत्यासी रामरतन पांडेय जीत हासिल की. इसके बाद 1974 में जनसंघ पार्टी से धर्मपाल ने अपना परचम लहराया. इसी क्रम में वर्ष 1977 में जेएनपी से रामबक्श वर्मा, 1980 में कांग्रेस से कुंवर योगेंद्र सिंह, 1985 में जनता दल से रामनंदनी वर्मा ने जीत दर्ज की थी.

तिर्वा सीट के चुनावी समीकरण
तिर्वा सीट के चुनावी समीकरण

इसके बाद वर्ष 1991 से 1993 तक जनता पार्टी व सपा से अरविंद प्रताप सिंह विधायक रहे. वर्ष 1996 में इस सीट पर बीजेपी ने कब्जा कर लिया. जिसमें बीजेपी के कैलाश राजपूत जीत हासिल की थी. वर्ष 2002 में सपा से विजय बहादुर पाल ने चुनाव जीता. उसके बाद वर्ष 2007 में कैलाश राजपूत ने बसपा से टिकट लेकर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. वर्ष 2012 में सपा के विजय बहादुर पाल ने अपने प्रतिद्धंदी बीएसपी प्रत्याशी कैलाश राजपूत को हराकर जीत दर्ज की.

चुनावी आंकड़े

तिर्वा विधानसभा-197 सीट का प्रादेशिक राजनीति की पटल पर काफी अहम स्थान है. इस सीट पर किसी एक राजनीतिक दल का कब्जा नहीं रहा है. आंकड़ों पर नजर डालें तो इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 3,70,092 है. जिसमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 2,02947 है. वहीं महिला मतदाता की संख्या 1,67,137 है. जबकि इस सीट पर 08 थर्ड जेंडर मतदाता हैं.

तिर्वा सीट के चुनावी समीकरण
तिर्वा सीट के चुनावी समीकरण

तिर्वा विधानसभा-197 सीट के नतीजे, वर्ष 2017

तिर्वा सीट पर वर्ष 2017 कैलाश राजपूत ने बीजेपी से टिकट लेकर चुनाव लड़ा था. जिसमें उन्होंने सपा से अपने प्रतिद्वंदी विजय बहादुर पाल को मात देकर विजय हासिल थी. कैलाश राजपूत ने वर्ष 1996 में इस सीट पर बीजेपी से चुनाव जीता था. जबकी कैलाश राजपूत ने वर्ष 2007 में बीएसपी से टिकट लेकर इसी सीट पर चुनाव जीता था. वर्ष 2017 के चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के प्रत्यासी कैलाश राजपूत ने जीत हासिल की थी, वहीं दूसरे नंबर पर सपा के विजय बहादुर पाल रहे.

तिर्वा सीट के चुनावी समीकरण
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