कन्नौज: जिला अस्पताल में पैसे लेकर फर्जी मेडिकोलीगल रिपोर्ट बनाने के मामले में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने दो एक्सरे टेक्नीशियन को हटा दिया. वहीं, डॉक्टर पर कार्रवाई के लिए जांच टीम गठित की गई है. इस मामले की रिपोर्ट जिलाधिकारी को भी भेजी गई है.
यह है पूरा मामला
दरअसल, छिबरामऊ कोतवाली क्षेत्र के अतिराजपुर गांव निवासी राजीव दुबे, शिवकांत दुबे, गगन, सिद्दू और सुमित ने मिलकर बीते 18 दिसम्बर को जमीन विवाद में विनय दुबे के घर में घुसकर मारपीट कर फायरिंग कर दी थी. घटना में विनय दुबे और उनके भांजे राहुल तिवारी को गोली लगी थी. इसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ छिबरामऊ कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की थी.
घायल विनय दुबे के भाई अरविंद दुबे ने जिला अस्पताल कर्मियों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया. आरोपों के मुताबिक, गोली चलाने वाले पक्ष के लोगों ने जिला अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों से साठ-गांठ कर छर्रे रख लिए और फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनाकर सौंप दी. पीड़ित ने सीएम, सीएमओ और सीएमएस को पत्र भेजकर फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनाने की शिकायत की थी.
मामला तूल पकड़ता देख सीएमएस डॉ. शक्ति बसु ने डॉ. वीके शुक्ला को मामले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी. सीएमएस डॉ. शक्ति बसु ने बताया कि प्रारंभिक जांच में आकस्मिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. डीपीएस तोमर, एक्सरे टेक्नीशियन जितेंद्र शुक्ला और प्रदीप विद्यार्थी की संलिप्तता पाई गई है.
उन्होंने बताया कि इस मामले में दोनों एक्स-रे टेक्नीशियन को मेडिकोलीगल के कार्य से हटाकर एक्सरे टेक्नीशियन मुन्नाराम चौधरी को जिम्मेदारी दी गई है. दोनों टेक्नीशियन केवल सामान्य एक्सरे और अल्ट्रासाउंड का काम देखेंगे. वहीं, रेडियोलॉजिस्ट डॉ. संजय सैनी ही मेडिकोलीगल रिपोर्ट जारी करेंगे. उन्होंने निर्देश दिए कि उसी दिन मेडिकोलीगल रिपोर्ट संबंधित थाने के पुलिसकर्मी को उपलब्ध करा दें. किसी कारणवश रिपोर्ट पुलिस तक नहीं पहुंच पाती है तो वह फार्मासिस्ट सुरेश कुमार को देनी होगी.