कन्नौज: करीब सात साल पहले छत पर सो रही युवती के साथ अश्लील हरकतें करने और विरोध करने पर छत से नीचे फेंकने के मामले में आरोप सिद्ध होने पर कोर्ट ने आरोपियों को सजा सुनाई है. विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट की जज गीता सिंह ने दोनों आरोपियों को सात-सात साल कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 46 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना अदा न करने पर एक-एक साल अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है. सुनवाई के दौरान छह गवाह पेश किए गए. कोर्ट ने आरोपियों को धारा 8 पॉक्सो एक्ट के आरोप में दोष मुक्त करार दिया है.
क्या है पूरा मामला
जिला शासकीय अधिवक्ता बृजेश शुक्ला ने बताया कि छिबरामऊ कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली महिला ने कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. आरोप लगाया था कि 20 सितंबर 2015 को वह बच्चों के साथ घर पर लेटी थी. उसकी 20 वर्षीय पुत्री छत पर सो रही थी. रात करीब 12 बजे गांव के ही रवि कुमार और सुनीश कुमार छत पर चढ़ आए और पुत्री के साथ अश्लील हरकतें करते हुए बदनीयति से दबोच लिया.
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शोरगुल माचाने पर तमंचा लगाकर जान से मारने की धमकी दी. विरोध करने पर आरोपियों ने छत से नीचे फेंक दिया. जिससे उसका पैर फ्रैक्चर हो गया. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच पड़ताल की. एसआई अनवर अहमद ने आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किए. मामले की सुनवाई के दौरान छह गवाह पेश किए गए. साक्ष्यों के आधार पर सोमवार को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट की जज गीता सिंह ने दोष सिद्ध होने पर रवि कुमार और सुनीश कुमार को सात-सात साल कारावास की सजा सुनाई है.
साथ ही 46-46 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माना अदा न करने पर एक साल अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी. अधिवक्ता ने बताया कि कोर्ट ने धारा 325 में सात-सात साल कारावास और 25-25 हजार रुपये, 354A में तीन-तीन वर्ष और 10-10 हजार रुपये, 323 में एक-एक वर्ष कारावास व एक-एक हजार रुपये, 504 में एक-एक वर्ष कारावास और पांच-पांच हजार रुपये, 506 में दो-दो वर्ष कारावास व पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. बताया कि पीड़िता की उम्र 20 होने की वजह पॉक्सो एक्ट में आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया गया.
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