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इत्र नगरी में अब खुद की बिजली बेंच सकेंगे किसान, ये है योजना... - farmers will be able to sell electricity

इत्र नगरी में प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसानों की बढ़ेगी आमदनी. प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत कन्नौज में 4 स्थानों पर लगाए जाएंगे सोलर प्लांट.

इत्र नगरी में अब खुद की बिजली बेंच सकेंगे किसान
इत्र नगरी में अब खुद की बिजली बेंच सकेंगे किसान
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Published : Dec 10, 2021, 7:53 PM IST

कन्नौज : प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसानों की बंजर भूमि पर सोलर प्लांट लगाने के लिए कन्नौज जिले में 4 स्थानों का चयन किया गया है. किसान अपनी अन उपजाऊ जमीन पर सौर ऊर्जा का प्लांट स्थापित करके 24 घंटे बिजली पाने के साथ-साथ अपनी आमदनी भी बढ़ा सकते हैं. योजना के तहत किसान अपनी भूमि पर प्लांट लगवा सकते है या फिर भूमि को प्लांट के लिए किराए पर दे सकते है. प्लांट लगाने वाली कंपनी को जो मुनाफा होगा उसके हिसाब से किसान को जमीन का किराया दिया जाएगा.

यूपी की नेडा ने इत्रनगरी में सर्वे करके 4 स्थानों पर सौर ऊर्जा की सबसे अच्छी मात्रा पाई गई है. इन 4 स्थानों में तिर्वा, नजरापुर, जलालपुर व पंप कैनाल का क्षेत्र है. विद्युत विभाग ने किसानों को प्लांट लगवाने के लिए जागरूक करना शुरू कर दिया है. इस योजना से किसान की आय में बढ़ेंगी.

इत्रनगरी के अन्नदाता से बनेगे ऊर्जादाता

बता दें कि किसानों को सस्ती दर पर बिजली मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री कुसुम योजना संचालित की जा रही है. इस योजना के तहत किसान, किसान समूह, बंजर और कृषि भूमि पर सौर ऊर्जा का प्लांट स्थापित कर सकते है. इसके अलावा कंपनी को अपनी जमीन पर प्लांट लगाने के लिए 25 साल तक किराए पर दे सकते हैं.

इस योजना के तहत किसान विद्युत सब स्टेशन से 5 किलोमीटर के दायरे में अपनी खाली जमीन पर सोलर प्लांट लगवा सकता है. विद्युत विभाग के तिर्वा एसडीओ कुलदीप राजपूत ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य किसानों की आय दोगुनी करने व समय से और सुरक्षित बिजली उपलब्ध कराना है. इस योजना को पीएम कुसुम योजना नाम दिया गया है. इसका मुख्य उदेश्य है किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान है.

एसडीओ कुलदीप राजपूत ने बताया कि अभी भी अधिकांश क्षेत्रों में किसान नलकूप चलाने के लिए डीजल चलित इंजनों का प्रयोग करते हैं. इस योजना से किसानों को डीजल पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. किसान अपनी अन उपजाऊ जमीन को किराए पर देकर उसमें प्लांट लगवा सकते हैं. किसान स्वयं प्लांट लगाकर कमाई कर सकते है. प्लांट लगने से लोकल स्तर पर बिजली बनेगी. जिससे उसके आसपास के फीडरों व नलकूपों पर बिजली मुहैया कराई जाएगी.

इसे पढ़ें- देश के पहले CDS बिपिन रावत का अंतिम सफर, 17 तोपों से दी गई सलामी

कन्नौज : प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसानों की बंजर भूमि पर सोलर प्लांट लगाने के लिए कन्नौज जिले में 4 स्थानों का चयन किया गया है. किसान अपनी अन उपजाऊ जमीन पर सौर ऊर्जा का प्लांट स्थापित करके 24 घंटे बिजली पाने के साथ-साथ अपनी आमदनी भी बढ़ा सकते हैं. योजना के तहत किसान अपनी भूमि पर प्लांट लगवा सकते है या फिर भूमि को प्लांट के लिए किराए पर दे सकते है. प्लांट लगाने वाली कंपनी को जो मुनाफा होगा उसके हिसाब से किसान को जमीन का किराया दिया जाएगा.

यूपी की नेडा ने इत्रनगरी में सर्वे करके 4 स्थानों पर सौर ऊर्जा की सबसे अच्छी मात्रा पाई गई है. इन 4 स्थानों में तिर्वा, नजरापुर, जलालपुर व पंप कैनाल का क्षेत्र है. विद्युत विभाग ने किसानों को प्लांट लगवाने के लिए जागरूक करना शुरू कर दिया है. इस योजना से किसान की आय में बढ़ेंगी.

इत्रनगरी के अन्नदाता से बनेगे ऊर्जादाता

बता दें कि किसानों को सस्ती दर पर बिजली मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री कुसुम योजना संचालित की जा रही है. इस योजना के तहत किसान, किसान समूह, बंजर और कृषि भूमि पर सौर ऊर्जा का प्लांट स्थापित कर सकते है. इसके अलावा कंपनी को अपनी जमीन पर प्लांट लगाने के लिए 25 साल तक किराए पर दे सकते हैं.

इस योजना के तहत किसान विद्युत सब स्टेशन से 5 किलोमीटर के दायरे में अपनी खाली जमीन पर सोलर प्लांट लगवा सकता है. विद्युत विभाग के तिर्वा एसडीओ कुलदीप राजपूत ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य किसानों की आय दोगुनी करने व समय से और सुरक्षित बिजली उपलब्ध कराना है. इस योजना को पीएम कुसुम योजना नाम दिया गया है. इसका मुख्य उदेश्य है किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान है.

एसडीओ कुलदीप राजपूत ने बताया कि अभी भी अधिकांश क्षेत्रों में किसान नलकूप चलाने के लिए डीजल चलित इंजनों का प्रयोग करते हैं. इस योजना से किसानों को डीजल पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. किसान अपनी अन उपजाऊ जमीन को किराए पर देकर उसमें प्लांट लगवा सकते हैं. किसान स्वयं प्लांट लगाकर कमाई कर सकते है. प्लांट लगने से लोकल स्तर पर बिजली बनेगी. जिससे उसके आसपास के फीडरों व नलकूपों पर बिजली मुहैया कराई जाएगी.

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