कन्नौज : जिले में डेंगू, मलेरिया व वायरल फीवर का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. डेंगू की चपेट में आने की वजह से लोगों की मौतें भी हो रही है. हालांकि इस बीच स्वास्थ्य विभाग के डेंगू से लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार होने का दावा कर रहा है. लेकिन छिबरामऊ कस्बा स्थित सौ शैय्या अस्पताल में पर्याप्त दवाएं तक उपलब्ध नहीं हैं.
अस्पताल में भर्ती बुखार पीड़ित मरीजों को दवाएं नहीं पा रहीं हैं. ऐसे में मरीजों को बाहर के मेडिकल स्टोर से दवाएं खरीदनी पड़ रहीं हैं. आलम ये है कि दवाएं उपलब्ध कराने के लिए कहने पर डॉक्टर मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में रेफर कराने की सलाह दे देते है.
क्या है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश सरकार भले ही सरकारी अस्पतालों में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का दावा करती हो लेकिन कन्नौज जिले में इसकी हकीकत ठीक इसके विपरीत है. जिले में स्वास्थ्य सेवाएं वेंटिलेटर पर हैं.
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आलम ये है कि छिबरामऊ के दिलू नगला गांव स्थित सौ शैय्या अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में दवाएं तक उपलब्ध नहीं है. अस्पताल में भर्ती मरीजों को बुखार की दवाएं तक नहीं मिल रही हैं. गरीब मरीजों को बाहर मेडिकल स्टोर से मंहगी दवाएं खरीदनी पड़ती हैं. अस्पताल में ग्लूकोज की बोतल के अलावा और कुछ नहीं मिलता. वहीं यहां तैनात डॉक्टर भी समय से ड्यूटी पर नहीं आते.
यहां भर्ती मरीजों के अनुसार रोजाना हजारों रुपये की दवाएं बाहर मेडिकल स्टोर से खरीदकर लानी पड़ती है. अस्पताल में सिर्फ डॉक्टर और बेड की सुविधा मिल रही है. वहीं, सीएमएस डॉ. राजेश कुमार तिवारी ने बताया कि उन्हें नहीं लगता कि मरीजों को बाहर से दवा खरीदनी पड़ रही है. दवाएं न मिलने की किसी मरीज ने शिकायत नहीं की है. अगर कोई लिखित शिकायत करेगा तो कार्रवाई की जाएगी.