कन्नौजः बहुजन समाज पार्टी आगामी 2022 विधानसभा चुनाव की तैयारी में लगी है. बसपा प्रदेश में ब्राह्मणों को एकजुट करने की जिम्मेदारी बसपा के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद सतीश मिश्रा (BSP National General Secretary Satish Chandra Mishra) को दी गई है. इसी कड़ी में मंगलवार को सतीश मिश्रा इत्र नगरी अपनी ससुराल पहुंचे. शहर के एक निजी गेस्ट हाउस में आयोजित प्रबुद्ध सम्मेलन में हिस्सा लिया और सपा और भाजपा पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि इत्रनगरी से उनका 41 साल पहले ही रिश्ता जुड़ गया था. प्रदेश के हालातों को देखकर अफसोस होता है. बीजेपी सिर्फ राम के नाम पर वोट मांगती हैं. बीजेपी धर्म के ठेकेदार बनी हुई है. रामलला के मंदिर निर्माण के लिए जो चंदा इकट्ठा किया गया उसमें बीजेपी धांधली कर रही है.
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सम्मेलन को संबोधित करते हुए कि सतीश मिश्रा ने सपा-भाजपा एक ही है. जब प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी थी, तो भाजपा व कांग्रेस ने समर्थन दिया था. समाजवादी पार्टी की एक सोच है और एक ही कार्य करने का तरीका है. उनके कार्यकाल में लूट, हत्या, माफियागर्दी, दहशतगर्दी, दंगे बलात्कार चरम सीमा पर थे. सपा जब-जब सरकार में लौटी है उन्होंने अपनी एक अलग छाप छोड़ी. सपा ने अपने कार्यकाल में कन्नौज में भी ऐसी ही एक अलग छाप छोड़ी है जिसे पूरा देश शर्मिंदा होता है. छिबरामऊ हत्याकांड पर बोलते हुए सपा के मुखिया नाराज होकर लखनऊ चले गए थे. जिसके बाद उन्होंने आदेश दिया था कि नीरज मिश्रा सिर लखनऊ में चाहिए. कुछ दिन बाद मिश्रा का सिर कटा हुआ शव बरामद हुआ था. सपा ने अपने कार्यकाल में ब्राह्मणों का खूब अपमान किया है. साल 2002 के चुनाव में यूपी में सिर्फ 6 या 7 एमएलए विधानसभा में बचे थे. ब्राह्मण यूपी में शून्य पर पहुंच गया था. लेकिन बसपा पार्टी ने ब्राह्मणों का मान सम्मान रखते हुए चुनाव लड़ा कर विधानसभा तक पहुंचाया. इतना ही नहीं सपा-भाजपा ने मिलकर बहन मायावती व उनके परिजनों पर 110 मुकदमा लगा दिए. लेकिन वह लोग एक भी मुकदमा नहीं जीत पाए.
आज की स्थिति के लिए ब्राह्मण खुद जिम्मेदार
सतीश मिश्रा ने कहा कि ब्राह्मण आज जिस स्थिति में उसका जिम्मेदार खुद ब्राह्मण है. ब्राह्मण समाज आपस में बटवारा किए हुए हैं. वह अपने समाज के लोगों को बढ़ता नहीं देख सकता है. अगर कोई व्यक्ति बढ़ा रहा है तो उसको खींचने में लगे रहेंगे. बंटवारा कर कहते हैं कि हम 20 विसवा, 16 विसवा, 12 विसवा के ब्राह्मण हैं. तुम कान्यकुब्ज ब्राह्मण हो, तुम सानिध्य ब्राह्मण हो, वह सरयूपारी ब्राह्मण है. इस तरह आपस में बंटवारा कर रखा है. जिस दिन ब्राह्मण जाति से नहीं सिर्फ ब्राह्मण के नाम से जानें जाएंगे. तब आप अपनी ताकत का अंदाजा नहीं लगा सकते कि 16 प्रतिशत ब्राह्मण चुनाव में क्या भूमिका निभा सकते हैं.
राम के नाम पर बीजेपी वाले मांगते वोट
सतीश मिश्रा ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी वाले सिर्फ राम के नाम पर वोट मांगते हैं. कभी सीता माता के नाम पर वोट मांगते नहीं देखा. बीजेपी वाले धर्म के ठेकेदार बने हुए हैं. बीजेपी ने मंदिर के नाम पर सन 1993 से चंदा मांग कर रुपये एकत्रित कर रही है, जो लाखों-करोड़ों में है. चंदा के रुपये बीजेपी अपने चुनाव में खर्च कर रही है. मंदिर की भूमि पूजन के नाम पर पांच ईंटो का पूजन किया गया. मंदिर की नींव रखने के नाम पर लोगों को धोखा दिया गया है.
सरकार बनने पर बिकरु कांड की होगी जांच
सतीश मिश्र ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने बिकरु कांड के नाम पर न जाने कितनों की हत्या कर दी है. हरियाणा में काम करने वाले 17 साल के युवक को लाकर उसकी हत्या कर दी गई. बिकरु कांड के नाम पर ब्राह्मणों को एक लाइन से हत्या की गई है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में उनकी सरकार बनने पर विकरु कांड की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी. सतीश चंद्र मिश्रा ने ने कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों के लिए किसी आत्महत्या करने से कम नहीं है. क्योंकि यह कानून उद्योगपतियों को किसानों की जमीन दिलाने के लिए बनाए गए हैं. किसान आत्महत्या कर रहे हैं लेकिन सरकार को दिखाई नहीं दे रहा है.