कन्नौज : आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे में अधिगृहीत जमीन का ग्रामीणों ने लेखपाल से सांठगांठ कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर दूसरे की जमीन का फर्जी बैनामा कर दिया. फर्जी बैनामा करने के बाद ग्रामीणों ने सरकार से करोड़ों रुपए मुआवजा भी ले लिया. खेत का बैनामा होने व मुआवजा धनराशि किसी और को मिलने की जानकारी होने पर खेत मालिक के होश उड़ गए. पीड़ित ने जब लेखपाल व ग्रामीणों से फर्जी बैनामा करने पर विरोध किया तो गाली गलौज कर जान से मारने की धमकी देते हुए उसे भगा दिया गया. पीड़ित खेत मालिक की शिकायत पर पुलिस ने लेखपाल सहित आठ लोगों के खिलाफ सौरिख थाना में रिपोर्ट दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है.
क्या है पूरा मामला
सौरिख नगर पंचायत अध्यक्ष के प्रतिनिधि शशांक चतुर्वेदी की गाटा संख्या 907 रकवा 0.6230 हेक्टेयर जमीन हुसेपुर मौजा में है. उसी गाटे में सुल्तानपुर निवासी राजाराम पुत्र गोपाल, जबर सिंह, सुरेश, प्रकाश पुत्र महावीर, तेज सिंह, जबर सिंह, भूरे सिंह पुत्रगण निरूपति सह खातेदार हैं. आरोप है कि इन सभी लोगों ने लेखपाल सर्वेश यादव के साथ सांठगांठ कर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे निर्माण में अपने हिस्से से अधिक जमीन का फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन का बैनामा कर दिया. बताया कि सभी लोगों ने उसकी जमीन का बैनामा कर मुआवजा राशि ले ली. फर्जी दस्तावेजों से बैनामा होने की जानकारी होने पर शंशाक चतुर्वेदी ने अधिकारियों से शिकायत की. साथ ही ग्रामीणों से गांव जाकर मामले की शिकायत की. इस पर सभी लोगों ने गाली गलौज कर जान से मारने की धमकी देते हुए पीड़ित को भगा दिया.
आठ लोगों पर केस दर्ज
पीड़ित शशांक चतुर्वेदी ने बीते शुक्रवार को मामले की शिकायत सौरिख पुलिस से की. पुलिस की तहरीर के आधार पर लेखपाल सर्वेश यादव के अलावा सुल्तानपुर निवासी राजाराम पुत्र गोपाल, जबर सिंह, सुरेश, प्रकाश पुत्र महावीर, तेज सिंह, जबर सिंह, भूरे सिंह पुत्रगण निरूपति के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 504, 506 में मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है.