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कन्नौज: अस्पताल में बच्चा बदलने का विवाद, कराया जाएगा डीएनए टेस्ट - नवजात बच्ची को होगा डीएनए टेस्ट

यूपी के कन्नौज जिला अस्पताल में प्रसव के बाद बच्चा बदलने के मामले में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. परिजनों ने बच्ची लेने से इनकार कर दिया है. ऐसे में अब बच्ची का डीएनए टेस्ट कराने का फैसला लिया गया है.

अस्पताल में हंगामा करते पीड़ित लोग
अस्पताल में हंगामा करते पीड़ित लोग
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Published : Sep 12, 2020, 8:43 PM IST

कन्नौजः जिला अस्पताल की महिला विंग में प्रसव के बाद बच्चा बदलने के मामले में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. परिजनों ने बच्ची लेने से इनकार कर दिया है, जिसके बाद अब बच्ची का डीएनए टेस्ट कराने का फैसला लिया गया है. इसके बाद मामले की हकीकत सामने आ सकेगी. आरोप है कि पुलिस ने पीड़ित परिजनों की रिपोर्ट लिखने की बजाय चलता कर दिया. वहीं परिजनों की मांग पर मृतक प्रसूता का पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया.

दरअसल शुक्रवार को सदर कोतवाली क्षेत्र के बेला बस्ती गांव निवासी आकाश की 28 वर्षीय पत्नी आरती को प्रसव पीड़ा होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां डिलीवरी के बाद आरती की मौत हो गई थी. इसके बाद परिजनों ने कर्मचारियों पर बच्चा बदलने का आरोप लगाकर हंगामा शुरू कर दिया था.

मृतक महिला के पति आकाश का आरोप है कि पत्नी ने बेटे को जन्म दिया था, लेकिन अस्पताल के कर्मचारी बेटी थमा रहे हैं. साथ ही अस्पताल प्रशासन ने प्रसव के दौरान लापरवाही भी बरती है. इसके बाद पीड़ित परिवार देर रात सदर कोतवाली पहुंचकर कर्मचारियों पर बच्चा बदलने का आरोप लगाकर रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग करता रहा.

आरोप है कि पुलिस ने कार्रवाई करने के बजाए पीड़ित परिवार को टरका दिया. शनिवार को मृतक महिला के परिजनों ने दोबारा अस्पताल पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया. इसके बाद सीएमएस ने बच्चे का डीएनए टेस्ट कराने का भरोसा दिलाया तब जाकर परिजन किसी तरह शांत हुए. इसके अलावा मृतका का पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया. सीएमएस डॉ. शक्ति बसु का कहना है कि अस्पताल के तीनों रजिस्टर पर फीमेल चाइल्ड दर्ज है. मामले की सत्यता जांचने के लिए बच्ची का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा, जिसके बाद हकीकत खुद ही सामने आ जाएगी.

कन्नौजः जिला अस्पताल की महिला विंग में प्रसव के बाद बच्चा बदलने के मामले में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. परिजनों ने बच्ची लेने से इनकार कर दिया है, जिसके बाद अब बच्ची का डीएनए टेस्ट कराने का फैसला लिया गया है. इसके बाद मामले की हकीकत सामने आ सकेगी. आरोप है कि पुलिस ने पीड़ित परिजनों की रिपोर्ट लिखने की बजाय चलता कर दिया. वहीं परिजनों की मांग पर मृतक प्रसूता का पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया.

दरअसल शुक्रवार को सदर कोतवाली क्षेत्र के बेला बस्ती गांव निवासी आकाश की 28 वर्षीय पत्नी आरती को प्रसव पीड़ा होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां डिलीवरी के बाद आरती की मौत हो गई थी. इसके बाद परिजनों ने कर्मचारियों पर बच्चा बदलने का आरोप लगाकर हंगामा शुरू कर दिया था.

मृतक महिला के पति आकाश का आरोप है कि पत्नी ने बेटे को जन्म दिया था, लेकिन अस्पताल के कर्मचारी बेटी थमा रहे हैं. साथ ही अस्पताल प्रशासन ने प्रसव के दौरान लापरवाही भी बरती है. इसके बाद पीड़ित परिवार देर रात सदर कोतवाली पहुंचकर कर्मचारियों पर बच्चा बदलने का आरोप लगाकर रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग करता रहा.

आरोप है कि पुलिस ने कार्रवाई करने के बजाए पीड़ित परिवार को टरका दिया. शनिवार को मृतक महिला के परिजनों ने दोबारा अस्पताल पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया. इसके बाद सीएमएस ने बच्चे का डीएनए टेस्ट कराने का भरोसा दिलाया तब जाकर परिजन किसी तरह शांत हुए. इसके अलावा मृतका का पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया. सीएमएस डॉ. शक्ति बसु का कहना है कि अस्पताल के तीनों रजिस्टर पर फीमेल चाइल्ड दर्ज है. मामले की सत्यता जांचने के लिए बच्ची का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा, जिसके बाद हकीकत खुद ही सामने आ जाएगी.

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