कन्नौज: कोरोना महामारी का खतरा अभी थमा ही था कि अब डेंगू व वायरल फीवर ने जिले में पैर पसारना शुरू कर दिया. तिर्वा कोतवाली क्षेत्र के रतापुरवा गांव में तीन दिन के भीतर मां-बेटी की डेंगू से मौत हो गई. दोनों का इलाज कानपुर के एक निजी अस्पताल में चल रहा था. पहले मां की डेंगू से मौत हुई. उसके ठीक तीन दिन बाद बेटी की भी इलाज के दौरान मौत हो गई.
जिले के तिर्वा कोतवाली क्षेत्र के रतापुरवा गांव निवासी पूनम देवी (38) पत्नी ध्रुव सिंह को बीते 18 अगस्त को तेज बुखार आने पर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था जहां हालत में सुधार न होने पर कानपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था.
यहां 22 अगस्त को उनकी मौत हो गई. जांच में डेंगू की पुष्टि हुई थी. मां की मौत वाले दिन ही नौ वर्षीय बेटी रोली भी बीमार पड़ गई. आराम न मिलने पर परिजन कानपुर के उसी अस्पताल में बेटी का इलाज कराने के लिए लेकर पहुंचे. यहां जांच के बाद वह भी डेंगू से संक्रमित पाई गई और तीन दिन बाद उसकी मौत हो गई.
एक साथ दो लोगों की मौत से परिवार में दुख का पहाड़ टूट पड़ा है. वहीं, डेंगू से मौत होने की जानकारी होने पर ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है. मृतका पूनम देवी के भतीजे दीपेंद्र ने बताया कि चाची को बुखार आ रहा था.
पहली बार जांच नॉर्मल आई थी लेकिन उसके बाद फिर तबियत बिगड़ गई. कानपुर में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. अंतिम संस्कार के बाद रोली की हालत बिगड़ गई. उसकी भी इलाज के दौरान मौत हो गई. ग्रामीणों के मुताबिक गांव में कई लोग वायरल फीवर की चपेट में है. ग्रामीणों ने गांव में साफ सफाई व स्वास्थ्य कैंप लगाकर जांच कराए जाने की मांग की है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग को डेंगू से मौत होने की जानकारी तक नहीं है.
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