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कन्नौजः नहर हादसे में लापता हर्ष का नहीं चल सका पता, 6 जिंदगी खोने के गम में नम हैं आंखे

यूपी के कन्नौज में हुए नहर हादसे में लापता हर्ष का अभी तक कुछ पता नहीं चल सका है. पुलिस विभाग की टीम ने शुक्रवार को भी निचली गंग नहर में 10 किलोमीटर तक नहर की तलहटी खंगाली, लेकिन हर्ष का पता नहीं चल सका.

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Published : Feb 7, 2020, 6:49 PM IST

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नहर में तलाश करती पुलिस

कन्नौजः उमर्दा स्थित निचली गंग नहर में बुधवार सुबह हुए हादसे में लापता हर्ष का तीसरे दिन भी पता नहीं चल पाया है. पुलिस विभाग की टीम लगातार नहर में पड़ताल कर रही है. अब पुलिस अधिकारियों को अंदेशा होने लगा है कि बच्चा बहुत छोटा था, हो सकता है कोई जानवर ने उस पर अटैक कर दिया हो, जबकि नहर से एक पर्स मिली है जो हादसे में मृत हो चुकी सिपाही की पत्नी की बताई जा रही है.

चीख-पुकार और सिसकियों से गूंज रहा घर.

इन लोगों की हो चुकी है मौत
बुधवार को निचली गंग नहर में कार गिरने से सिपाही गौरव की पत्नी, दो बेटियां, बहन मोनी उर्फ मोहिनी, भांजा कृष्णा की मौत हो गई थी. हादसे के दौरान मोनी का पांच माह का बेटा हर्ष लापता हो गया था, उसकी तलाश चल रही है. गुरुवार से बाढ़ राहत दल की 43वीं वाहिनी के नौ सदस्यीय दल ने स्टीमर से लगातार तलाश कर रही है, लेकिन अभी तक हर्ष का पता नहीं चल पाया है.

तलाश के दौरान मिला है पर्श
मासूम हर्ष की तलाश के लिए नहर में जाल बंधवाया गया है. तलाश के दौरान टीम को एक पर्स मिला है. इसमें शृंगार के सामान के साथ एक सोने की अंगूठी मिली है. सिपाही गौरव ने पर्स को पत्नी पप्पी उर्फ प्रिया का बताया है. हर्ष की तलाश के दौरान तहसीलदार विशेश्वर सिंह, इंदरगढ़ थाना प्रभारी सुजीत कुमार मौजूद रहे.

कार में 4 महिलाएं और 5 बच्चों सहित 10 लोग थे सवार
ठठिया थानाक्षेत्र के मिरुअनमढ़ा में रहने वाले 32 वर्षीय गौरव भदौरिया पुत्र योगेंद्र भदौरिया लखनऊ में सिपाही के पद पर तैनात थे. वह रिश्तेदारी में हो रही एक गोद भराई के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जा रहे थे. कार में गौरव और उसकी 27 वर्षीय पत्नी पप्पी, 5 वर्षीय पुत्री शुभि, डेढ़ साल की लाडो, 28 वर्षीय बड़ी बहन मोहिनी और उनका पांच माह का बेटा हर्ष, 26 वर्षीय छोटी बहन सोनी और उनका 10 साल का बेटा कृष्णा, चार साल की बेटी आयुषी और 55 वर्षीय मां रेखा सवार थे. बुधवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे चटरुआपुर गांव के पास हादसा हो गया था.

यह भी पढे़ंः-कन्नौज: कार निचली गंग नहर में गिरी, 5 की मौत, चार घायल, एक बच्चा लापता


चीख-पुकार और सिसकियों से गूंज रहा घर
पोस्टमार्टम के बाद गुरुवार दोपहर सभी पांच मृतकों का शव उनके घर मिरुअन मढ़ा पहुंचा. सिपाही गौरव की मां रेखा देवी और परिवार के अन्य लोगों को ढांढस बंधाने के लिए बढ़ी संख्या में ग्रामीण पहुंच गए. हर कोई तरह-तरह की बातें कर हादसे से पीड़ित परिवार को सांत्वना देने का प्रयास कर रहा था.

एक साथ पांच लोगों की मौत से गांव में सन्नाटा है. हर कोई हादसे से विचलित है. हादसे में परिवार को खोने के गम में गौरव और उसकी मां रेखा देवी की चीख-पुकार गलियों में गूंज रही है. कल तक जिस घर में बच्चों की किलकारियां गूंजती थीं, वहां चीख-पुकार और सिसकियों की आवाज सुनाई दे रही है.

शुक्रवार को फिर से हर्ष की तलाश में टीम नहर में बच्चे की तलाश कर रही है, लेकिन अभी तक बच्चा नहीं मिला है. तलाश जारी है बच्चा छोटा होने के कारण नहर में छोटे-मोटे जानवर के अटैक करने की भी की संभावना है.
ज्ञान प्रकाश अग्निहोत्री, कम्पनी कमांडर

कन्नौजः उमर्दा स्थित निचली गंग नहर में बुधवार सुबह हुए हादसे में लापता हर्ष का तीसरे दिन भी पता नहीं चल पाया है. पुलिस विभाग की टीम लगातार नहर में पड़ताल कर रही है. अब पुलिस अधिकारियों को अंदेशा होने लगा है कि बच्चा बहुत छोटा था, हो सकता है कोई जानवर ने उस पर अटैक कर दिया हो, जबकि नहर से एक पर्स मिली है जो हादसे में मृत हो चुकी सिपाही की पत्नी की बताई जा रही है.

चीख-पुकार और सिसकियों से गूंज रहा घर.

इन लोगों की हो चुकी है मौत
बुधवार को निचली गंग नहर में कार गिरने से सिपाही गौरव की पत्नी, दो बेटियां, बहन मोनी उर्फ मोहिनी, भांजा कृष्णा की मौत हो गई थी. हादसे के दौरान मोनी का पांच माह का बेटा हर्ष लापता हो गया था, उसकी तलाश चल रही है. गुरुवार से बाढ़ राहत दल की 43वीं वाहिनी के नौ सदस्यीय दल ने स्टीमर से लगातार तलाश कर रही है, लेकिन अभी तक हर्ष का पता नहीं चल पाया है.

तलाश के दौरान मिला है पर्श
मासूम हर्ष की तलाश के लिए नहर में जाल बंधवाया गया है. तलाश के दौरान टीम को एक पर्स मिला है. इसमें शृंगार के सामान के साथ एक सोने की अंगूठी मिली है. सिपाही गौरव ने पर्स को पत्नी पप्पी उर्फ प्रिया का बताया है. हर्ष की तलाश के दौरान तहसीलदार विशेश्वर सिंह, इंदरगढ़ थाना प्रभारी सुजीत कुमार मौजूद रहे.

कार में 4 महिलाएं और 5 बच्चों सहित 10 लोग थे सवार
ठठिया थानाक्षेत्र के मिरुअनमढ़ा में रहने वाले 32 वर्षीय गौरव भदौरिया पुत्र योगेंद्र भदौरिया लखनऊ में सिपाही के पद पर तैनात थे. वह रिश्तेदारी में हो रही एक गोद भराई के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जा रहे थे. कार में गौरव और उसकी 27 वर्षीय पत्नी पप्पी, 5 वर्षीय पुत्री शुभि, डेढ़ साल की लाडो, 28 वर्षीय बड़ी बहन मोहिनी और उनका पांच माह का बेटा हर्ष, 26 वर्षीय छोटी बहन सोनी और उनका 10 साल का बेटा कृष्णा, चार साल की बेटी आयुषी और 55 वर्षीय मां रेखा सवार थे. बुधवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे चटरुआपुर गांव के पास हादसा हो गया था.

यह भी पढे़ंः-कन्नौज: कार निचली गंग नहर में गिरी, 5 की मौत, चार घायल, एक बच्चा लापता


चीख-पुकार और सिसकियों से गूंज रहा घर
पोस्टमार्टम के बाद गुरुवार दोपहर सभी पांच मृतकों का शव उनके घर मिरुअन मढ़ा पहुंचा. सिपाही गौरव की मां रेखा देवी और परिवार के अन्य लोगों को ढांढस बंधाने के लिए बढ़ी संख्या में ग्रामीण पहुंच गए. हर कोई तरह-तरह की बातें कर हादसे से पीड़ित परिवार को सांत्वना देने का प्रयास कर रहा था.

एक साथ पांच लोगों की मौत से गांव में सन्नाटा है. हर कोई हादसे से विचलित है. हादसे में परिवार को खोने के गम में गौरव और उसकी मां रेखा देवी की चीख-पुकार गलियों में गूंज रही है. कल तक जिस घर में बच्चों की किलकारियां गूंजती थीं, वहां चीख-पुकार और सिसकियों की आवाज सुनाई दे रही है.

शुक्रवार को फिर से हर्ष की तलाश में टीम नहर में बच्चे की तलाश कर रही है, लेकिन अभी तक बच्चा नहीं मिला है. तलाश जारी है बच्चा छोटा होने के कारण नहर में छोटे-मोटे जानवर के अटैक करने की भी की संभावना है.
ज्ञान प्रकाश अग्निहोत्री, कम्पनी कमांडर

Intro:बुधवार को हुए हादसे में अभी तक नहीं मिला हर्ष, तलाश जारी, एक ही परिवार की 6 जिंदगी खोने के गम में नम है आँखे

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कन्नौज के उमर्दा स्थित निचली गंग नहर में बुधवार सुबह एक बड़ा हादसा हुआ था गया। जिसमे नहर की सकरी सड़क  से गुजर रही सिपाही की कार बाइक सवार को रास्ता देने के प्रयास में अनियंत्रित होकर नहर में जा गिरी थी । इस हादसे में सिपाही की पत्नी, दो बच्चे, बहन और भांजे की मौत हो गई थी  और उनकी मां, बहन और भांजी को मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया है। तो वहीँ एक पांच माह का भांजा नदी के तेज बहाव में कहीं लापता हो गया जिसकी तलाश में जुटा बाढ़ राहत दल 43 वीं वाहिनी (पीएसी) एटा ने दस किलोमीटर तक सुबह से शाम तक नहर की तलहटी खंगाली। अंधेरा होने पर टीम ने अभियान रोक दिया और फिर आज शुक्रवार सुबह होते ही हर्ष की तलाश शुरू कर दी गयी लेकिन अभी तक हर्ष का कहीं भी पता नहीं चल सका है। 

बुधवार को निचली गंग नहर उमर्दा में कार गिरने से सिपाही गौरव की पत्नी, दो बेटियों, बहन मोनी उर्फ मोहिनी, भांजे कृष्णा की मौत हो गई थी। हादसे के दौरान मोनी का पांच माह का बेटा हर्ष लापता हो गया था। उसकी तलाश चल रही है। गुरुवार को बाढ़ राहत दल 43 वीं वाहिनी एटा के नौ सदस्यीय दल ने स्टीमर से घटनास्थल से लोहिया पुल तक करीब दस किलोमीटर की दूरी तक निचली गंग नहर की तलहटी खंगाली। इसके बाद भी उसका कहीं भी पता नहीं चल सका। मासूम हर्ष की तलाश के लिए नहर में जाल बंधवाया गया। गंग नहर में लापता हर्ष की तलाश के दौरान टीम को एक पर्स मिला है। इसमें शृंगार के सामान के साथ एक सोने की अंगूठी मिली। सिपाही गौरव ने पर्स को पत्नी पप्पी उर्फ प्रिया का बताया है।

Body:कार में 4 महिलाएं और 5 बच्चों सहित 10 लोग थे सवार

ठठिया थानाक्षेत्र के मिरुअनमढ़ा में रहने वाले 32 वर्षीय गौरव भदौरिया पुत्र योगेंद्र भदौरिया प्रयागराज में सिपाही के पद पर तैनात थे। पिछले हफ्ते ही उनका तबादला लखनऊ में हुआ। रविवार को वह अवकाश लेकर घर आए थे। गौरव ने एक माह पहले स्विफ्ट डिजायर कार खरीदी थी। सौरिख के बरेही गांव में रहने वाली मौसेरी बहन की गोद भराई कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गौरव अपनी 27 वर्षीय पत्नी पप्पी, 5 वर्षीय पुत्री शुभि, डेढ़ साल की लाडो व 28 वर्षीय बड़ी बहन मोहिनी पत्नी भानू प्रताप निवासी ऊसराहार इटावा, बहन मोहिनी के पांच माह के बेटे हर्ष, 26 वर्षीय छोटी बहन सोनी पत्नी सुधीर निवासी कमरोल, फर्रुखाबाद, सोनी के 10 साल के बेटे कृष्णा, चार साल की बेटी आयुषी और 55 वर्षीय मां रेखा पत्नी योगेंद्र भदौरिया को साथ लेकर अपने एक रिश्तेदार को साथ लेने के लिए भदौरियनपुर्वा गांव जा रहे थे कि उसी समय सुबह करीब साढ़े आठ बजे चटरुआपुर गांव के पास हादसा हो गया।

ग्रामीणों ने कार में फंसे लोगों को नहर से निकाला

हादसा होते देख पुलिस की तैयारी के लिए दौड़ लगा रहे चटरुआपुर निवासी नीलू ने कार को नहर में पलटते देख पानी में छलांग लगा दी। शोर मचाकर बाकी गांव वालों को बुला लिया। नीलू और ग्रामीणों ने कार को सीधा कर शीशे तोड़े। इसके बाद कार में फंसे लोगों को बाहर निकाला। पांच माह के हर्ष के अलावा कार में सवार सभी नौ लोगों को बाहर निकाल लिया गया। इनमें मौके पर तत्काल इलाज न मिल पाने के कारण पप्पी, लाडो, शुभि, मोहिनी और कृष्णा ने दम तोड़ दिया। गौरव, सोनी, आयुषी और रेखा को गंभीर हालत में मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया।

हादसे के बाद शासन-प्रशासन की लापरवाही पर ग्रामीणों का आक्रोश

हादसे की जानकारी पर डीएम रवींद्र कुमार और एसपी अमरेंद्र प्रसाद सिंह के अलावा इंदरगढ़, ठठिया, तालग्राम, तिर्वा और कन्नौज कोतवाली की पुलिस मौके पर पहुंच गई। पांच एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की दो गाड़ी मौके पर आ गईं। चीखपुकार के बीच पुलिस ने शव को उठाने का प्रयास किया तो परिजन और ग्रामीण पुलिस से भिड़ गए। परिजनों का आरोप था कि जब नहर से शव निकाले गए तब मोहिनी और लाडो की सांसें चल रही थीं।बचाव कार्य में शामिल नीलू ने बताया कि उसने पहले डायल 112 और एंबुलेंस के लिए 108 पर कॉल की। इसके बाद उमर्दा चौकी जाकर पुलिस को सूचना दी। काफी देर तक कोई नहीं पहुंचा तो उसने एसपी को फोन कर हादसे की जानकारी दी। इसके बाद पुलिस मौके पर आई। उमर्दा चौकी से करीब डेढ़ किमी की दूरी तय करने में पुलिस को एक घंटे का वक्त लग गया। पुलिस समय पर आकर घायलों को अस्पताल में भर्ती करा देती तो शायद दो लोगों की जान बच जाती। इसी बात से नाराज परिजनों ने हंगामा कर पुलिस से झड़प की। परिजन मांग कर रहे थे कि जब तक लापता बच्चा नहीं मिल जाता, शव नहीं उठने देंगे। लापरवाह पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की। डीएम ने नहर विभाग के एक्सईएन को बुलाकर उमर्दा पुल से जाल बंधवाकर बच्चे की तलाश शुरू कराई।

Conclusion:शासन ने लिया पूरे मामले का संज्ञान, अभी तक नहीं मिला हर्ष

हादसे की जानकारी जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने कमिश्नर कानपुर को दी। उधर एसपी अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने आईजी को पूरे मामले से अवगत कराया। इसके बाद शासन स्तर से हादसे की रिपोर्ट तलब कर ली गई। इसे आनन फानन में भेजा गया। हादसे का कारण बाइक सवार को बचाने में कार के अनियंत्रित होकर नहर में पलटना बताया गया है। कार हादसे में लापता छह माह के हर्ष का आज तीसरे दिन भी पता नहीं लग सका है। गुरूवार को मासूम की तलाश में बाढ़ राहत दल 43 वीं वाहिनी (पीएसी) एटा ने दस किलोमीटर तक सुबह से शाम तक नहर की तलहटी खंगाली। अंधेरा होने पर टीम ने अभियान रोक दिया। जिसके बाद शुक्रवार सुबह होते ही हर्ष की तलाश शुरू कर दी गयी है।

पोस्टमार्टम के बाद घर पहुंचे परिजनों को हर कोई ढांढस बंधाने की कर रहा कोशिश

पोस्टमार्टम के बाद गुरुवार दोपहर पीड़ित परिवार मिरुअन मढ़ा पहुंचा। सिपाही गौरव की मां रेखा देवी और परिवार के अन्य लोगों को ढांढस बंधाने के लिए बढ़ी संख्या में ग्रामीण पहुंच गए। हर कोई तरह-तरह की बातें कर हादसे से पीड़ित परिवार को सांत्वना देने का प्रयास कर रहा था। एक साथ पांच लोगों की मौत से गांव में सन्नाटा है। हर कोई हादसे से विचलित है। हादसे में परिवार को खोने के गम में गौरव और उसकी मां रेखा देवी की चीख-पुकार गलियों में गूंज रही है। कल तक जिस घर में बच्चों की किलकारियां गूंजती थीं, वहां चीख-पुकार और सिसकियों की आवाज सुनाई दे रही है।

कंपनी कमांडर ज्ञान प्रकाश अग्निहोत्री ने बताया कि शुक्रवार को फिर से हर्ष की तलाश में टीम नहर में बच्चे की तलाश कर रही है लेकिन अभी तक बच्चा नहीं मिला है तलाश जारी और उन्होंने ने बच्चा छोटा होने के कारण नहर में छोटे-मोटे जानवर के अटैक करने की भी की संभावना व्यक्त की है। हर्ष की तलाश के दौरान तहसीलदार विशेश्वर सिंह, इंदरगढ़ थाना प्रभारी सुजीत कुमार मौजूद रहे।

बाइट - जीतू - परिजन
बाइट - ज्ञान प्रकाश अग्निहोत्री- कम्पनी कमांडर
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कन्नौज से पंकज श्रीवास्तव
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