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कन्नौज की बेटी ने मलेशिया में फहराया तिरंगा

उत्तर प्रदेश के कन्नौज की बेटी अंतरराष्ट्रीय लॉन बॉल्स प्लेयर मनु पाल ने मलेशिया में आयोजित प्रतियोगिता मलेशियन ओपन ट्रिपल्स में गोल्ड मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाया है. अपने गृह जनपद आने पर उनका भव्य स्वागत किया गया. मनु ने ईटीवी से अपने सफर की यादें साझा की.

कन्नौज की बेटी मनु पाल
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Published : Sep 10, 2019, 5:41 PM IST

कन्नौज : जनपद के कस्बा छिबरामऊ के मोहल्ला भैनपुरा निवासी रामनारायण पाल की बेटी मनु पाल ने कन्नौज की बेटी मनु पाल ने हाल में ही मलेशिया में आयोजित प्रतियोगिता मलेशियन ओपन ट्रिपल्स में विश्व चैंपियन बनकर देश का मान बढ़ाया है. अंतरराष्ट्रीय लॉन बाल्स प्लेयर मनु कुमारी पाल ने मलेशिया में आयोजित प्रतियोगिता में भारत को गोल्ड दिलाकर देश और जनपद का नाम रोशन किया है.

कन्नौज की बेटी ने मलेशिया में फहराया तिरंगा.

कैसा रहा मनु का गोल्ड तक का सफर -

भारत की तरफ से कन्नौज की मनु पाल सहित पुतुल व मृदुल ने प्रतिभाग किया था. 28 अगस्त से एक सितंबर तक हुए इस आयोजन में विभिन्न देशों की कुल 48 टीमों ने प्रतिभाग किया था. जिसमें मनु पाल ने क्वार्टर फाइनल में कोरिया को 35-09 से हराया और सेमीफाइनल में हांगकांग को 23-10 से परास्त किया. इसके बाद वह फाइनल मैच में मलेशिया को 16-09 से हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया. मनु ने तिरंगा लहराकर अपनी यह जीत देश को समर्पित कर दी.

गृह जनपद पहुंचने पर हुआ भव्य स्वागत -

मलेशिया में भारत का परचम लहराकर जब मनु पाल जीत का मेडल लेकर अपने लोगों के बीच गृह जनपद कन्नौज पहुंची तो उनका स्वागत करने सैकड़ों लोग पहुंचे. मनु के कन्नौज की धरती पर कदम रखते ही मनु को फूल-मालाओं से लाद दिया गया. लोगों ने माता-पिता को भी ढेरों बधाई दी. बेटी की सफलता पर पिता रामनरायन पाल फूले नहीं समा रहे हैं उन्होंने बताया कि बेटी ने परिवार व क्षेत्र के साथ देश का नाम भी रोशन किया है. वह अपने को बेहद गौरवांवित महसूस कर रहे हैं. इससे पहले भी मनु ने देश को कई मेडल दिए हैं, साथ ही वह नारी सशक्तीकरण की दिशा में भी काम कर रहीं हैं.

कड़ी चुनौतियों का सामना कर जीता गोल्ड मेडल -

खास बातचीत में मनु ने बताया कि उनके इस खेल में चुनौतियां तो बहुत थी. अन्य देशों के प्लेयर भी काफी अच्छे थे. टीम को मैं लीड कर रही थी ,मेरे साथियों ने भी अच्छा सा खेला, खेल में बीच-बीच में थोड़ा उतार चढ़ाव आता रहा. तीनों की जो गेम स्पीड थी वह बरकरार रही. उसके बाद हमने उम्मीद की कि सबकुछ अच्छा हो. जब मैने धीरे-धीरे खेला तो सब कुछ अच्छा ही होता गया और आखिरी में मुझे बुखार आ गया. उसमें भी मै दवाई लेकर खेलती रही. इसलिए भगवान का मैं धन्यवाद करूंगी कि दवा लेने के बाद भी मेरा गेम अच्छा चलता रहा. मुझे कोई समस्या नही हुई .मेरे लिए यह प्लस प्वाइंट रहा कि बीमार होने के बाद भी मैं अपनी टीम को जिता पाई और इंडिया के लिए मेडल लेकर आ पायी.

जब दूसरे देश में होता है अपने देश का राष्ट्रगान -

मनु ने कहा कि जब अन्य देश में अपने तिरंगे को सबसे ऊपर फहराया जाता है और वहां पर राष्ट्रगान होता है तो यह किसी भी भारतीय के लिए गर्व का क्षण होता है.

प्रतिभाग करने के लिए आती है फाइनेंशियल प्राब्लम -

मनु पाल का कहना है कि भविष्य में देखा जाये तो बहुत सी प्रतियोगिताएं होनी हैं. हर देश कोई न कोई टूर्नामेन्ट कराता रहता है. टूर्नामेन्ट के इनविटेशन भी आते रहते हैं. जाने के लिए ऐसा है कि हर महीने जाया जा सकता है. लेकिन सबसे बड़ी प्राब्लम आती है वो है फाइनेंशियल प्राबलम. क्योंकि मेरे पास न कोई जाॅब है और न ही किसी प्रकार का कोई सपोर्ट. जो भी है सब पापा ही करते हैं. चाहें वह किसी प्रकार से लोन लेकर करें या कैसे भी. पापा सीआरपीएफ से रिटायर्ड है तो उन्हें सिर्फ पेंशन ही मिलती है. उनकी हमेशा कोशिश रहती है कि मुझे किसी भी प्रकार की कोई कमी न आये जितना भी हो सके वह मेरे लिए करने की कोशिश करते हैं.

आज तक नही मिली कोई मदद -

मनुपाल ने बताया कि जिस तरह से अन्य खेलों को मदद मिलती है वैसे उनके खेल लाॅन-बाॅल्स को अभी तक किसी से भी कोई भी मदद नहीं मिली है. मै सी.एम. से भी मिली लेकिन कुछ नही हुआ. मै सरकार से चाहती हूं कि वह मदद के लिए आगे आएं ताकि यह खेल भी अन्य खेल की तरह आगे बढ़ सके.

देश की एक बेटी ने लगाई प्रधानमंत्री से मदद गुहार -

देश को लाॅन-बाॅल्स में गोल्ड मेडल देने वाली देश की बेटी मनुपाल ने प्रधानमन्त्री से मदद की गुहार लगाते हुए कहा कि मैं इतना ही कहूंगी कि माननीय प्रधानमन्त्री जी से कि आपने योजना बनाई है 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ. यह एक अच्छी योजना है और उज्वल योजना है. आप हर बेटी को आगे बढ़ा रहे हैं. लेकिन जहां संसाधन ही नहीं है वहां बेटी आगे बढ़ना चाहे भी तो कैसे .मै आज इस मुकाम तक पहुंचकर देश के लिए मेडल लाई हूं. मुझे यहां तक पहुंचने में किसी भी तरह का कोई सहयोग नहीं मिला. मै प्रधानमन्त्री जी से इतना ही कहना चाहूूंगी कि अगर आप बेटी बढ़ाओ और बेटी पढ़ाओ योजना को सफल करना चाहते हैं तो सच में जो बेटी आगे बढ़ना चाहती है उनका पूर्णरूप से सहयोग किया जाए, उन्हें आगे बढ़ाने में उनकी मदद की जाय. सिफ योजना चलाने से देश का और बेटियों का उद्धार नही होगा.


एक नजर मनु पाल की सफलताओं पर -

नाम - मनु कुमारी पाल (अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी, लॉन-बॉल्स)

  • मलेशियन ओपन ट्रिपल्स चीफ मिनिस्टर चैलेंज ट्रॉफी 2019 में स्वर्ण पदक जीता.
  • 13वीं एशियन लॉन-बॉल्स चैम्पियनशिप चीन 2018 में कांस्य पदक जीता.
  • 6वीं राष्ट्रीय लॉन-बॉल्स चैंपियनशिप 2017 में एक रजत और दो कांस्य पदक जीते.
  • 2017 में राष्ट्रीय तकनीकी अधिकारी ऑफ लॉन-बॉल्स का पद मिला.
  • 11वीं एशियन लॉन बॉल्स चैंपियनशिप ब्रुनई 2016 में कांस्य पदक जीता.
  • 5वीं राष्ट्रीय लॉन-बॉल्स चैंपियनशिप रांची 2015 में तीन रजत और एक कांस्य पदक जीता.
  • 35वें राष्ट्रीय खेल केरल 2015 में स्वर्ण पदक जीता.
  • 2013 में ऑस्ट्रेलिया से कोच की डिग्री प्राप्त की.
  • तृतीय राष्ट्रीय लॉन बॉल्स चैंपियनशिप दिल्ली 2012 में दो रजत पदक जीते.
  • 9वीं एशियन लॉन बॉल्स चैंपियनशिप मलेशिया 2012 में एक रजत और एक कांस्य पदक जीता.
  • 34वें राष्ट्रीय खेल 2011 रांची में स्वर्ण पदक जीता.
  • 2011 में ही राष्ट्रीय लॉन-बॉल्स चैम्पियनशिप में रजत पदक प्राप्त किया.
  • वर्ष 2016 में उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य का सर्वोच्च नागरिक सम्मान "यश भारती" दिया.
  • उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महिला शिक्षा और सुरक्षा का सम्मान मिला.

कन्नौज : जनपद के कस्बा छिबरामऊ के मोहल्ला भैनपुरा निवासी रामनारायण पाल की बेटी मनु पाल ने कन्नौज की बेटी मनु पाल ने हाल में ही मलेशिया में आयोजित प्रतियोगिता मलेशियन ओपन ट्रिपल्स में विश्व चैंपियन बनकर देश का मान बढ़ाया है. अंतरराष्ट्रीय लॉन बाल्स प्लेयर मनु कुमारी पाल ने मलेशिया में आयोजित प्रतियोगिता में भारत को गोल्ड दिलाकर देश और जनपद का नाम रोशन किया है.

कन्नौज की बेटी ने मलेशिया में फहराया तिरंगा.

कैसा रहा मनु का गोल्ड तक का सफर -

भारत की तरफ से कन्नौज की मनु पाल सहित पुतुल व मृदुल ने प्रतिभाग किया था. 28 अगस्त से एक सितंबर तक हुए इस आयोजन में विभिन्न देशों की कुल 48 टीमों ने प्रतिभाग किया था. जिसमें मनु पाल ने क्वार्टर फाइनल में कोरिया को 35-09 से हराया और सेमीफाइनल में हांगकांग को 23-10 से परास्त किया. इसके बाद वह फाइनल मैच में मलेशिया को 16-09 से हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया. मनु ने तिरंगा लहराकर अपनी यह जीत देश को समर्पित कर दी.

गृह जनपद पहुंचने पर हुआ भव्य स्वागत -

मलेशिया में भारत का परचम लहराकर जब मनु पाल जीत का मेडल लेकर अपने लोगों के बीच गृह जनपद कन्नौज पहुंची तो उनका स्वागत करने सैकड़ों लोग पहुंचे. मनु के कन्नौज की धरती पर कदम रखते ही मनु को फूल-मालाओं से लाद दिया गया. लोगों ने माता-पिता को भी ढेरों बधाई दी. बेटी की सफलता पर पिता रामनरायन पाल फूले नहीं समा रहे हैं उन्होंने बताया कि बेटी ने परिवार व क्षेत्र के साथ देश का नाम भी रोशन किया है. वह अपने को बेहद गौरवांवित महसूस कर रहे हैं. इससे पहले भी मनु ने देश को कई मेडल दिए हैं, साथ ही वह नारी सशक्तीकरण की दिशा में भी काम कर रहीं हैं.

कड़ी चुनौतियों का सामना कर जीता गोल्ड मेडल -

खास बातचीत में मनु ने बताया कि उनके इस खेल में चुनौतियां तो बहुत थी. अन्य देशों के प्लेयर भी काफी अच्छे थे. टीम को मैं लीड कर रही थी ,मेरे साथियों ने भी अच्छा सा खेला, खेल में बीच-बीच में थोड़ा उतार चढ़ाव आता रहा. तीनों की जो गेम स्पीड थी वह बरकरार रही. उसके बाद हमने उम्मीद की कि सबकुछ अच्छा हो. जब मैने धीरे-धीरे खेला तो सब कुछ अच्छा ही होता गया और आखिरी में मुझे बुखार आ गया. उसमें भी मै दवाई लेकर खेलती रही. इसलिए भगवान का मैं धन्यवाद करूंगी कि दवा लेने के बाद भी मेरा गेम अच्छा चलता रहा. मुझे कोई समस्या नही हुई .मेरे लिए यह प्लस प्वाइंट रहा कि बीमार होने के बाद भी मैं अपनी टीम को जिता पाई और इंडिया के लिए मेडल लेकर आ पायी.

जब दूसरे देश में होता है अपने देश का राष्ट्रगान -

मनु ने कहा कि जब अन्य देश में अपने तिरंगे को सबसे ऊपर फहराया जाता है और वहां पर राष्ट्रगान होता है तो यह किसी भी भारतीय के लिए गर्व का क्षण होता है.

प्रतिभाग करने के लिए आती है फाइनेंशियल प्राब्लम -

मनु पाल का कहना है कि भविष्य में देखा जाये तो बहुत सी प्रतियोगिताएं होनी हैं. हर देश कोई न कोई टूर्नामेन्ट कराता रहता है. टूर्नामेन्ट के इनविटेशन भी आते रहते हैं. जाने के लिए ऐसा है कि हर महीने जाया जा सकता है. लेकिन सबसे बड़ी प्राब्लम आती है वो है फाइनेंशियल प्राबलम. क्योंकि मेरे पास न कोई जाॅब है और न ही किसी प्रकार का कोई सपोर्ट. जो भी है सब पापा ही करते हैं. चाहें वह किसी प्रकार से लोन लेकर करें या कैसे भी. पापा सीआरपीएफ से रिटायर्ड है तो उन्हें सिर्फ पेंशन ही मिलती है. उनकी हमेशा कोशिश रहती है कि मुझे किसी भी प्रकार की कोई कमी न आये जितना भी हो सके वह मेरे लिए करने की कोशिश करते हैं.

आज तक नही मिली कोई मदद -

मनुपाल ने बताया कि जिस तरह से अन्य खेलों को मदद मिलती है वैसे उनके खेल लाॅन-बाॅल्स को अभी तक किसी से भी कोई भी मदद नहीं मिली है. मै सी.एम. से भी मिली लेकिन कुछ नही हुआ. मै सरकार से चाहती हूं कि वह मदद के लिए आगे आएं ताकि यह खेल भी अन्य खेल की तरह आगे बढ़ सके.

देश की एक बेटी ने लगाई प्रधानमंत्री से मदद गुहार -

देश को लाॅन-बाॅल्स में गोल्ड मेडल देने वाली देश की बेटी मनुपाल ने प्रधानमन्त्री से मदद की गुहार लगाते हुए कहा कि मैं इतना ही कहूंगी कि माननीय प्रधानमन्त्री जी से कि आपने योजना बनाई है 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ. यह एक अच्छी योजना है और उज्वल योजना है. आप हर बेटी को आगे बढ़ा रहे हैं. लेकिन जहां संसाधन ही नहीं है वहां बेटी आगे बढ़ना चाहे भी तो कैसे .मै आज इस मुकाम तक पहुंचकर देश के लिए मेडल लाई हूं. मुझे यहां तक पहुंचने में किसी भी तरह का कोई सहयोग नहीं मिला. मै प्रधानमन्त्री जी से इतना ही कहना चाहूूंगी कि अगर आप बेटी बढ़ाओ और बेटी पढ़ाओ योजना को सफल करना चाहते हैं तो सच में जो बेटी आगे बढ़ना चाहती है उनका पूर्णरूप से सहयोग किया जाए, उन्हें आगे बढ़ाने में उनकी मदद की जाय. सिफ योजना चलाने से देश का और बेटियों का उद्धार नही होगा.


एक नजर मनु पाल की सफलताओं पर -

नाम - मनु कुमारी पाल (अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी, लॉन-बॉल्स)

  • मलेशियन ओपन ट्रिपल्स चीफ मिनिस्टर चैलेंज ट्रॉफी 2019 में स्वर्ण पदक जीता.
  • 13वीं एशियन लॉन-बॉल्स चैम्पियनशिप चीन 2018 में कांस्य पदक जीता.
  • 6वीं राष्ट्रीय लॉन-बॉल्स चैंपियनशिप 2017 में एक रजत और दो कांस्य पदक जीते.
  • 2017 में राष्ट्रीय तकनीकी अधिकारी ऑफ लॉन-बॉल्स का पद मिला.
  • 11वीं एशियन लॉन बॉल्स चैंपियनशिप ब्रुनई 2016 में कांस्य पदक जीता.
  • 5वीं राष्ट्रीय लॉन-बॉल्स चैंपियनशिप रांची 2015 में तीन रजत और एक कांस्य पदक जीता.
  • 35वें राष्ट्रीय खेल केरल 2015 में स्वर्ण पदक जीता.
  • 2013 में ऑस्ट्रेलिया से कोच की डिग्री प्राप्त की.
  • तृतीय राष्ट्रीय लॉन बॉल्स चैंपियनशिप दिल्ली 2012 में दो रजत पदक जीते.
  • 9वीं एशियन लॉन बॉल्स चैंपियनशिप मलेशिया 2012 में एक रजत और एक कांस्य पदक जीता.
  • 34वें राष्ट्रीय खेल 2011 रांची में स्वर्ण पदक जीता.
  • 2011 में ही राष्ट्रीय लॉन-बॉल्स चैम्पियनशिप में रजत पदक प्राप्त किया.
  • वर्ष 2016 में उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य का सर्वोच्च नागरिक सम्मान "यश भारती" दिया.
  • उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महिला शिक्षा और सुरक्षा का सम्मान मिला.

Intro:मलेशिया में आयोजित प्रतियोगिता में भारत को गोल्ड दिलाकर मनु पाल ने देश का किया नाम रोशन, कन्नौज पहुँचने पर हुआ स्वागत
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यूपी के कन्नौज में एक साधारण परिवार में रहने वाली कन्नौज की बेटी कु० मनु पाल ने हाल में ही पीवी सिधु के विश्व चैंपियन बनकर देश का मान बढ़ाया है। अंतरराष्ट्रीय लॉन बाल्स प्लेयर मनु कुमारी पाल ने मलेशिया में आयोजित प्रतियोगिता में भारत को गोल्ड दिलाकर देश और जनपद का नाम रोशन किया है। मलेशिया में आयोजित प्रतियोगिता मलेशियन ओपन ट्रिपल्स में भारत की तरफ से कन्नौज की मनु पाल सहित पुतुल व मृदुल ने प्रतिभाग किया था। 28 अगस्त से एक सितंबर तक हुए इस आयोजन में विभिन्न देशों की कुल 48 टीमों ने प्रतिभाग किया था जिसमे मनु पाल ने क्वार्टर फाइनल में कोरिया को 35-09 से हराया और सेमीफाइनल में हांगकांग को 23-10 से परास्त किया इसके बाद वह फाइनल मैच में मलेशिया को 16-09 से हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया और तिरंगा लहराकर अपनी यह जीत देश के नाम समर्पित कर दी। इस गोल्ड जीत की ख़ुशी बांटने जब मनु अपने गृह जनपद कन्नौज पहुंची तो उनका हृदय से स्वागत करने सैकड़ों लोग पहुंचे और मनु के कन्नौज की धरती पर कदम रखते ही हांथो-हाँथ ले लिया। आइए देखते है कन्नौज से यह स्पेशल रिपोर्ट।

Body:कन्नौज के कस्बा छिबरामऊ के मोहल्ला भैनपुरा निवासी रामनरायन पाल की बेटी मनु पाल ने कन्नौज जनपद का नाम रोशन करते हुए देश को गोल्ड मेडल की जीत की ख़ुशी दिलाई है जिसको लेकर स्थानीय लोगों में इस जीत ख़ुशी ,समय देखने को मिली जब मनु पाल इस जीत का मेडल लेकर अपने लोगों के बीच अपने गृह जनपद कन्नौज पहुंची सभी खुशी से झूम उठे। लोग मनु के कन्नौज पहुँचते ही उनको बधाई देने में जुट गए। लोगों ने माता-पिता को भी ढेरों बधाई दी।

कड़ी चुनौतियों का सामना कर जीता गोल्ड मेडल

मनु पाल ने बताया कि उन्होंने इस खेल में चुनौतियां तो बहुत थी क्यों कि जो अन्य देशों के प्लेयर थे वह काफी अच्छे थे लेकिन हम तीनांे की टोली भी इतनी अच्छी थी कि क्यों कि हमने अच्छा सा खेला मै लीड थी, मेरे साथियों ने भी अच्छा सा खेला, खेल में बीच-बीच में थोड़ा उतार चढ़ाव आता रहा। तीनों की जो गेम स्पीड थी वह बरकरार रही उसके बाद हमने उम्मीद की कि सबकुछ अच्छा हो। जब मैने धीरे-धीरे खेला तो सबकुछ अच्छा ही होता गया और आखिरी में आप विश्वास नही करेंगे मुझे बुखार आ गया। उसमें भी मै दवाई लेकर खेलती रही, इसलिए भगवान का मै धन्यवाद करूॅंगी कि दवा लेने के बाद भी मेरा गेम अच्छा चलता रहा मुझे कोई समस्या नही हुई, तो अपने आप में एक बहुत अच्छी मेन्टीलि कि मै बीमार होने के बावजूद अच्छा खेल पायी और अपनी टीम को जिता पाई और इण्डिया के लिए मेडल लेकर आ पायी।

Conclusion:जब दूसरे देश में होता है अपने देश का राष्ट्रगान

जी मुझे बहुत अच्छा लगता है कि किसी अन्य देश में जाकर अपने देश का झण्डा ऊॅचा करते हैं और वहाॅ पर राष्ट्रगान होता है तो शायद उससे बड़ी खुशी और कभी नही होगी। यह पल किसी भी भारतीय के लिए उसको गर्व महसूस होता है।

प्रतिभाग करने के लिए आती है फाइनेंशियल प्राबलम

मनु पाल का कहना है कि भविष्य में देखा जाये तो बहुत सी प्रतियोगिताएं है और हर देश कोई न कोई टूर्नामेन्ट कराता रहता है। इनविटेशन टूर्नामेन्ट होते रहते है। जाने के लिए ऐसा है कि मै हर महीने जा सकती हॅू या वहाॅ पर रहकर कन्टीन्यू कर सकती हॅूं। दो तीन महीने मंे आप जाकर खेल सकते है लेकिन सबसे बड़ी प्रोबलम आती है फाइनेंशियल प्राबलम क्योंकि मेरे पास कोई जाॅब नही है और किसी से कोई सपोर्ट नही मिल रहा है जो भी मेरे पापा ही करते है। चाहें वह किसी प्रकार से लोन लेकर करें या कैसे भी क्यों कि उनको सिर्फ पेंशन ही मिलती है वह सीआरपीएफ से रिटायर्ड है तो उनकी कोशिश रहती है कि शायद मेरे लिए कहीं कमी न आये जितना भी हो सके वह मेरे लिए करने की कोशिश करते है।

आज तक नही मिली कोई मदद

मनुपाल ने बताया कि नही अभी तक कोई भी हेल्प नही मिली है, जैसे कि दूसरे गेमों को मिलती है क्रिकेट है या जो दूसरे गेम है जिनको काफी हेल्प मिलती है, पर जो मेरा गेम है लाॅन बाॅल उसमें कहीं से भी कोई सहायता नही मिलती है। मै सी0एम0 जी से भी मिली लेकिन कुछ नही हुआ। मै सरकार से चाहती हॅू कि वह मेरी हेल्प करे ताकि मै आगे बढ़ सकूॅं।

देश की एक बेटी ने लगाई प्रधानमन्त्री से मदद गुहार

देश के लिए लाॅन बाॅल्स में खेलकर मेडल लाने वाली देश की बेटी मनुपाल ने प्रधानमन्त्री जी से मदद की गुहार लगाते हुए कहा कि मै इतना ही कहॅूंगी माननीय प्रधानमन्त्री जी से कि जो उन्होंने योजना बनाई है बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ। ठीक है यह एक अच्छी योजना है और उज्वल योजना है लड़कियों के पक्ष में बेटियों के लिए कि आप हर बेटी को आगे बढ़ा रह है, लेकिन जहाॅ संसाधन ही है नही है बेटी आगे बढ़ना चाह रही है, तो वह किस तरह से बताऐंगे कि आपकी योजना कहाॅ सफल हो रही है। मै आज इस मुकाम तक पहुंचकर देश के लिए मेडल ला रही हॅूं जनपद के लिए मेडल ला रही हॅू। लेकिन मुझे कहीं नही दिख रहा है कि कोई मेरी सहायता कर रहा है, मेरे लिए कहीं आगे बढ़ने के लिए मुझे रास्ता दिखा रहा है। मै प्रधानमन्त्री जी से इतना ही कहना चाहूूॅंगी कि अगर आप बेटी पचाओ और बेटी पढ़ाओ योजना को सफल करना चाहते है तो सच में जो बेटी आगे बढ़ना चाहती है उनका पूर्णरूप से सहयोग करिए, उन्हें आगे बढ़ाने में मदद कीजिए सिफ योजना चलाने से देश का और बेटियों का उद्धार नही होगा।
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एक नजर इस खिलाड़ी पर

नाम - मनु कुमारी पाल (अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी, लॉन बॉल्स)

"लॉन बॉल्स " खेल में मेरी बहुत महत्वपूर्ण उपलब्धियां निम्न हैं -

मलेशियन ओपन ट्रिपल्स चीफ मिनिस्टर चैलेंज ट्रॉफ़ी 2019, स्वर्ण मेडल।

13वीं एशियन लॉन बॉल्स चैम्पियनशिप चीन 2018, कांस्य पदक जीता।

6वीं राष्ट्रीय लॉन बॉल्स चैंपियनशिप 2017, एक रजत और दो काँस्य पदक जीते

2017 में राष्ट्रीय तकनीकी अधिकारी ऑफ लॉन बॉल्स का पद मिला।

11वीं एशियन लॉन बॉल्स चैंपियनशिप ब्रुनई 2016, कांस्य पदक जीता

5वीं राष्ट्रीय लॉन बॉल्स चैंपियनशिप रांची 2015, में तीन रजत और एक कांस्य पदक जीता

35वें राष्ट्रीय खेल केरल 2015, में स्वर्ण पदक जीता

2013 में ऑस्ट्रेलिया से कोच की डिग्री प्राप्त की

तृतीय राष्ट्रीय लॉन बॉल्स चैंपियनशिप दिल्ली 2012, में दो रजत पदक जीते

9वीं एशियन लॉन बॉल्स चैंपियनशिप मलेशिया 2012, में एक रजत और एक कांस्य पदक जीता

34वें राष्ट्रीय खेल 2011 रांची में स्वर्ण पदक जीता

2011 में ही राष्ट्रीय लॉन बॉल्स चैम्पियनशिप में रजत पदक प्राप्त किया।

19वें राष्ट्रमंडल खेल दिल्ली 2010, में प्रतिभाग किया

इसके अतिरिक्त, मेरी खेल उपलब्धियों के लिए मुझे कई पुरुस्कार मिले हैं जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण हैं -

- वर्ष 2016 में उत्तर प्रदेश सरकार ने मुझे राज्य का सर्वोच्च नागरिक सम्मान "यश भारती" दिया।

- उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महिला शिक्षा और सुरक्षा सम्मान

- उत्तर प्रदेश सरकार और अमर उजाला द्वारा नारी सम्मान।

- कन्नौज रत्न सम्मान ।
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बाइट - मनु पाल - गोल्ड मेडल चैम्पियन खिलाड़ी
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कन्नौज से पंकज श्रीवास्तव
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