कन्नौज: मदरसों में मार्डन एजुकेशन मुहैया कराने और मदरसों को मिनी आईटीआई बनाने की कवायद सरकार ने शुरू कर दी है. मदरसा परिषद के सदस्य अजमल हुसैन जैदी ने जिले के मदरसों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की हकीकत जांची. इस दौरान अजमल हुसैन जैदी ने कहा कि 'सबका साथ सबका विकास' की नीति पर सरकार मदरसों में मार्डन एजुकेशन मुहैया कराना चाहती है. मदरसों में मिनी आईटीआई स्थापित कर मुस्लिमों को ट्रेडिशन वर्क जैसे जरदोजी, पीतल के काम, कालीन बनाना जैसे काम सिखाए जाएंगे.
क्या है पूरा मामला
मंगलवार को सौरिख कस्बे में स्थित मदरसे का मदरसा परिषद के सदस्य अजमल हुसैन जैदी ने निरीक्षण किया. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी का नारा है एक हाथ में कुरान, एक हाथ में कम्प्यूटर. यूपी सरकार में शिक्षा के स्तर को और बेहतर बनाने के लिए बोर्ड द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं. सरकार द्वारा कई मदरसों को चिन्हित कर उन्हें मिनी आईटीआई का दर्जा देने पर काम किया जा रहा है. जिसमें मुस्लिम ट्रेडिशनल वर्क जरदोजी, कारचोबी, चूड़ी, पीतल का काम आदि सिखाया जाए. मिटी आईटीआई के तहत स्थानीय लोगों को कई तरह के हुनर भी सिखाए जाएं. जिससे ट्रेडिशनल वर्क खत्म न हो. लोग दीन के साथ बुनियादी तालिम भी हासिंल कर सकें.
कुछ लोग मदरसों को बदनाम करने की रचते हैं साजिश
उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि मदरसों में भी बेहतर शिक्षा मिल सके. इसके लिए सरकार लगातार काम कर रही है. कुछ लोग मदरसों को बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं. ऐसे लोगों पर भी सरकार की पैनी नजर है. कुछ जगहों पर सिर्फ कागज में मदरसे चल रहे हैं. जमीनी स्तर पर ना तो कोई विद्यालय है ना ही मदरसा. ऐसे लोगों को चिन्हित कर उन पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. मदरसों को आधुनिक कर उनका विस्तार किया जाएगा. बच्चों को उनके मन के अनुसार हुनर भी सिखाए जाएंगे. इसके लिए मदरसों की अव्यवस्थाओं को जल्द से जल्द दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं.