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कन्नौज में फंसे 3,221 मजदूरों को श्रमिक स्पेशल ट्रेन से भेजा जा रहा बिहार

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Published : Jun 14, 2020, 8:25 PM IST

उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में फंसे बिहार के मजदूरों को घर भेजने की तैयारी जिला प्रशासन ने शुरू कर दी है. इसके लिए तीन दिन तक दो स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी, जिसके तहत आज पहले दिन 3,221 मजदूरों को बिहार के लिए रवाना किया जा रहा है. दरअसल लॉकडाउन की वजह से ये सभी मजदूर यहां फंसे हुए थे.

laborers left from bihar to kannauj
कन्नौज से 3221 मजदूरों को बिहार भेजा गया.

कन्नौज: जिला प्रशासन ने ईंट-भट्ठे पर काम कर रहे मजदूरों को उनके घर भेजने की तैयारी शुरू कर दी है. लगातार तीन दिन तक गया और नवादा के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी, जिससे मजदूरों को भेजा जाएगा. रविवार को पहली श्रमिक ट्रेन से 1621 भट्ठा मजदूरों को रवाना किया गया. इसके बाद आज ही दूसरी ट्रेन से भी लगभग 1600 मजदूरों को भेजा जाएगा, जिसके लिए जिला प्रशासन की ओर से नि:शुल्क रेलवे टिकट मजदूरों को मुहैया कराया गया है.

मजदूरों को स्पेशल ट्रेन से भेजा जा रहा बिहार.

घर वापसी की खुशी सभी मजदूरों के चेहरे पर साफ झलक रही है. दरअसल लाॅकडाउन के चलते ये लोग कन्नौज में फंसे हुए थे, जिनको सरकार के निर्देशों पर उनके गंतव्य स्थानों पर भेजा जा रहा है.

सरकार ने पूरी की उम्मीद
कोरोना महामारी के चलते लागू लाॅकडाउन की वजह से ईंट-भट्ठे पर काम करने वाले प्रवासी मजदूरों का यहां रुकना उनकी मजबूरी और बेबसी थी. बरसात के दिनों में ईंट-भट्ठे पर काम भी बंद हो जाता है, जिस कारण ये लोग सरकार से उम्मीद लगाए बैठे थे कि कब इन लोगों को बिहार उनके घर भेजा जाएगा. सरकार ने आज इनकी उम्मीदों को पूरा करते हुए जिले के सभी प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य स्थानों पर भेजना शुरू कर दिया है.

मजदूरों को नहीं देना होगा किराया
मजदूरों को घर भेजने के लिए लगातार तीन दिन तक दो श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं, ताकि सभी मजदूर अपने घर वापस जा सकें. इस दौरान उनको किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो, इसके लिए जिला प्रशासन ने सभी व्यवस्थाएं कर दी हैं. किसी भी मजदूर को न तो किराया देना होगा और न ही खाने-पीने का खर्च.

जिलाधिकारी ने दी जानकारी
जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया, 'हमारे जिले में ईंट-भट्टे पर काम कर रहे ज्यादातर श्रमिक बिहार के हैं. उनको भेजने की व्यवस्था हम लोग ट्रेन से कर रहे हैं. आज जो हमारी दो श्रमिक ट्रेनें हैं, वे दोनों ही गया जाएंगी. सोमवार को दो ट्रेनों में से एक गया और दूसरी नवादा जाएगी. परसों भी दो ट्रेनें जाएंगी, जिनमें से एक गया और दूसरी नवादा जाएगी.'

जिलाधिकारी ने बताया, 'हमारे यहां से 1621 श्रमिक पहली ट्रेन से जा रहे हैं और 1600 यात्री दूसरी ट्रेन से जा रहे हैं. यही लगभग संख्या हमारी कल और परसों भी रहेगी. किराया सभी यात्रियों का जिला प्रशासन पहले ही जमा कर चुका है और सभी को टिकट भी दे दिया गया है. किसी को कोई टिकट लेने की जरूरत नही है. हमने सभी को बता भी दिया है कि कोई भी टिकट नहीं लेगा और न ही कोई पैसा लेगा. इन लोगों को इनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाया जाएगा.'

अनामिका शुक्ला प्रकरण: मास्टरमाइंड का भाई गिरफ्तार, नाम से लेकर डिग्री तक सब फर्जी

जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्रा ने बताया कि सभी के पास की व्यवस्था करा दी गई है. सभी के पास खाने के पैकट भी हैं. सभी लोगों को पैसे भी दिए गए हैं. वे अपना खाना मंगा भी सकते हैं. खाने-पीने से लेकर किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं है.

कन्नौज: जिला प्रशासन ने ईंट-भट्ठे पर काम कर रहे मजदूरों को उनके घर भेजने की तैयारी शुरू कर दी है. लगातार तीन दिन तक गया और नवादा के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी, जिससे मजदूरों को भेजा जाएगा. रविवार को पहली श्रमिक ट्रेन से 1621 भट्ठा मजदूरों को रवाना किया गया. इसके बाद आज ही दूसरी ट्रेन से भी लगभग 1600 मजदूरों को भेजा जाएगा, जिसके लिए जिला प्रशासन की ओर से नि:शुल्क रेलवे टिकट मजदूरों को मुहैया कराया गया है.

मजदूरों को स्पेशल ट्रेन से भेजा जा रहा बिहार.

घर वापसी की खुशी सभी मजदूरों के चेहरे पर साफ झलक रही है. दरअसल लाॅकडाउन के चलते ये लोग कन्नौज में फंसे हुए थे, जिनको सरकार के निर्देशों पर उनके गंतव्य स्थानों पर भेजा जा रहा है.

सरकार ने पूरी की उम्मीद
कोरोना महामारी के चलते लागू लाॅकडाउन की वजह से ईंट-भट्ठे पर काम करने वाले प्रवासी मजदूरों का यहां रुकना उनकी मजबूरी और बेबसी थी. बरसात के दिनों में ईंट-भट्ठे पर काम भी बंद हो जाता है, जिस कारण ये लोग सरकार से उम्मीद लगाए बैठे थे कि कब इन लोगों को बिहार उनके घर भेजा जाएगा. सरकार ने आज इनकी उम्मीदों को पूरा करते हुए जिले के सभी प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य स्थानों पर भेजना शुरू कर दिया है.

मजदूरों को नहीं देना होगा किराया
मजदूरों को घर भेजने के लिए लगातार तीन दिन तक दो श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं, ताकि सभी मजदूर अपने घर वापस जा सकें. इस दौरान उनको किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो, इसके लिए जिला प्रशासन ने सभी व्यवस्थाएं कर दी हैं. किसी भी मजदूर को न तो किराया देना होगा और न ही खाने-पीने का खर्च.

जिलाधिकारी ने दी जानकारी
जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया, 'हमारे जिले में ईंट-भट्टे पर काम कर रहे ज्यादातर श्रमिक बिहार के हैं. उनको भेजने की व्यवस्था हम लोग ट्रेन से कर रहे हैं. आज जो हमारी दो श्रमिक ट्रेनें हैं, वे दोनों ही गया जाएंगी. सोमवार को दो ट्रेनों में से एक गया और दूसरी नवादा जाएगी. परसों भी दो ट्रेनें जाएंगी, जिनमें से एक गया और दूसरी नवादा जाएगी.'

जिलाधिकारी ने बताया, 'हमारे यहां से 1621 श्रमिक पहली ट्रेन से जा रहे हैं और 1600 यात्री दूसरी ट्रेन से जा रहे हैं. यही लगभग संख्या हमारी कल और परसों भी रहेगी. किराया सभी यात्रियों का जिला प्रशासन पहले ही जमा कर चुका है और सभी को टिकट भी दे दिया गया है. किसी को कोई टिकट लेने की जरूरत नही है. हमने सभी को बता भी दिया है कि कोई भी टिकट नहीं लेगा और न ही कोई पैसा लेगा. इन लोगों को इनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाया जाएगा.'

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जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्रा ने बताया कि सभी के पास की व्यवस्था करा दी गई है. सभी के पास खाने के पैकट भी हैं. सभी लोगों को पैसे भी दिए गए हैं. वे अपना खाना मंगा भी सकते हैं. खाने-पीने से लेकर किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं है.

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