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इत्रनगरी में चार करोड़ की लागत से बनेगा रोमा समुदाय की याद में स्मारक व मुक्ताकाशी, जानिए क्या है कहानी..

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Published : Apr 2, 2023, 8:16 PM IST

कन्नौज में चार करोड़ की लागत से रोमा समुदाय के लिए स्मारक व मुक्ताकाशी मंच का निर्माण कराया जाएगा. सदर विधायक व राज्यमंत्री असीम अरुण ने केंद्र सरकार को रोमा समुदाय के स्मारक व पर्यटन स्थल बनाने का प्रस्ताव भेजा था.

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राज्यमंत्री असीम अरुण

कन्नौज में रोमा समुदाय की याद में स्मारक व मुक्ताकाशी बनेगा.

कन्नौजः यूरोप में बसने वाले रोमा समुदाय के लोगों का कन्नौज से संबंध सामने आया है. रोमा समुदाय मूल रूप से इत्र नगरी के नाम से विख्यात कन्नौज के रहने वाले हैं. उनकी याद में करीब चार करोड़ की लागत से स्मारक व मुक्ताकाशी मंच का निर्माण कराया जाएगा. प्रोजेक्ट को लेकर केंद्र सरकार की ओर से तीन करोड़ रुपये भी जारी कर दिए गए हैं. रविवार को सांसद सुब्रत पाठक व राज्यमंत्री व सदर विधायक असीम अरुण ने स्मारक के लिए चयनित भूमि का निरीक्षण किया.

बता दें कि करीब 11वीं सदी में महमूद गजनवी ने कन्नौज पर आक्रमण किया था. इस दौरान रोमा समुदाय के लोगों को बंधक बनाकर अपने साथ ले गया था. साथ ही राज्यमंत्री ने इतिहासकारों से स्मारक के लिए नाम व स्लोगन के सुझाव भी मांगें हैं. गौरतलब है कि करीब 11वीं सदी में महमूद गजनवी ने कन्नौज पर आक्रमण किया था. इस दौरान वह लोहे के औजार, बर्तन व जेवर बनाने वाले रोमा समुदाय के लोगों को बड़ी संख्या में बंधक बनाकर अपने साथ ले गया था. इसके बाद रोमा समुदाय के लोग यूरोप के देशों में बस गए. रोमा समुदाय के लोग मूलरूप से कन्नौज के रहने वाले थे.

रोमा समुदाय की याद में इत्रनगरी में करीब चार करोड़ की लागत से स्मारक व मुक्ताकाशी मंच का निर्माण कराया जाएगा. सदर विधायक व राज्यमंत्री असीम अरूण ने केंद्र सरकार को रोमा समुदाय के स्मारक व पर्यटन स्थल बनाने का प्रस्ताव भेजा था. केंद्र सरकार ने प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है. प्रशासन ने यूपीटी के पास जगह चिन्हित कर ली है. रविवार को सांसद सुब्रत पाठक, राज्यमंत्री असीम अरुण ने चिन्हित भूमि का निरीक्षण किया. राज्यमंत्री व सांसद ने पुरातत्व संग्रहालय में एक बैठक कर प्रोजेक्ट को लेकर विस्तार से जानकारी दी.

राज्यमंत्री असीम अरुण ने बताया कि भारत से लगभग करीब एक हजार वर्ष पूर्व ऐसे बहुत से हुनरमंद परिवारों को बंधक बनाकर उस समय के आक्रमणकारी सेंट्रल एशिया व यूरोप में ले गए थे, क्योंकि वह लोहे के बहुत अच्छे औजार, बर्तन और जेवर बनाते थे. इस समुदाय को रोमा समुदाय के नाम से जाना जाता है. इस समुदाय के ऊपर जर्मनी में वर्ड वॉर टू के समय हिटलर द्वारा पोलैंड व और बहुत सी जगह पर अत्याचार किया गया. कहा कि इतिहास में प्रमाणित है कि ऐसे बहुत सारे रोमा समुदाय के लोग कन्नौज से विस्थापित होकर गए थे. कन्नौज और रोमा के इस संबंध को स्थापित करने के लिए एक मुक्ताकाशी मंच व एक रोमा स्मारक तैयार किया जाएगा.

इस प्रोजेक्ट के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं. तीन करोड़ उत्तर प्रदेश सरकार के खाते में भेज भी दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि रोमा समुदाय के जीवन संबंध में, उनके विस्थापन के संबंध बातें रखी जाएगी. स्मारक के अलावा पुरातत्व संग्रहालय में एक गीतिका व एक छोटी फिल्म बनाई जाएगी, जिससे रोमा समुदाय के बारे में लोगों को जानकारी मिल सके. वहीं, सांसद सुब्रत पाठक ने कहा कि कन्नौज से सन् 1050 के आसपास महमूद गजनवी बंधक बनाकर लोगों को ले गया था. ऐसे लोग जो कन्नौज की मिट्टी में जन्मे थे लेकिन बाहर जाकर धीरे-धीरे अपनी संस्कृति भूल गए, लेकिन उनको राम याद रहा इसलिए उनको रोमा समुदाय के नाम से जानते हैं.

लोहे के सामान बनाने के थे कुशल कारीगर
रोमा समुदाय के लोग लोहे से औजार, बर्तन व आभूषण बनाने में पारंगत थे, जिसके चलते आक्रमण के दौरान उनको बंधक बनाकर यूरोप ले जाया गया था. वर्तमान समय में रोमा समुदाय के लोग यूरोप के अलावा रोमानिया, बुल्गारिया, आस्ट्रेलिया, फ्रांस, स्वीडन, बगदाद समेत करीब 40 देशों में रहते है.

पढ़ेंः Maliana Massacre Case में बरी होने के बाद कैलाश भारती बोले-झूठा फंसाया था, फैसले से दाग धुल गया

कन्नौज में रोमा समुदाय की याद में स्मारक व मुक्ताकाशी बनेगा.

कन्नौजः यूरोप में बसने वाले रोमा समुदाय के लोगों का कन्नौज से संबंध सामने आया है. रोमा समुदाय मूल रूप से इत्र नगरी के नाम से विख्यात कन्नौज के रहने वाले हैं. उनकी याद में करीब चार करोड़ की लागत से स्मारक व मुक्ताकाशी मंच का निर्माण कराया जाएगा. प्रोजेक्ट को लेकर केंद्र सरकार की ओर से तीन करोड़ रुपये भी जारी कर दिए गए हैं. रविवार को सांसद सुब्रत पाठक व राज्यमंत्री व सदर विधायक असीम अरुण ने स्मारक के लिए चयनित भूमि का निरीक्षण किया.

बता दें कि करीब 11वीं सदी में महमूद गजनवी ने कन्नौज पर आक्रमण किया था. इस दौरान रोमा समुदाय के लोगों को बंधक बनाकर अपने साथ ले गया था. साथ ही राज्यमंत्री ने इतिहासकारों से स्मारक के लिए नाम व स्लोगन के सुझाव भी मांगें हैं. गौरतलब है कि करीब 11वीं सदी में महमूद गजनवी ने कन्नौज पर आक्रमण किया था. इस दौरान वह लोहे के औजार, बर्तन व जेवर बनाने वाले रोमा समुदाय के लोगों को बड़ी संख्या में बंधक बनाकर अपने साथ ले गया था. इसके बाद रोमा समुदाय के लोग यूरोप के देशों में बस गए. रोमा समुदाय के लोग मूलरूप से कन्नौज के रहने वाले थे.

रोमा समुदाय की याद में इत्रनगरी में करीब चार करोड़ की लागत से स्मारक व मुक्ताकाशी मंच का निर्माण कराया जाएगा. सदर विधायक व राज्यमंत्री असीम अरूण ने केंद्र सरकार को रोमा समुदाय के स्मारक व पर्यटन स्थल बनाने का प्रस्ताव भेजा था. केंद्र सरकार ने प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है. प्रशासन ने यूपीटी के पास जगह चिन्हित कर ली है. रविवार को सांसद सुब्रत पाठक, राज्यमंत्री असीम अरुण ने चिन्हित भूमि का निरीक्षण किया. राज्यमंत्री व सांसद ने पुरातत्व संग्रहालय में एक बैठक कर प्रोजेक्ट को लेकर विस्तार से जानकारी दी.

राज्यमंत्री असीम अरुण ने बताया कि भारत से लगभग करीब एक हजार वर्ष पूर्व ऐसे बहुत से हुनरमंद परिवारों को बंधक बनाकर उस समय के आक्रमणकारी सेंट्रल एशिया व यूरोप में ले गए थे, क्योंकि वह लोहे के बहुत अच्छे औजार, बर्तन और जेवर बनाते थे. इस समुदाय को रोमा समुदाय के नाम से जाना जाता है. इस समुदाय के ऊपर जर्मनी में वर्ड वॉर टू के समय हिटलर द्वारा पोलैंड व और बहुत सी जगह पर अत्याचार किया गया. कहा कि इतिहास में प्रमाणित है कि ऐसे बहुत सारे रोमा समुदाय के लोग कन्नौज से विस्थापित होकर गए थे. कन्नौज और रोमा के इस संबंध को स्थापित करने के लिए एक मुक्ताकाशी मंच व एक रोमा स्मारक तैयार किया जाएगा.

इस प्रोजेक्ट के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं. तीन करोड़ उत्तर प्रदेश सरकार के खाते में भेज भी दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि रोमा समुदाय के जीवन संबंध में, उनके विस्थापन के संबंध बातें रखी जाएगी. स्मारक के अलावा पुरातत्व संग्रहालय में एक गीतिका व एक छोटी फिल्म बनाई जाएगी, जिससे रोमा समुदाय के बारे में लोगों को जानकारी मिल सके. वहीं, सांसद सुब्रत पाठक ने कहा कि कन्नौज से सन् 1050 के आसपास महमूद गजनवी बंधक बनाकर लोगों को ले गया था. ऐसे लोग जो कन्नौज की मिट्टी में जन्मे थे लेकिन बाहर जाकर धीरे-धीरे अपनी संस्कृति भूल गए, लेकिन उनको राम याद रहा इसलिए उनको रोमा समुदाय के नाम से जानते हैं.

लोहे के सामान बनाने के थे कुशल कारीगर
रोमा समुदाय के लोग लोहे से औजार, बर्तन व आभूषण बनाने में पारंगत थे, जिसके चलते आक्रमण के दौरान उनको बंधक बनाकर यूरोप ले जाया गया था. वर्तमान समय में रोमा समुदाय के लोग यूरोप के अलावा रोमानिया, बुल्गारिया, आस्ट्रेलिया, फ्रांस, स्वीडन, बगदाद समेत करीब 40 देशों में रहते है.

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