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देवी अन्नपूर्णा मंदिर की मिट्टी खेतों में डालने से बढ़ जाती है पैदावार !

मनोकामनाओं और भंडारों को भरने वाली देवी का एक रूप कन्नौज के तिर्वा क्षेत्र में भी स्थित है. देवी मां का यह रूप अन्नपूर्णा देवी के नाम से जाना जाता है. अन्नपूर्णा देवी मंदिर में भक्तों पर माता की कृपा खूब बरसती है. इस कृपा से भक्तों के घर में कभी भी किसी प्रकार की कोई बाधा नहीं आती है.

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Published : Apr 12, 2019, 2:30 PM IST

देवी अन्नपूर्णा मंदिर

कन्नौज: चैत्र नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही देश भर के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई. वहीं कन्नौज के तिर्वा कस्बे में विराजमान साक्षात अन्न की देवी मां अन्नपूर्णा के मंदिर में भी पहले दिन से ही हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. मान्यता है कि देवी अन्नपूर्णा के दरबार में आने वालों के घर में कभी किसी प्रकार की कमी नहीं होती है.

देवी अन्नपूर्णा मंदिर में पूरी होती है हर मनोकामना

देवी दुर्गा के कई रूप हैं. हर रूप में मां जगदंबा का आशीर्वाद सभी भक्तों को मिलता है. कहते हैं कि कन्नौज के तिर्वा क्षेत्र में स्थित अन्नपूर्णा देवी मंदिर में भक्तों पर माता की कृपा खूब बरसती है. इस कृपा से भक्तों के घर में कभी भी किसी प्रकार की कोई बाधा नहीं आती है. उनके घर में अन्न के भंडार सदा भरे रहते हैं. इस मंदिर की परंपरा है कि जो भी भक्त यहां आकर माता को अन्न यानी कि अनाज चढ़ाता है, उस भक्त को उसकी इच्छानुसार हर वस्तु की प्राप्ति हो जाती है. जीवन में कभी भी वह दुखी नहीं रहता है.

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देवी अन्नपूर्णा मंदिर में अनाज से मनाई जाती है बधाई

सिद्धपीठ माना जाने वाला अन्नपूर्णा माता का यह मंदिर सदियों पुराना है. बताया जाता है कि राजा प्रीतम सिंह को माता ने स्वप्न में दर्शन दिए थे, जिसके बाद उन्होंने यह मंदिर बनवाया था. इसकी मान्यता है कि जो भी भक्त माता को अनाज समर्पण करता है और उस अनाज का कुछ हिस्सा ले जाकर वह अपने घर में बखारी में रख लेता है तो उसके यहां कभी भी अन्न की कमी नहीं होती है. माता के मंदिर में इस परंपरा को बधाई कहा जाता है.

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देवी अन्नपूर्णा मंदिर में जुटी भीड़

मां अन्नपूर्णा की मिट्टी से किसान की फसलों में चमत्कार
अन्न की देवी कही जाने वाली अन्नपूर्णा देवी के दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं में ऐसा मानना है कि इस मंदिर परिसर से मिट्टी खोद कर ले जाने से किसान की फसलों में कोई नुकसान नहीं होता है. यहां की मिट्टी को खेतों में डालने से साल भर फसलों में न तो कोई नुकसान होगा और न ही कोई दैवी आपदा का प्रकोप देखने को मिलेगा. इसके साथ ही उपज में भी कई गुना बढ़ोतरी होती है. यही कारण है कि यहां की मिट्टी को ले जाकर श्रद्धालु अपने खेतों में डालते हैं.

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देवी अन्नपूर्णा मंदिर में जुटी भीड़

नवरात्रि में मंदिर में सुरक्षा के किए जाते हैं पुख्ता इंतजाम
मंदिर में नवरात्रि के दौरान मेला लगने से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है, जिसकी सुरक्षा के लिए पुलिस के पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं. मंदिर परिसर के अंदर सुबह से लेकर शाम तक लगातार पुलिस सुरक्षा कर्मी तैनात किए जाते हैं. पुलिसकर्मी मेले में आने जाने वाले संदिग्ध लोगों पर पैनी नजर रखते हैं.

कन्नौज: चैत्र नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही देश भर के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई. वहीं कन्नौज के तिर्वा कस्बे में विराजमान साक्षात अन्न की देवी मां अन्नपूर्णा के मंदिर में भी पहले दिन से ही हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. मान्यता है कि देवी अन्नपूर्णा के दरबार में आने वालों के घर में कभी किसी प्रकार की कमी नहीं होती है.

देवी अन्नपूर्णा मंदिर में पूरी होती है हर मनोकामना

देवी दुर्गा के कई रूप हैं. हर रूप में मां जगदंबा का आशीर्वाद सभी भक्तों को मिलता है. कहते हैं कि कन्नौज के तिर्वा क्षेत्र में स्थित अन्नपूर्णा देवी मंदिर में भक्तों पर माता की कृपा खूब बरसती है. इस कृपा से भक्तों के घर में कभी भी किसी प्रकार की कोई बाधा नहीं आती है. उनके घर में अन्न के भंडार सदा भरे रहते हैं. इस मंदिर की परंपरा है कि जो भी भक्त यहां आकर माता को अन्न यानी कि अनाज चढ़ाता है, उस भक्त को उसकी इच्छानुसार हर वस्तु की प्राप्ति हो जाती है. जीवन में कभी भी वह दुखी नहीं रहता है.

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देवी अन्नपूर्णा मंदिर में अनाज से मनाई जाती है बधाई

सिद्धपीठ माना जाने वाला अन्नपूर्णा माता का यह मंदिर सदियों पुराना है. बताया जाता है कि राजा प्रीतम सिंह को माता ने स्वप्न में दर्शन दिए थे, जिसके बाद उन्होंने यह मंदिर बनवाया था. इसकी मान्यता है कि जो भी भक्त माता को अनाज समर्पण करता है और उस अनाज का कुछ हिस्सा ले जाकर वह अपने घर में बखारी में रख लेता है तो उसके यहां कभी भी अन्न की कमी नहीं होती है. माता के मंदिर में इस परंपरा को बधाई कहा जाता है.

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देवी अन्नपूर्णा मंदिर में जुटी भीड़

मां अन्नपूर्णा की मिट्टी से किसान की फसलों में चमत्कार
अन्न की देवी कही जाने वाली अन्नपूर्णा देवी के दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं में ऐसा मानना है कि इस मंदिर परिसर से मिट्टी खोद कर ले जाने से किसान की फसलों में कोई नुकसान नहीं होता है. यहां की मिट्टी को खेतों में डालने से साल भर फसलों में न तो कोई नुकसान होगा और न ही कोई दैवी आपदा का प्रकोप देखने को मिलेगा. इसके साथ ही उपज में भी कई गुना बढ़ोतरी होती है. यही कारण है कि यहां की मिट्टी को ले जाकर श्रद्धालु अपने खेतों में डालते हैं.

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देवी अन्नपूर्णा मंदिर में जुटी भीड़

नवरात्रि में मंदिर में सुरक्षा के किए जाते हैं पुख्ता इंतजाम
मंदिर में नवरात्रि के दौरान मेला लगने से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है, जिसकी सुरक्षा के लिए पुलिस के पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं. मंदिर परिसर के अंदर सुबह से लेकर शाम तक लगातार पुलिस सुरक्षा कर्मी तैनात किए जाते हैं. पुलिसकर्मी मेले में आने जाने वाले संदिग्ध लोगों पर पैनी नजर रखते हैं.

Intro:नवरात्रि स्पेशल

कन्नौज में अन्न की देवी मां अन्नपूर्णा का है यह चमत्कारी रूप

माता के चमत्कारों की कथाएं कई हैं लेकिन कुछ खास चमत्कार जब देखने को मिलते हैं तो लोग आश्चर्यचकित रह जाते हैं । ऐसा ही कुछ इस मंदिर का भी इतिहास है और साक्षात अन्न की देवी मां अन्नपूर्णा के रूप में कन्नौज के तिर्वा कस्बे में विराजमान है। क्या है इस देवी मंदिर की परंपरा आइए जानते हैं इस स्पेशल रिपोर्ट में।


Body:माता के कई रूप हैं और हर रूप में मां जगदम्बा का आशीर्वाद सभी को मिलता है। नवरात्रों में सभी देवी मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है । नजारा कुछ ऐसा होता है कि मानो मन में देवी दर्शन की आस लिए भक्त भक्तिरस में सराबोर होता है और मां से मिलने के लिए मां के चमत्कारिक रूप के दर्शन के लिए मंदिरों में आता है । ऐसी ही आस्था का केंद्र बना यह सिद्धपीठ मां अन्नपूर्णा का मंदिर है, जो कन्नौज के तिर्वा क्षेत्र में स्थित है । इस मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले भक्तों पर माता की चमत्कारी कृपा बरसती रहती है । इस कृपा से भक्तों के घर में कभी भी किसी प्रकार की कोई बाधा नहीं आती है , और उसके घर मे सदा अन्न के भंडार भरे रहते हैं । इस मंदिर की ऐसी परंपरा है कि जो भी भक्त यहां आकर माता को अन्न यानी कि अनाज चढ़ाता है उस भक्त को उसकी इच्छानुसार हर वस्तु की प्राप्ति हो जाती है , और जीवन में कभी भी वह भक्त दुखी नहीं रहता है।


Conclusion:सिद्ध पीठ अन्नपूर्णा माता का यह मंदिर सदियों पुराना है । बताया जाता है कि राजा प्रीतम सिंह को माता ने स्वप्न में दर्शन दिए थे , जिसके बाद उन्होंने यह मंदिर बनवाया था। इसकी मान्यता है कि जो भी भक्त माता को अनाज समर्पण करता है और उस अनाज का कुछ हिस्सा ले जाकर वह अपने घर में बखारी में रख लेता है तो उसके यहां कभी भी अन्न की कमी नहीं होती है । माता के मंदिर में इस परंपरा को बधाई कहा जाता है ।

मां अन्नपूर्णा की मिट्टी से किसान की फसलों में चमत्कार -

अन्न की देवी कही जाने वाली सिद्ध पीठ मां अन्नपूर्णा देवी के दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं मैं ऐसा मानना है कि इस मंदिर परिसर से मिट्टी खोद कर ले जाने से किसान की फसलों में कोई नुकसान नहीं होता है यहां की मिट्टी को खेतों में डालने से साल भर पशुओं में ना तो कोई नुकसान होगा और ना ही कोई दैवी आपदा का प्रकोप देखने को मिलेगा इसके साथ ही उपज में भी कई गुना बढ़ोतरी होती है यही कारण है कि यहां की मिट्टी को ले जाकर श्रद्धालु अपने खेतों में डालते हैं जिससे कि उनकी फसल अच्छी होती है और माता के आशीर्वाद से कभी कोई कमी किसी बात की नहीं रहती।

नवरात्रों में मंदिर में सुरक्षा के किए जाते हैं पुख्ता इंतजाम

मंदिर में नवरात्रों के दौरान मेला लगने से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है , जिसकी सुरक्षा के लिए पुलिस के पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं। मंदिर परिसर के अंदर सुबह से लेकर शाम तक लगातार पुलिस सुरक्षा कर्मी तैनात किए जाते हैं , तो वहीं मंदिर के बाहर लगे पुलिस सुरक्षाकर्मी की हर एक घंटे में ड्यूटी बदल जाती है और पुलिसकर्मी मेले में आने जाने वाले संदिग्ध लोगों पर पैनी नजर रखते हैं और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाता है। जिससे कि मंदिर परिसर के बाहर या अंदर कोई भी किसी प्रकार की घटना घटित ना हो।

बाइट - रामदुलारी - श्रद्धालु

बाइट - रितेश त्रिपाठी - मंदिर पुजारी

बाइक - पुलिस सुरक्षाकर्मी
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