कन्नौज: कहते है मां के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं होता. इस कहावत पर कलंक लगाया तिर्वा कोतवाली क्षेत्र के गपचरियापुर गांव की रहने वाली एक कलयुगी मां निर्मला ने जिसने अपने 11 माह के बेटे का 1.61 लाख में सौदा तय कर दिया.
मासूम का सौदा कराने में एक आशा वर्कर का भी सहयोग रहा. बच्चा बिक्री करने के बाद मां ने आशा बहू पर बिक्री के एक लाख हड़पने का आरोप लगाते हुए बच्चा वापस करने की मांग शुरू कर दी.
आरोप है कि मां को सिर्फ 61 हजार रुपये ही मिले. धोखाधड़ी की जानकारी होने पर मां अब अपना बच्चा वापस मांग रही है. मामला पुलिस के पास पहुंचने पर मासूम की बिक्री होने का मामला खुल गया. तिर्वा कोतवाली में दोनों पक्षों के बीच करीब तीन घंटे तक पंचायत चली लेकिन जब मामला नहीं सुलझा तो दोनों पक्षों को पुलिस ने चाइल्ड हेल्प लाइन भेज दिया जहां मामला सुलझाकर बच्चा किसी एक को सौंपा जाएगा.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, तिर्वा कोतवाली क्षेत्र के गपचरियापुर गांव निवासी राम मिलन ईंट भट्टा पर मेहनत मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करता है. उसके नौ बच्चे है. इसमें सात बेटियां व दो बेटे हैं.
इसके चलते वह परिवार का ठीक से देखभाल नहीं कर पा रहा है. करीब दो माह पहले राममिलन की पत्नी निर्मला ने आशा बहू के साथ मिलकर अपने 11 माह के बेटे का सौरिख थाना क्षेत्र के गहपुरा गांव निवासी सोनू व उसकी पत्नी सुषमा को 1.61 लाख में बेच दिया.
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इसके बाद बाकायदा छिबरामऊ तहसील में बच्चा लेने के लिए 61 हजार की नोटरी कराई गई. बच्चा बिक्री के एक लाख आशा ने हड़प लिए. बच्चे के माता-पिता को सिर्फ 61 हजार ही मिले. करीब चार दिन पहले निर्माला को पता चला कि उसको बेटे की बिक्री के रुपये कम मिले है. इसके बाद वह सोनू से अपना बेटा वापस मांगने लगी.
बेटा वापस न मिलने पर मां ने एसपी प्रशांत वर्मा से मामले की शिकायत की. एसपी ने तिर्वा कोतवाली प्रभारी को मामले की जांच के आदेश दिए. इसके बाद कोतवाली प्रभारी शैलेंद्र कुमार मिश्रा ने दोनों पक्षों को कोतवाली में बुलाकर बातचीत की. दोनों पक्ष एक दूसरे पर आरोप लगाते है.
करीब तीन घंटे तक चली पंचायत में जब कोई नतीजा नहीं निकला तो पुलिस ने दोनों पक्षों को चाइल्ड हेल्प लाइन भेज दिया. चाइल्ड हेल्प लाइन के माध्यम से मामले का निस्तारण किया जाएगा. वहीं, थाना प्रभारी ने बताया कि चाइल्ड हेल्प लाइन से जो आदेश मिलेगा उसका पालन कराया जाएगा.
बताया कि मामले तहरीर मिलती है तो उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. बच्चा खरीदने वाले सोनू का कहना है कि शादी के 11 साल होने के बाद भी बच्चा नहीं है. इसके चलते उन्होंने बच्चा गोद लिया है. बताया कि दंपति ने इलाज और घर के अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए बच्चा को गोद देने की बात कही थी.