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उफान पर पाण्डु नदी, किसानों की चार हजार बीघा फसल जलमग्न

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Published : Aug 2, 2021, 6:01 PM IST

कन्नौज क्षेत्र में हो रही भारी बारिश से पाण्डु नदी (Flood in pandu River) उफान पर है. नदी किनारे बसे गांवों में पानी पहुंच गया है, जिससे कई गांवों के कच्चे और पुराने जर्जर मकान जमींदोज हो गए हैं. 16 गांवों के सैकड़ों किसानों की करीब चार हजार बीघा फसल जलमग्न होकर पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है.

बाढ़ से किसानों की चार हजार बीघा फसल बर्बाद.
बाढ़ से किसानों की चार हजार बीघा फसल बर्बाद.

कन्नौज: इन दिनों उत्तर भारत (North India) में मूसलाधार बारिश (torrential rain) जारी है. नदिया अपने साथ भारी मात्रा में जल लेकर बह रही हैं. कन्नौज में प्रवाहित पाण्डु नदी (Flood in pandu River) भी उफान पर है और तराई क्षेत्रों में कहर बरपा रही है. जिले के उमर्दा ब्लॉक के औसेर क्षेत्र स्थित 16 गांवों के सैकड़ों किसानों की करीब चार हजार बीघा फसल जलमग्न (crop submerged) होकर पूरी तरह से बर्बाद हो गई. कटान के चलते खेतों में कई फीट पानी भर गया है. कई गांवों के संपर्क मार्ग भी तेज बहाव के चलते कटान होने से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. फसल बर्बाद होने से किसानों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लिहाजा, पीड़ित किसानों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.

इसे भी पढे़ं-दर्द: बंबा कटने से 500 बीघा फसल हुई जलमग्न, किसान परेशान

दरअसल, उमर्दा ब्लॉक के औसेर गांव के पास ही पाण्डु नदी होकर गुजरी है. बीते तीन दिन से रुक रुक कर हो रही बारिश से नदी का पानी ओवर फ्लो होने से कटान हो गया है. औसेर के अलावा बंसरा, कुढ़री, कुंवरभोज, मधेपुर, रामपुर, लक्ष्मणपुर, सिमरिया, जुर्रापुर्वा, रकसहिया, पुरईपुर्वा, गंभीरपुर्वा, लक्ष्मीपुर, नयापुर्वा, तारनपुर्वा, रामहार के गांव के सैकड़ो किसानों की धान और मक्का की फसल खेतों में बोई थी. नदी में कटान होने से पानी खेतों में भर गया है. इससे सैकड़ों किसानों की करीब चार हजार बीघा धान और मक्का की फसल जलमग्न हो गई है. साथ ही पानी के तेज बहाव के चलते संपर्क मार्गों का कटान होने की वजह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं.

उफान पर पाण्डु नदी

इसे भी पढ़ें-यमुना व सेंगर नदी का जलस्तर बढ़ने से कई गांवों का संपर्क टूटा, देखें वीडियो...

बीते रविवार को हुई बारिश की वजह से खेतों में कई फीट तक पानी भर गया है. जलमग्न होकर फसल बर्बाद होने की वजह से किसानों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. पीड़ित किसानों ने शासन और प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है. वहीं किसानों का आरोप है कि सूचना के बाद भी कोई अधिकारी उनके क्षेत्र में फसलों की बर्बादी को देखने नहीं आया है. किसानों ने बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे के लिए प्रशासन से गुहार लगाई है. वहीं तिर्वा तहसीलदार अनिल सरोज ने बताया कि लेखपालों की टीम लगाकर जांच कराई जा रही है. अगर, फसल का नुकसान हुआ है तो उचित सहायता दिलाई जाएगी.

कन्नौज: इन दिनों उत्तर भारत (North India) में मूसलाधार बारिश (torrential rain) जारी है. नदिया अपने साथ भारी मात्रा में जल लेकर बह रही हैं. कन्नौज में प्रवाहित पाण्डु नदी (Flood in pandu River) भी उफान पर है और तराई क्षेत्रों में कहर बरपा रही है. जिले के उमर्दा ब्लॉक के औसेर क्षेत्र स्थित 16 गांवों के सैकड़ों किसानों की करीब चार हजार बीघा फसल जलमग्न (crop submerged) होकर पूरी तरह से बर्बाद हो गई. कटान के चलते खेतों में कई फीट पानी भर गया है. कई गांवों के संपर्क मार्ग भी तेज बहाव के चलते कटान होने से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. फसल बर्बाद होने से किसानों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लिहाजा, पीड़ित किसानों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.

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दरअसल, उमर्दा ब्लॉक के औसेर गांव के पास ही पाण्डु नदी होकर गुजरी है. बीते तीन दिन से रुक रुक कर हो रही बारिश से नदी का पानी ओवर फ्लो होने से कटान हो गया है. औसेर के अलावा बंसरा, कुढ़री, कुंवरभोज, मधेपुर, रामपुर, लक्ष्मणपुर, सिमरिया, जुर्रापुर्वा, रकसहिया, पुरईपुर्वा, गंभीरपुर्वा, लक्ष्मीपुर, नयापुर्वा, तारनपुर्वा, रामहार के गांव के सैकड़ो किसानों की धान और मक्का की फसल खेतों में बोई थी. नदी में कटान होने से पानी खेतों में भर गया है. इससे सैकड़ों किसानों की करीब चार हजार बीघा धान और मक्का की फसल जलमग्न हो गई है. साथ ही पानी के तेज बहाव के चलते संपर्क मार्गों का कटान होने की वजह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं.

उफान पर पाण्डु नदी

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बीते रविवार को हुई बारिश की वजह से खेतों में कई फीट तक पानी भर गया है. जलमग्न होकर फसल बर्बाद होने की वजह से किसानों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. पीड़ित किसानों ने शासन और प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है. वहीं किसानों का आरोप है कि सूचना के बाद भी कोई अधिकारी उनके क्षेत्र में फसलों की बर्बादी को देखने नहीं आया है. किसानों ने बर्बाद हुई फसलों के मुआवजे के लिए प्रशासन से गुहार लगाई है. वहीं तिर्वा तहसीलदार अनिल सरोज ने बताया कि लेखपालों की टीम लगाकर जांच कराई जा रही है. अगर, फसल का नुकसान हुआ है तो उचित सहायता दिलाई जाएगी.

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