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25 साल पुराने गैंगस्टर मामले में तीन चचेरे भाइयों को सश्रम 5 साल की कैद

कन्नौज न्यायालय ने 25 साल पुराने गैंगस्टर मामले में तीन चचेरे भाईयों को पांच साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई.तीनों अभियुक्तों को हिरासत में लेकर जिला कारागार भेज दिया गया है. सभी अपील पर बाहर थे.

कन्नौज न्यायालय
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Published : Sep 20, 2022, 10:20 PM IST

कन्नौज: करीब 25 साल पुराने गैंगस्टर के मामले में एफटीसी कोर्ट(फास्ट ट्रैक कोर्ट) ने तीन चचेरे भाईयों को पांच साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने प्रत्येक को 10-10 हजार का अर्थदंड भी लगाया है. जुर्माना अदा न करने पर छह माह अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है. एफटीसी कोर्ट के जज शिव कुमार तिवारी ने यह फैसला सुनाया है. तीनों अभियुक्तों को हिरासत में लेकर जिला कारागार भेज दिया गया है. सभी अपील पर बाहर थे.

क्या है पूरा मामला
जिला शासकीय अधिवक्ता संत कुमार दुबे ने बताया कि सदर कोतवाली क्षेत्र के इब्राहिंपुर गांव निवासी पूर्व प्रधान नौशाद पुत्र सहेजउद्दीन उसके चचेरे भाई मोहम्मद हसन पुत्र सरफराज व रसूल अहमद पर साल 1997 में गैंगस्टर एक्ट में मामला दर्ज किया गया था. तीनों अभियुक्त गैंग बनाकर हत्या जैसी घटनाओं को अंजाम देते थे. मंगलवार को एफटीसी कोर्ट के जज शिव कुमार तिवारी तीनों अभियुक्तों को 3-1 गैंगस्टर तहत सश्रम पांच साल की सजा सुनाई है. साथ ही प्रत्येक पर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना अदा न करने पर छह माह अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी पड़ेगी.

यह भी पढे़ं:अब्बास अंसारी का है आपराधिक इतिहास, सरकारी पक्ष ने कहा हलफनामे में छुपाई जानकारी

मामले की पैरवी संयुक्त निदेशक अभियोजन पीसी द्विवेदी ने की. सजा सुनाए जाने के बाद तीनों अभियुक्तों को हिरासत में लेकर जिला जेल अनौगी भेज दिया गया. शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि प्रधानी चुनाव को लेकर हत्याएं हुई थी. तीनों अभियिक्तों पर हत्याएं के मुकदमा दर्ज है. जिसमें नौशाद पर तीन हत्या के मुकदमा दर्ज है. फिलहाल सभी अपील पर बाहर थे. तीनों रिश्ते में चचेरे भाई है. बताया कि जब तीनों अभियुक्तों पर गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया गया था. तब कानपुर सिर्फ कानपुर में ही गैंगस्टर कोर्ट की सुविधा थी.

यह भी पढे़ं:श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले की अगली सुनवाई एक जुलाई को

कन्नौज: करीब 25 साल पुराने गैंगस्टर के मामले में एफटीसी कोर्ट(फास्ट ट्रैक कोर्ट) ने तीन चचेरे भाईयों को पांच साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने प्रत्येक को 10-10 हजार का अर्थदंड भी लगाया है. जुर्माना अदा न करने पर छह माह अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है. एफटीसी कोर्ट के जज शिव कुमार तिवारी ने यह फैसला सुनाया है. तीनों अभियुक्तों को हिरासत में लेकर जिला कारागार भेज दिया गया है. सभी अपील पर बाहर थे.

क्या है पूरा मामला
जिला शासकीय अधिवक्ता संत कुमार दुबे ने बताया कि सदर कोतवाली क्षेत्र के इब्राहिंपुर गांव निवासी पूर्व प्रधान नौशाद पुत्र सहेजउद्दीन उसके चचेरे भाई मोहम्मद हसन पुत्र सरफराज व रसूल अहमद पर साल 1997 में गैंगस्टर एक्ट में मामला दर्ज किया गया था. तीनों अभियुक्त गैंग बनाकर हत्या जैसी घटनाओं को अंजाम देते थे. मंगलवार को एफटीसी कोर्ट के जज शिव कुमार तिवारी तीनों अभियुक्तों को 3-1 गैंगस्टर तहत सश्रम पांच साल की सजा सुनाई है. साथ ही प्रत्येक पर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना अदा न करने पर छह माह अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी पड़ेगी.

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मामले की पैरवी संयुक्त निदेशक अभियोजन पीसी द्विवेदी ने की. सजा सुनाए जाने के बाद तीनों अभियुक्तों को हिरासत में लेकर जिला जेल अनौगी भेज दिया गया. शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि प्रधानी चुनाव को लेकर हत्याएं हुई थी. तीनों अभियिक्तों पर हत्याएं के मुकदमा दर्ज है. जिसमें नौशाद पर तीन हत्या के मुकदमा दर्ज है. फिलहाल सभी अपील पर बाहर थे. तीनों रिश्ते में चचेरे भाई है. बताया कि जब तीनों अभियुक्तों पर गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया गया था. तब कानपुर सिर्फ कानपुर में ही गैंगस्टर कोर्ट की सुविधा थी.

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