कन्नौज: जिले में कोविड-19 संक्रमित लक्षणविहीन व अत्यंत कम लक्षण वाले मरीज, जो बेहतर सुविधा चाहते हैं, उन मरीजों के लिए निजी होटलों में कोविड-19 केयर सेंटर सशर्त संचालित किया जाएगा. जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोविड-19 केयर सेंटर बनाए जाएंगे. मरीजों को अच्छी सुविधाएं देने के लिए होटलों में एल-1 प्लस कोविड-19 केयर सेंटर खोले जाएंगे, जिसका खर्च मरीजों से लिया जायेगा.
मरीजों को खुद देना होगा रहने-खाने का खर्च
प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने जिलाधिकारी व मुख्य चिकित्साधिकारी को पत्र भेजकर निर्देश दिए हैं. इसमें कहा गया है कि तमाम ऐसे लोग हैं, जो कोरोना पॉजिटिव हैं, मगर उनमें काफी कम लक्षण हैं. वह एल-1 अस्पतालों में सुविधा न होने से बीमारी छिपा रहे हैं. उन्हें अच्छी सुविधाएं देने के लिए होटलों में एल-1 प्लस कोविड-19 केयर सेंटर खोले जाएंगे, जहां का खर्च मरीजों से लिया जायेगा.
क्या होगा बेड चार्ज
डबल बेडरूम के 2000 रुपये और सिंगल बेडरूम के 1500 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से तय किए गए हैं. हालांकि एल-1 स्तर की इन सुविधाओं में साफ-सफाई के व्यवस्था की जिम्मेदारी होटल की होगी. अगर किसी मरीज की तबीयत बिगड़ने पर एल-2 या फिर एल-3 सुविधा वाले अस्पताल में शिफ्ट किया जाता है तो फिर होटल को मरीज की जमा कराई गई अतिरिक्त धनराशि को वापस करना होगा.
इनको नहीं मिल सकेगी सुविधा
होटल के केयर सेंटर में 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं, कोरोना संक्रमित होने के बावजूद किसी असाध्य रोग से ग्रसित रोगियों एवं अभिभावक रहित छोटे बच्चों को सेंटर में ठहरने की अनुमति नहीं होगी. स्वास्थ्य कर्मी जो भी स्टाफ काम करेगा, उसे उसी होटल या पास के होटल में रहना होगा. प्रत्येक 8 घंटे की शिफ्ट में एक डॉक्टर (एमबीबीएस या आयुष) दो नर्सिंग एवं एक फार्मासिस्ट तैनात किया जाएगा. भुगतान को लेकर मरीज की स्थिति और सहमति सीएमओ देखेंगे. होटल में अधिकतम 25 प्रतिशत सिंगल बेड कमरे महिलाओं, छोटे बच्चों व 50 से 65 वर्ष के लोगों तथा शेष 75 प्रतिशत कमरे डबल रूम के हिसाब से दिए जाएंगे.
सीएमओ ने दी जानकारी
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ के. स्वरूप ने बताया कि इस संबंध में जिलाधिकारी से बात कर होटलों को चिन्हित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बुखार आने पर तुरंत जांच कराएं. कोरोना से मिलते-जुलते लक्षण वाले मरीज अपना सैंपल देकर जांच कराने में देरी न करें. संक्रमण रोकने के लिए यह बेहद जरूरी है. डर की वजह से बीमारी छुपाने की कोशिश करना बेहद नुकसानदेह साबित हो सकता है.