कन्नौज: अवैध संबंधों में बाधक बनने पर प्रेमी मामा के साथ मिलकर मां-बाप की हत्या करने के मामले में कोर्ट ने बुधवार को सजा सुनाई है. कोर्ट ने आरोपी मामा-भांजी को आजीवन कारावास और 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.
पांच साल बाद दोषियों को मिली सजाः जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी मो. सालिम ने बताया कि 9 अक्तूबर 2018 को गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र के गौरियापुर गांव निवासी रमेश दोहरे की धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी गई थी. जबकि घायल पत्नी ऊषा देवी की कानपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. मृतक रमेश के भाई बृजलाल ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी. घटना के बाद से ही मृतक की पुत्री संगीता लापता थी. पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल की तो पता चला कि संगीता देवी ने हरदोई के कतन्नापुर गांव निवासी मामा परवेंद्र के साथ मिलकर मां-बाप की हत्या कर दी थी. जिसके बाद दोनों फरार हो गए थे और पुलिस को चकमा देते हुए बच रहे थे.
वारदात के 3 महीने बाद हुए थे गिरफ्तारः वारदात के करीब तीन माह बाद पुलिस ने दोनों को पश्चिम बंगाल के जनपद हुगली के आरबीएस रोड अंगुश थाना भदरेश्वर से गिरफ्तार किया था. पुलिस ने मामले की विवेचना कर आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किए. साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर दोष सिद्ध होने पर बुधवार को जिला जज अजय कुमार श्रीवास्तव ने मामा परवेंद्र व भांजी संगीता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही पचास 50 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड अदा न करने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है.
अवैध संबंध में बाधक बनने पर रची थी हत्या की साजिशः जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी के मुताबिक संगीता का प्रेमी रिश्ते में उसका मामा लगता है. उसके भाई योगेंद्र की शादी में मामा परवेंद्र भी आया था. तभी से दोनों के बीच बातचीच शुरू हो गई. जिसके बाद परवेंद्र दिल्ली से गौरियापुर गांव रहने के लिए आ गया और दोनों के बीच अवैध संबंध बने. दोनों को आपत्तिजनक हालत में उसकी मां ने देख लिया था और आपत्ति जताई थी. इसके बाद बेटी ने मामा के साथ साजिश रचकर मां-बाप की हत्या कर फरार हो गए थे.
पुलिस ने घोषित किया था 25-25 हजार रुपये का इनामः हत्यारोपी मामा-भांजी पुलिस को करीब तीन माह तक चकमा देते रहे. पुलिस ने दोनों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था. दोनों पुलिस को चकमा पहले कानपुर पहुंचे थे. फिर ट्रेन से मुंबई गए. मुम्बई में रूकने बाद दोनों ट्रेन से पश्चिम बंगाल के हुगली पहुंचे. यहां आधार कार्ड से एक नई सिम खरीदी. जैसे ही सिम आधार कार्ड से लिंक हुई, पुलिस को उसकी लोकेशन मिल गई. जिसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया था.
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