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कन्नौज : होली पर रंगीन कचरी और पापड़ से रहें सावधान, हो सकती है गंभीर बीमारी - किडनी

कन्नौज में होली के त्योहार पर बाजारों में बिक रहे रंगीन पापड़ और कचरी पर रोक लगाने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है. ये सिंथेटिक कलर्स होते हैं जो किडनी और लीवर को डैमेज कर सकते हैं.

खाद्य अभिहित अधिकारी सतीश कुमार शुक्ला
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Published : Mar 19, 2019, 12:14 PM IST

कन्नौज : होली के त्यौहार पर बाजारों में रंगीन पापड़ और कचरी की भरमार है. दुकानों पर रंग बिरंगी कचरी और पापड़ बेचे जा रहे हैं. प्रशासन ने इस पर रोक लगाने के लिए अभियान चला रही है. अधिकारियों के अनुसार इसको खाने से किडनी और लीवर डैमेज हो सकता है.

जानकारी देते खाद्य अभिहित अधिकारी सतीश कुमार शुक्ला.

होली को लेकर बाजार इन दिनों चिप्स, पापड़ और कचरी आदि उत्पादों से भरे पड़े हैं. लोगों को लुभाने के लिए रंग-बिरंगे खाद्य उत्पाद बड़ी मात्रा में बाजारों में दिख रहे हैं. लेकिन यह मनमोहक उत्पाद कितने खतरनाक हो सकते हैं इसका शायद आपको अंदाजा भी नहीं होगा. रंगीन कचरी, चिप्स और पापड़ में सिंथेटिक कलर्स होते हैं जिससे इनको रंगीन बनाया जाता है. ऐसे रंगों का प्रयोग मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होता है. जो किडनी लीवर, आंत व फेफड़ों पर सीधा प्रभाव डालता है. जिससे संक्रमण पैदा होता है. इनका सेवन करने से डायरिया, रक्तअल्पता, गर्भवती महिलाओं को गर्भपात और आपका लीवर व किडनी डैमेज हो सकता है.


खाद्य अभिहित अधिकारी सतीश कुमार शुक्ला का कहना है कि अपर मुख्य सचिव खाद्य सुरक्षा विभाग और जिलाधिकारी के निर्देश पर जिले में होली को देखते हुए रंगीन कचरी, पापड़ को लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है. इनमें सिंथेटिक कलर्स होते हैं जो किडनी और लीवर को डैमेज कर सकते हैं.

कन्नौज : होली के त्यौहार पर बाजारों में रंगीन पापड़ और कचरी की भरमार है. दुकानों पर रंग बिरंगी कचरी और पापड़ बेचे जा रहे हैं. प्रशासन ने इस पर रोक लगाने के लिए अभियान चला रही है. अधिकारियों के अनुसार इसको खाने से किडनी और लीवर डैमेज हो सकता है.

जानकारी देते खाद्य अभिहित अधिकारी सतीश कुमार शुक्ला.

होली को लेकर बाजार इन दिनों चिप्स, पापड़ और कचरी आदि उत्पादों से भरे पड़े हैं. लोगों को लुभाने के लिए रंग-बिरंगे खाद्य उत्पाद बड़ी मात्रा में बाजारों में दिख रहे हैं. लेकिन यह मनमोहक उत्पाद कितने खतरनाक हो सकते हैं इसका शायद आपको अंदाजा भी नहीं होगा. रंगीन कचरी, चिप्स और पापड़ में सिंथेटिक कलर्स होते हैं जिससे इनको रंगीन बनाया जाता है. ऐसे रंगों का प्रयोग मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होता है. जो किडनी लीवर, आंत व फेफड़ों पर सीधा प्रभाव डालता है. जिससे संक्रमण पैदा होता है. इनका सेवन करने से डायरिया, रक्तअल्पता, गर्भवती महिलाओं को गर्भपात और आपका लीवर व किडनी डैमेज हो सकता है.


खाद्य अभिहित अधिकारी सतीश कुमार शुक्ला का कहना है कि अपर मुख्य सचिव खाद्य सुरक्षा विभाग और जिलाधिकारी के निर्देश पर जिले में होली को देखते हुए रंगीन कचरी, पापड़ को लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है. इनमें सिंथेटिक कलर्स होते हैं जो किडनी और लीवर को डैमेज कर सकते हैं.

Intro:सावधान : अगर आप होली के त्योहार पर खाएंगे रंगीन कचरी और पापड़ तो हो सकता है आपका लीवर व किडनी डैमेज

होली के त्यौहार पर बाजारों में रंगीन पापड़ और कचरी की भरमार है । जहां देखो जिधर देखो हर दुकान पर रंग बिरंगी कचरी और पापड़ बेचे जा रहे हैं। जिसको लेकर खाद्य विभाग ने अभियान भी चलाया लेकिन खाद्य विभाग का अभियान भी फेल नजर आ रहा है और रंगीन कचरी, चिप्स व पापड़ बेचने से दुकानदारों को खाद विभाग भी रोक नहीं सका और बाजारों में रंगीन पापड़ बाग कचरी की बिक्री जोरों पर है। जिसका नतीजा कितना खतरनाक हो सकता है। यह जानने के लिए देखें कन्नौज से यह स्पेशल रिपोर्ट।


Body:होली को लेकर बाजार इन दिनों चिप्स पापड़ और कचरी आदि उत्पादों से अटे पड़े हैं। लोगों को लुभाने के लिए रंग-बिरंगे खाद्य उत्पाद बड़ी मात्रा में बाजारों में दिख रहे हैं। लेकिन यह मनमोहक उत्पाद कितने खतरनाक हो सकते हैं इसका शायद आपको अंदाजा भी नहीं होगा । रंगीन कचरी व चिप्स और पापड़ में सिंथेटिक कलर्स होते हैं जिससे इनको रंगीन बनाया जाता है। ऐसे रंगों का प्रयोग मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होता है। होली त्यौहार पर चिप्स पापड़ कचरी का उपयोग अधिक किया जाता है । पहले लोग अपने घर पर ही पापड़ कचरी और चिप्स बना लेते थे, लेकिन पिछले कुछ सालों से रेडीमेड सामग्री ने बाजारों में अपनी भरमार बना रखी है , जिससे हर घर में अब रेडीमेड सामग्री खरीदी जा रही है । बाजारों में इन दिनों इसी तरह के सामान की कई दुकानें लगी है । जिन पर घर की अपेक्षा कहीं अधिक सुंदर, मनमोहक, लुभाने वाले चिप्स, पापड़, कचरी नजर आ रहे हैं । लेकिन इन सभी में सस्ते और अखाद्य यानी सिंथेटिक कलर्स का प्रयोग किया जाता है । जो सेहत के लिए बेहद हानिकारक है, क्योंकि सिंथेटिक कलर्स का उपयोग कपड़ों की रंगाई जैसे कार्यों में किया जाता है । लेकिन इस पर कोई रोक ना लगने के कारण लोग सस्ते माल को तैयार करने के लिए इन रंगों का प्रयोग खाद पदार्थों में भी कर रहे हैं । कारोबारी इनका उपयोग इसलिए कर रहे हैं क्योंकि इनकी कीमत खाद्य रंगों से बहुत कम होती है। जिन रंगीन सामग्री की बिक्री और मांग अधिक होती है इनमें सिंथेटिक कलर्स का प्रयोग ज्यादा किया जाता है । ताकि देखने में चमकदार और रंगीन लगे इनमें कचरी, चिप्स , गोलगप्पे, पापड़ आदि शामिल है। और यही खास बात है कि चमकदार और रंगीन चिप्स, पापड़ की कीमत बाजारों में अधिक है। लेकिन इससे लोगों के स्वास्थ्य के नुकसान होने की संभावनाएं भी अधिक है।


Conclusion:दुकानों पर इस समय सबसे ज्यादा चाइनीस चिप्स बिकते दिख रहे हैं । हर दुकान पर रंगीन सामान में चिकने व चमकदार चिप्स देखने को मिल रहे हैं। यह चाइनीस चिप्स ना तो आलू से बने हैं, और ना ही चावल से और ना ही यह मैदा से तैयार हैं, लेकिन फिर भी सफाई से बने यह चिप्स एकदम चिकने नजर आते है जिससे ग्राहक तुरंत खरीदने को तैयार हो जाता है। जबकि इसमें पड़ा हुआ कलर कितना खतरनाक हो सकता है इसे जानकर आप भी चौंक जाएंगे। इसमें पड़ा हुआ रंग केमिकल से तैयार किया जाता है । इस तरह के केमिकल मानव स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है । जो किडनी लीवर, आंत व फेफड़ों पर सीधा प्रभाव डालता है। जिससे संक्रमण पैदा होता है। इनका सेवन करने से डायरिया, रक्तअल्पता, गर्भवती महिलाओं को गर्भपात, तथा कैंसर तक हो सकता है और आपका लीवर व किडनी डैमेज हो सकता है।

बाइट - सतीश कुमार शुक्ला- खाद्य अभिहित अधिकारी, कन्नौज

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कन्नौज से पंकज श्रीवास्तव
94 15 1689 69

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