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फेसबुक पर बुआ-बबुआ पेज मामला : जब यूपी पुलिस ने मार्क जुकरबर्ग को नामजद कर हटाया उसका नाम, पढ़ें पूरा मामला - सोशल मीडिया फेसबुक पर बुआ-बबुआ नाम का पेज

सोशल मीडिया फेसबुक पर बुआ-बबुआ नाम का पेज बनाकर सपाध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ पोस्ट डालने और अभद्र टिप्पणी करने का मामला गर्माता जा रहा है. यूपी पुलिस ने अज्ञात लोगों की जगह फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग को किया नामजद. न्यायिक अधिकारी के आदेश की प्रति सोशल मीडिया पर तेजी से हो रही वायरल.

फेसबुक पर बुआ-बबुआ पेज मामला
फेसबुक पर बुआ-बबुआ पेज मामला
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Published : Dec 3, 2021, 3:22 PM IST

कन्नौजः सोशल मीडिया फेसबुक पर बुआ-बबुआ नाम का पेज बनाकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्री़य अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खिलाफ पोस्ट डालकर अभद्र टिप्पणी करने का मामला शांत होता नहीं दिख रहा है.

एक सपा नेता व अधिवक्ता ने कोर्ट के आदेश पर फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग, पेज एडमिन समेत 49 लोगों के खिलाफ ठठिया थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. मामला चर्चा में आने के बाद पुलिस ने फेसबुक के मालिक का नाम विवेचना में हटा दिया.

अब रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश देने वाले न्यायिक अधिकारी के आदेश की कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. आदेश में अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट करने की बात कही गई थी लेकिन पुलिस ने मार्क जुकरबर्ग को नामजद कर दिया था.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, फेसबुक पर बुआ-बबुआ मामले को लेकर सपा नेता व अधिवक्ता ठठिया थाना क्षेत्र के सरहटी गांव निवासी अमित यादव ने कोर्ट के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस ने तहरीर के आधार पर फेसबुक संस्थापक मार्क जुकरबर्ग को नामजद करते हुए पेज एडिमन समेत लाइक कमेंट्स करने वाले 49 लोगों को आरोपी बनाते हुए रिपोर्ट दर्ज की थी. रिपोर्ट दर्ज होने के बाद मामले ने तूल पकड़ा तो पुलिस ने विवेचना में फेसबुक के मालिक का नाम हटा दिया और पल्ला झाड़कर किनारे हो गए.

यह भी पढ़ें- विधायक शाह आलम जमाली की बढ़ी मुश्किलें, छेड़छाड़ के मामले में कोर्ट ने किया तलब


वहीं, न्यायिक अधिकारी के आदेश की प्रति सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इसमें अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की बात कही गई थी. पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे है.

न्यायिक अधिकारी का आदेश

न्यायिक अधिकारी ने आदेश दिया था कि संबंधित थाना प्रभारी को आदेशित किया जाता है कि प्रार्थना पत्र में वर्णित कथानक के संबंध में किसी को नामित न करते हुए अज्ञात में सुसंगत धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराकर नियमानुसार अन्वेषण करना सुनिश्चित करें.

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कन्नौजः सोशल मीडिया फेसबुक पर बुआ-बबुआ नाम का पेज बनाकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्री़य अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खिलाफ पोस्ट डालकर अभद्र टिप्पणी करने का मामला शांत होता नहीं दिख रहा है.

एक सपा नेता व अधिवक्ता ने कोर्ट के आदेश पर फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग, पेज एडमिन समेत 49 लोगों के खिलाफ ठठिया थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. मामला चर्चा में आने के बाद पुलिस ने फेसबुक के मालिक का नाम विवेचना में हटा दिया.

अब रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश देने वाले न्यायिक अधिकारी के आदेश की कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. आदेश में अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट करने की बात कही गई थी लेकिन पुलिस ने मार्क जुकरबर्ग को नामजद कर दिया था.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, फेसबुक पर बुआ-बबुआ मामले को लेकर सपा नेता व अधिवक्ता ठठिया थाना क्षेत्र के सरहटी गांव निवासी अमित यादव ने कोर्ट के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस ने तहरीर के आधार पर फेसबुक संस्थापक मार्क जुकरबर्ग को नामजद करते हुए पेज एडिमन समेत लाइक कमेंट्स करने वाले 49 लोगों को आरोपी बनाते हुए रिपोर्ट दर्ज की थी. रिपोर्ट दर्ज होने के बाद मामले ने तूल पकड़ा तो पुलिस ने विवेचना में फेसबुक के मालिक का नाम हटा दिया और पल्ला झाड़कर किनारे हो गए.

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वहीं, न्यायिक अधिकारी के आदेश की प्रति सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इसमें अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की बात कही गई थी. पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे है.

न्यायिक अधिकारी का आदेश

न्यायिक अधिकारी ने आदेश दिया था कि संबंधित थाना प्रभारी को आदेशित किया जाता है कि प्रार्थना पत्र में वर्णित कथानक के संबंध में किसी को नामित न करते हुए अज्ञात में सुसंगत धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराकर नियमानुसार अन्वेषण करना सुनिश्चित करें.

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