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अनामिका शुक्ला प्रकरण: मास्टरमाइंड का भाई गिरफ्तार, नाम से लेकर डिग्री तक सब फर्जी

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Published : Jun 12, 2020, 1:05 PM IST

यूपी के कन्नौज में फर्जी नाम से नौकरी करने वाले मामले का मास्टरमाइंड एक स्कूल का हेड मास्टर है. जिसे पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है. जिले का शिक्षा विभाग भले ही इस बात से अनजान हो, लेकिन कासगंज और फर्रुखाबाद के बाद इस मामले में अब जिले से मास्टरमाइंड के कनेक्शन होने की बात सामने आ रही है. वहीं इस मामले में जिला बेसिक शिक्षा विभाग को कुछ भी पता नहीं है.

anamika shukla case
बीएसए के.के. ओझा.

कन्नौजः फर्जी शिक्षिका अनामिका शुक्ला प्रकरण मामले के मास्टर माइंड के तार जिले से भी जुड़ता दिखाई दे रहा है. बताया जा रहा है कि अनामिका शुक्ला के नाम पर एक सुप्रिया नाम की युवती नौकरी कर रही है. वहीं युवती को नौकरी दिलाने वाले मास्टरमाइंड शिक्षक तक पुलिस पहुंच गई है. दूसरी तरफ जब इस मामले पर बीएसए से जानकारी ली गई तो उनका कहना है कि कासगंज पुलिस की कार्रवाई की उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

जानकारी देते बीएसए.

क्या है मामला-
आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले कासगंज के एसपी सुशील चंद्रभान घुले ने फर्जी महिला अनामिका शुक्ला के नाम से नौकरी करने वाले मामले का सनसनीखेज खुलासा किया था. वहीं अनामिका के नाम से नौकरी करने वाली सुप्रिया को पकड़ा गया था. जो कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में तैनात थी. इस मामले में पुलिस ने सुप्रिया और उसके परिजनों से पूछताछ की, जिसमे जानकारी हुई कि उसको नौकरी दिलाने, कागजात बनवाने और फार्म डलवाने में मदद करने वाला जसवंत नाम का एक व्यक्ति था.

पुलिस ने किया मास्टर माइंड को गिरफ्तार
जसवंत नामक व्यक्ति का नाम सामने आने पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस की पूछताछ में युवक ने बताया कि वह कन्नौज जिले के ब्लॉक हसेरन क्षेत्र के उच्च प्राथमिक स्कूल रामपुर बरौली में प्रभारी डेटमास्टर के पद पर तैनात है. साथ ही उसने यह भी बताया कि इस पूरे खेल का मास्टर माइंड उसका भाई पुष्पेंद्र उर्फ राज नीतू है.

क्या कहते हैं अधिकारी
मैनपुरी जिले के थाना भोगांव क्षेत्र के हसनपुर नोटा का रहने वाला जसवंत उर्फ विभव सिंह कन्नौज में 22 सितम्बर 2015 को भर्ती हुआ था. यहां पांच साल हो गए और शिक्षा महकमे को इसकी जानकारी तक नहीं हुई. बीएसए के.के. ओझा ने अभी इसके बारे में कुछ दिनों पहले कहा था कि अनामिका शुक्ला और सुप्रिया के नाम पर भर्ती मामले में कन्नौज से कोई कनेक्शन नहीं है, उन्होंने उसकी जांच करा ली है, लेकिन गुरुवार को एसपी कासगंज ने सारी परतें खोल दी.

इसके बाद बीएसए के.के. ओझा ने खुद को पूरे मामले से अनजान बताया. उनका कहना है कि कासगंज पुलिस की कार्रवाई की उन्हें कोई जानकारी नहीं है. जानकारी मिलने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी.

इसे भी पढ़ें- कन्नौज: तमिलनाडु से गांव लौटा परिवार, जेवर बेचकर पेट पालने को मजबूर

कन्नौजः फर्जी शिक्षिका अनामिका शुक्ला प्रकरण मामले के मास्टर माइंड के तार जिले से भी जुड़ता दिखाई दे रहा है. बताया जा रहा है कि अनामिका शुक्ला के नाम पर एक सुप्रिया नाम की युवती नौकरी कर रही है. वहीं युवती को नौकरी दिलाने वाले मास्टरमाइंड शिक्षक तक पुलिस पहुंच गई है. दूसरी तरफ जब इस मामले पर बीएसए से जानकारी ली गई तो उनका कहना है कि कासगंज पुलिस की कार्रवाई की उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

जानकारी देते बीएसए.

क्या है मामला-
आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले कासगंज के एसपी सुशील चंद्रभान घुले ने फर्जी महिला अनामिका शुक्ला के नाम से नौकरी करने वाले मामले का सनसनीखेज खुलासा किया था. वहीं अनामिका के नाम से नौकरी करने वाली सुप्रिया को पकड़ा गया था. जो कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में तैनात थी. इस मामले में पुलिस ने सुप्रिया और उसके परिजनों से पूछताछ की, जिसमे जानकारी हुई कि उसको नौकरी दिलाने, कागजात बनवाने और फार्म डलवाने में मदद करने वाला जसवंत नाम का एक व्यक्ति था.

पुलिस ने किया मास्टर माइंड को गिरफ्तार
जसवंत नामक व्यक्ति का नाम सामने आने पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस की पूछताछ में युवक ने बताया कि वह कन्नौज जिले के ब्लॉक हसेरन क्षेत्र के उच्च प्राथमिक स्कूल रामपुर बरौली में प्रभारी डेटमास्टर के पद पर तैनात है. साथ ही उसने यह भी बताया कि इस पूरे खेल का मास्टर माइंड उसका भाई पुष्पेंद्र उर्फ राज नीतू है.

क्या कहते हैं अधिकारी
मैनपुरी जिले के थाना भोगांव क्षेत्र के हसनपुर नोटा का रहने वाला जसवंत उर्फ विभव सिंह कन्नौज में 22 सितम्बर 2015 को भर्ती हुआ था. यहां पांच साल हो गए और शिक्षा महकमे को इसकी जानकारी तक नहीं हुई. बीएसए के.के. ओझा ने अभी इसके बारे में कुछ दिनों पहले कहा था कि अनामिका शुक्ला और सुप्रिया के नाम पर भर्ती मामले में कन्नौज से कोई कनेक्शन नहीं है, उन्होंने उसकी जांच करा ली है, लेकिन गुरुवार को एसपी कासगंज ने सारी परतें खोल दी.

इसके बाद बीएसए के.के. ओझा ने खुद को पूरे मामले से अनजान बताया. उनका कहना है कि कासगंज पुलिस की कार्रवाई की उन्हें कोई जानकारी नहीं है. जानकारी मिलने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी.

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