कन्नौज : कानपुर के पूर्व कमिश्नर असीम अरुण का वीआरएस लेकर बीजेपी में शामिल होना, यूपी की राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा करने वाली खबर थी. बीजेपी में शामिल होने के बाद उनके ऊपर विपक्षी पार्टियों की बयानबाजी भी खूब चल रही है. वहीं, बीजेपी में शामिल होने के बाद सोमवार को असीम अरुण पहली बार अपने पैतृक गांव पहुंचे. यहां जगह-जगह भाजपा कार्यकर्ताओं ने फूल माला पहनाकर उनका जोरदार स्वागत किया. गांव पहुंचकर सबसे पहले उन्होंने मंशा देवी दुर्गा मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया.
इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बीजेपी की ओर से अपने अपने क्षेत्र में अच्छा काम करने वालों का आमंत्रित किया जाता है. इसके तहत उनको भी बीजेपी ने एक मौका दिया है. उन्होंने कहा कि नौकरी में रहते जो काम करना सीखा है, उसको बड़े स्तर पर लागू कर लोगों की सेवा करेंगे. वहीं, कानपुर के कमिश्नर रहे असीम अरुण के वीआरएस लेने के बाद लगातार अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह चुनाव कहां से लड़ेगें. हालांकि अभी भी यह साफ नहीं हो सका है कि वह किस सीट से चुनाव लड़ेंगे.
बीजेपी ज्वाइन करने के बाद पहली बार पैतृक गांव पहुंचे पूर्व कमिश्नर
दरअसल, कानपुर के कमिश्नर के पद से इस्तीफा देने और बीजेपी ज्वाइन करने के बाद पहली बार पूर्व कमिश्नर असीम अरुण अपने पैतृक गांव ठठिया थाना क्षेत्र के गौरनपुरवा पहुंचे. इस दौरान कार्यकर्ताओं व ग्रामीणों ने फूल माला पहनाकर उनका स्वागत किया. गांव पहुंचने पर सबसे पहले उन्होंने, पत्नी व बेटों के साथ मां मंशा देवी दुर्गा मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना कर अशीर्वाद लिया. साथ ही गांव के बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद लेकर सभी का हाल चाल जाना.
मीडिया से बातचीत करने के दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व को विकसित करने के लिए बहुत प्रयास करती है. अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतर काम करने वालों को बीजेपी अवसर देती है. बीजेपी द्वारा आमंत्रित किया जाता है. ऐसा ही एक मौका हमको दिया गया है. उन्होंने कहा- खाकी और खादी में कुछ मूल सिद्धांतों में कोई अंतर नहीं है. मूल सिद्धांत ईमानदारी से काम करना, विधि के अनुसार चलना, पूरी शक्ति के साथ काम करना शामिल है. कहा कि खादी और खाकी में सिर्फ यह अंतर है कि खादी का कैनवास बहुत बड़ा है. अब मेरा क्षेत्र बहुत बड़ा होगा. पुलिस में रहते हुए जो काम करना, अनुशासन आदि सीखा है उसको बड़े स्तर पर लागू करना है.
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उन्होंने कहा कि मेरे नौकरी के कार्यकाल में किसी ने काम को लेकर मेरी शिकायत की है. क्या मेरा काम ठीक नहीं है, क्या मैं निष्पक्ष नहीं रहा. कहा कि नौकरी से वीआरएस लेने की घोषणा पर परिवार व अन्य लोगों का शुरुआती समय पर दु:ख भरा रिएक्शन रहा था. कहा गया था कि आपने नौकरी क्यों छोड़ दी. इस पर उन्होंने कहा कि उनकी दो प्राथमिकता है. पहली प्राथमिकता है जिस तरह से उनको अवसर दिया गया है. ऐसे ही अपने अपने क्षेत्र में बेहतर काम करने वालों को पार्टी से जोडूं. दूसरी प्राथमिकता है कि जो दलित व वंचित समाज के साथी पीछे हैं, उनको आगे बढ़ाने काम करेंगे, जो डॉ. अंबेडकर ने समानता की बात कही थी उसको आगे बढ़ाना है.
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