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माह-ए-रमजान के एहतमाम में सजाई जाती है जन्नत: अधिवक्ता मुनव्वर हसन - kannauj

रमजान का महीना चल रहा है. ऐसे में इस महीने में अल्लाह की रहमत बरकरार रहती है. इसके बारे में वरिष्ठ अधिवक्ता मुनव्वर हसन ने जानकारी देते हुए सभी से रमजान में इबादत करने को कहा.

अधिवक्ता मुनव्वर हसन
अधिवक्ता मुनव्वर हसन
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Published : May 6, 2020, 4:55 AM IST

कन्नौज: रमजान का महीना अपने साथ ढेरों रहमतें और बरकतें लेकर आता है. वरिष्ठ अधिवक्ता मुनव्वर हसन एडवोकेट ने बताया कि रमजान के महीने में आसमान और जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं. वहीं रमजान की फजीलत को बताते हुए अक्सर मौलाना बयान फरमाते हैं कि साल भर रमजान के एहतमाम में जन्नत को सजाया जाता है.

एक हदीस में आता है कि हर अमल का बदला जन्नत है और रोजे का बदला अल्लाह खुद है. अल्लाह फरमाता है कि रोजा मेरे लिए है और रोजे का बदला मैं खुद दूंगा. अल्लाह रोजेदार को दो खुशियां अता फरमाता है. पहली खुशी उसे तब मिलती है जब वह रोजा इफ्तार करता है और दूसरी खुशी उसे आखिरत में नसीब होगी जब वह अल्लाह तआला का दीदार करेगा.

रमजान का महीना बहुत कीमती है सभी लोग इस महीने का बहुत ही एहतराम करें और खूब इबादत करें. इसके साथ ही यह भी ध्यान रहे कि हमारे पड़ोसी को किसी चीज की जरूरत तो नहीं है. जरूरतमंदों की दिल खोलकर मदद करें. इसके बदले में अल्लाह इसका बहुत बड़ा शबाब अता फरमाएगा.

इसे भी पढ़ें- COVID-19: UP में कोरोना के 27 नए मामले आए सामने, आंकड़ा पहुंचा 2794

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एक हदीस में आता है कि हर अमल का बदला जन्नत है और रोजे का बदला अल्लाह खुद है. अल्लाह फरमाता है कि रोजा मेरे लिए है और रोजे का बदला मैं खुद दूंगा. अल्लाह रोजेदार को दो खुशियां अता फरमाता है. पहली खुशी उसे तब मिलती है जब वह रोजा इफ्तार करता है और दूसरी खुशी उसे आखिरत में नसीब होगी जब वह अल्लाह तआला का दीदार करेगा.

रमजान का महीना बहुत कीमती है सभी लोग इस महीने का बहुत ही एहतराम करें और खूब इबादत करें. इसके साथ ही यह भी ध्यान रहे कि हमारे पड़ोसी को किसी चीज की जरूरत तो नहीं है. जरूरतमंदों की दिल खोलकर मदद करें. इसके बदले में अल्लाह इसका बहुत बड़ा शबाब अता फरमाएगा.

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