कन्नौज: जिले के सौ शैय्या जिला संयुक्त चिकित्सालय छिबरामऊ को कायाकल्प अवार्ड योजना में मंडल में प्रथम व प्रदेश में आठवां स्थान मिला हैं. पब्लिक हेल्थ सर्विसेज में बेस्ट क्वालिटी देने पर राज्य स्तर पर अवार्ड के रूप में बजट से अतिरिक्त अस्पताल को तीन लाख रुपये का पुरस्कार मिलेगा. कायाकल्प अवार्ड योजना में अस्पताल को 83.7 प्रतिशत अंक मिले हैं. सौ शैय्या संयुक्त चिकित्सालय छिबरामऊ का नेतृत्व कर रहे मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरके तिवारी ने बताया कि राज्य स्तरीय कायाकल्प अवॉर्ड स्कीम के तहत उत्तर प्रदेश के सभी 75 जनपदों के 160 जिला स्तरीय अस्पतालों ने प्रतिभाग किया था.
उन्होंने बताया कि 77 अस्पतालों को पुरस्कार मिला है. 83.7 प्रतिशत अंक प्राप्त कर सौ शैय्या संयुक्त चिकित्सालय छिबरामऊ को प्रदेश में आठवां स्थान हासिल करने पर तीन लाख रुपये पुरस्कार राशि के लिए चुना गया हैं. उन्होंने बताया कि अस्पताल में स्वच्छता व बेहतर रखरखाव के लिए हरसंभव कोशिश जारी है. मरीजों को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए अस्पताल प्रबंधन हमेशा आगे रहता है. वहीं इस सफलता में पूरी टीम का सहयोग रहा.
राज्य स्तरीय टीम करती है अस्पताल का चयन
अस्पताल के क्वालिटी मैनेजर आशीष सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार के कायाकल्प अवॉर्ड स्कीम के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की राज्य स्तर की टीम संस्थान का चयन करती है. राज्य स्तर की चयन सूची के आधार पर ही लखनऊ से आयी कायाकल्प टीम के अधिकारियों ने सौ शैय्या अस्पताल का निरीक्षण किया. यहां की व्यवस्थाओं, सुविधाओं और रखरखाव आदि बिंदुओं पर अस्पताल खरा उतरा. केन्द्र सरकार की ओर से साफ-सफाई, बेहतर रखरखाव व सेवा प्रदान करने वाले अस्पतालों का चयन किया जाता है.
50 लाख रुपये तक मिलता है इनाम
कायाकल्प योजना के तहत पहले स्थान पर आने वाले अस्पताल को पुरस्कार में 50 लाख व द्वितीय स्थान पर आने वाले अस्पताल को 30 लाख रुपये की राशि दी जाती है. इसके अलावा अस्पताल के वर्क लोड को आधार बनाकर इस राशि में बदलाव किये जाते हैं.
इन मानकों को करना होता है पूरा
जिला क्वालिटी सलाहकार डॉ. सुनील प्रजापति ने बताया कि इस योजना के तहत अस्पताल को 6 थीमैटिक एरिया जिसमें अस्पताल का रख रखाव, साफ-सफाई, वेस्ट प्रबंधन, संक्रमण नियंत्रण सपोर्ट सुविधाएं हायजीन पर खरा उतरना पड़ता हैं. कायाकल्प अवार्ड योजना में सबसे पहले अस्पताल का आंतरिक मूल्यांकन किया जाता है. इसके बाद राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन द्वारा गठित राज्य स्तरीय टीम द्वारा प्री असेस्मेंट की प्रक्रिया अपनायी जाती है. इसके बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा ही गठित राज्य स्तरीय टीम निरीक्षण करती है. कायाकल्प चेक लिस्ट के मानकों के अनुसार रिपोर्ट तैयार कर प्रेषित की जाती है. इन मानकों पर अस्पताल खरा उतरा है, इसके बाद अस्पताल को चयनित किया गया.