झांसी : कस्बे के मऊरानीपुर कोतवाली थाना क्षेत्र में बनी पावर हाउस कॉलोनी में रहने वाले 19 वर्षीय युवक शनि ने मुफलिसी के कारण आत्महत्या कर ली. घटना के बाद स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. सूचना पर पहुंची पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर शव मृतक की बहन रोशनी को सौंप दिया. इसके बाद रोशनी अपने भाई का शव गांधीगंज स्थित शमशान में लेकर गई.
गांधीगंज स्थित शमशान में उपजिलाधिकारी अंकुर श्रीवास्तव व बिजली विभाग के अधिकारियों की मदद से शव का अंतिम संस्कार कराया गया. मृतक शनि के शव को उसकी बहन रोशनी ने मुखाअग्नि दी. शनि की मौत के बाद रोशनी और उसकी एक छोटी बहन ही परिवार में बची है.
अनाथ थे तीनों भाई बहन
पावर हाउस कॉलोनी में रहने वाले विद्युत कर्मचारी भरत बहादुर की लगभग 6 साल पहले मृत्यु हो गई थी. कुछ दिन बाद भरत की पत्नी की भी मृत्यु हो गई. भरत बहादुर के 3 बच्चे थे, उनकी पत्नी की मौत के बाद बच्चे अनाथ हो गए. अनाथ बच्चों ने कुछ समय तक किसी तरह गुजर-बसर की. बाद में वह खाने के लिए मोहताज हो गए. अनाथ बच्चों की हालत दिनोंदिन बिगड़ती गई.
आर्थिक तंगी से जूझ रहे तीनों भाई बहनों को विद्युत विभाग ने आर्थिक मदद और नौकरी का अश्वासन दिया. विभाग द्वारा दिया गया अश्वासन अनाथ बच्चों के काम नहीं आया. काफी दिनों तक सरकारी दफ्फर के चक्कर लगाने के बाद बच्चों ने हार मान ली. इस दौरान किसी भी अधिकारी कर्मचारी ने तीनों अनाथ भाई-बहन की कोई सुध नहीं ली. आर्थिक तंगी से परेशान 19 वर्षीय शनि ने मंगलवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
बिजली विभाग की लापरवाही के कारण युवक ने मौत को लगाया गले
आर्थिक तंगी से जूझ रहे शनि ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मृतक की बहन रोशनी ने बताया कि उसके पिता बिजली विभाग में काम करते थे. रोशनी के पिता की मौत के कुछ दिन बाद उसकी मां की भी मौत हो गई. मां-बाप का साया उठने के बाद रोशनी और उसके भाई-बहन आर्थिक तंगी से जूझने लगे. रोशनी ने बताया कि विभाग द्वारा आर्थिक मदद और नौकरी देने का वादा किया गया था. लेकिन कोई मदद नहीं मिली. नौकरी न मिलने से उसके घर की स्थिति और खराब हो गई. रोशनी का कहना है कि यदि बिजली विभाग समय रहते उसके परिवार में किसी को नौकरी दे देता, तो उसके भाई की जान बच जाती.
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