झांसी: गांव में बांध का पानी घुस आने से परेशान ग्रामीणों ने शनिवार को अर्धनग्न होकर जुलूस निकाला और गांधी उद्यान से कलेक्ट्रेट पहुंचे. ग्रामीणों ने यहां प्रदर्शन कर जिला प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा और समस्या का समाधान कराने की मांग की. ग्रामीणों का कहना है कि वे पिछले कई दिनों से बारिश के मौसम में कचहरी स्थित गांधी उद्यान पर धरने पर बैठे हैं, लेकिन कोई उनकी सुध नहीं लेने आया. मजबूरी में शनिवार को किसानों ने अर्धनग्न होकर जुलूस निकाला और कलेक्ट्रेट पहुंचकर हल्ला बोल किया.
प्रदर्शनकारी ग्रामीणों की शिकायत है कि पथराई बांध से प्रभावित पाल मोहल्ला तीन ओर से बांध से घिरा हुआ है. बांध में पानी भरने पर गांव में रहने वाले लोगों के घरों में पानी घुस जाता है और उसके साथ जीव-जंतु भी घरों में घुस जाते हैं, जिससे लोगों का घरों में रहना मुश्किल हो गया है. पिछले साल जलभराव के कारण गांव में एक युवक की मौत भी हो गई थी. किसानों की मांग है कि इस गांव को विस्थापित किया जाए. इसी बांध के डाउन स्ट्रीम में बसे चढ़रऊ धवारी गांव के घरों में बांध के रिसाव के कारण घरों में साल भर नमी रहती है. ऐसे में इस गांव को भी विस्थापित किया जाना जरूरी है.
इसे भी पढ़ें-गंगा की बाढ़ में समा गई बिहार की यह मस्जिद, देखें वीडियो
ग्रामीणों ने अपनी शिकायत में कहा कि लखेरी बांध से प्रभावित बचेरा गांव के 72 विस्थापित परिवारों को राहत राशि के लिए चयनित करने के बाद सिंचाई विभाग ने इनका नाम सूची से बाहर कर दिया. क्योंकि विभाग के अफसर सुविधा शुल्क की मांग कर रहे थे. किसान नेता गौरी शंकर विदुआ ने कहा कि हम चार दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. तीन गांव के लोग मौत के मुहाने पर बैठे हैं. बांध ऐसी जगह बना दिया गया है, जिससे पचास मीटर की दूरी पर गांव है. जलभराव और नमी से गांव के मकान गिरने लगे हैं. हम चाहते हैं कि इन्हें विस्थापित किया जाए.