झांसी: ग्रामीणों ने आवारा जानवरों से परेशान होकर सोमवार को भारी संख्या में उन्हें लाकर मोठ तहसील परिसर में घुसा दिया. इसके बाद प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए ग्रामीणों ने क्षेत्र में आवारा जानवरों की समस्या पर रोक लगाने और इन्हें आश्रय स्थलों में रखवाने की मांग की. प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों के साथ स्थानीय भाजपा नेता और कार्यकर्ता भी मौजूद रहे. इस दौरान तहसील की सुरक्षा में तैनात होमगार्ड जवानों से प्रदर्शनकारियों की झड़प हुई, लेकिन लाठी-डंडे लिए प्रदर्शनकारी उन्हें धकेलते हुए आवारा जानवरों के साथ तहसील परिसर में घुस गए.
ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
मोठ तहसील परिसर में भारी संख्या में आवारा जानवरों के घुसने और ग्रामीणों के प्रदर्शन के बाद हड़कम्प मच गया. मौके पर तत्काल पुलिस बल पहुंची. अधिकारियों की प्रदर्शनकारी ग्रामीणों और भाजपा नेताओं से बातचीत हुई. समस्या का समाधान कराने का आश्वासन देकर प्रदर्शन खत्म कराया गया और आवारा जानवरों को तहसील परिसर से बाहर किया गया.
कई बार शिकायत पर भी नहीं हुई कार्रवाई
प्रदर्शन में शामिल स्थानीय भाजपा नेता सुरजीत सिंह राजपूत ने बताया कि आवारा जानवरों की समस्या को लेकर कई बार सीएम पोर्टल पर शिकायत की गई है. मुख्यमंत्री का भी यह आदेश है कि इन्हें नियंत्रित करने के लिए आश्रय स्थलों का निर्माण कराया जाए. उन्होंने बताया कि हमारे यहां 10 दिन पहले एक शख्स को आवारा बैल ने मार दिया. हमने बीडीओ से शिकायत की तो उन्होंने कहा कि वे कुछ नहीं कर सकते.
फसलों को बर्बाद कर रहे आवारा जानवर
भाजपा नेता ने कहा कि हमने तहसील या ब्लॉक कार्यालय में आवारा जानवरों को घुसेड़ देने की चेतावनी दी थी. ऐसा हमने इसलिए कहा था, क्योंकि धान की नर्सरी तैयार हो रही है और आवारा जानवर उन्हें नुकसान पहुंचा रहे हैं. जब इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया तो आज हमने समस्या बताने के लिए यहां आवारा जानवरों को घुसेड़ दिया.
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डीएम ने दी सफाई
डीएम आंद्रा वामसी ने मामले पर सफाई देते हुए कहा कि यदि फसलों को कहीं आवारा जानवर नुकसान पहुंचा रहे हैं तो उन्हें गोआश्रय स्थलों तक पहुंचाया जा सकता है. इसके लिए जिले में गोआश्रय स्थल बने हुए हैं. मोठ तहसील के आसपास अम्बरगढ़, लोहागढ़, साकिन, पूंछ, कलोर और गुलेर में गोआश्रय स्थल बने हुए हैं. निराश्रित गोवंश यहां पहुंचाए जा सकते हैं और इनके ट्रांसपोर्ट का खर्च प्रशासन वहन करेगा.