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गोमूत्र आधारित खेती का कुलपति ने किया निरीक्षण

झांसी के रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अरविंद कुमार ने गोमूत्र से उपजाई गई फसलों का गुरुवार को निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने गोमूत्र आधारित खेती करने वाले किसानों की सराहना की.

गोमूत्र आधारित खेती
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Published : Mar 19, 2021, 5:29 PM IST

झांसी : रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अरविंद कुमार ने गुरुवार को ग्राम सिकरी बुजुर्ग में गोमूत्र से उपजाई गई फसलों का निरीक्षण किया. इस दौरान गोमूत्र आधारित खेती करने वाले किसान धर्मेंद्र नामदेव के खेती से जुड़े प्रयोगों की कुलपति ने सराहना की.

फसलों की पैदावार अच्छी दिख रही

निरीक्षण के दौरान कुलपति ने कहा कि मिट्टी अच्छी एवं काले रंग की हुई है. इस मिट्टी में आर्गेनिक कार्बन का बढ़ना बहुत बड़ी उपलब्धि है. कृषि प्रसार के डायरेक्टर एसएस सिंह ने कहा कि गोमूत्र आधारित खेती की फसलें ठीक-ठाक हैं. मिट्टी में जीवांश कार्बन का बढ़ना बहुत महत्वपूर्ण है. वहीं, भूमि संरक्षण अधिकारी संजय कुमार ने कहा कि खेत में फसलों की पैदावार अच्छी दिख रही है. गोमूत्र पानी के साथ लगाया जाएगा, तो मिट्टी में सूक्ष्म जीवों की सक्रियता बढ़ जाएगी. इससे मिट्टी में मृदा कार्बन बढ़ रहा है. मिट्टी की संरचना में भी सुधार हुआ है.

इसे भी पढ़ें- एनएसएस शिविर के दौरान एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन

किसानों को दिया यह सुझाव

इस दौरान गोमूत्र आधारित खेती करने वाले किसान धर्मेंद्र नामदेव ने किसानों को सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि बीज तथा जड़ों को खाने वाले मिट्टी में उपस्थित हानिकारक बैक्टीरिया एवं वायरस को नष्ट करने के लिए खेत में पलेवा करते समय पानी के साथ 45 लीटर प्रति बीघा में गोमूत्र का उपयोग किया जा सकता है.

झांसी : रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अरविंद कुमार ने गुरुवार को ग्राम सिकरी बुजुर्ग में गोमूत्र से उपजाई गई फसलों का निरीक्षण किया. इस दौरान गोमूत्र आधारित खेती करने वाले किसान धर्मेंद्र नामदेव के खेती से जुड़े प्रयोगों की कुलपति ने सराहना की.

फसलों की पैदावार अच्छी दिख रही

निरीक्षण के दौरान कुलपति ने कहा कि मिट्टी अच्छी एवं काले रंग की हुई है. इस मिट्टी में आर्गेनिक कार्बन का बढ़ना बहुत बड़ी उपलब्धि है. कृषि प्रसार के डायरेक्टर एसएस सिंह ने कहा कि गोमूत्र आधारित खेती की फसलें ठीक-ठाक हैं. मिट्टी में जीवांश कार्बन का बढ़ना बहुत महत्वपूर्ण है. वहीं, भूमि संरक्षण अधिकारी संजय कुमार ने कहा कि खेत में फसलों की पैदावार अच्छी दिख रही है. गोमूत्र पानी के साथ लगाया जाएगा, तो मिट्टी में सूक्ष्म जीवों की सक्रियता बढ़ जाएगी. इससे मिट्टी में मृदा कार्बन बढ़ रहा है. मिट्टी की संरचना में भी सुधार हुआ है.

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किसानों को दिया यह सुझाव

इस दौरान गोमूत्र आधारित खेती करने वाले किसान धर्मेंद्र नामदेव ने किसानों को सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि बीज तथा जड़ों को खाने वाले मिट्टी में उपस्थित हानिकारक बैक्टीरिया एवं वायरस को नष्ट करने के लिए खेत में पलेवा करते समय पानी के साथ 45 लीटर प्रति बीघा में गोमूत्र का उपयोग किया जा सकता है.

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