झांसी: पिछले साल खरीफ की फसल में हुए नुकसान के बाद जनपद के बहुत सारे ऐसे किसानों को भी अभी बीमा क्लेम नहीं मिल सका है, जिन्होंने बीमा का प्रीमियम जमा किया था. बैंकों से बीमा की धनराशि बीमा कम्पनी तक नहीं पहुंचने और डाटा ट्रांसफर में लापरवाही के कारण जिले में ऐसे बहुत सारे किसान हैं जो बीमा से वंचित रह गए हैं. किसानों का कहना है कि अफसरों ने इसे लेकर कई दौर की बैठकें भी की, लेकिन अभी भी बहुत सारे किसानों तक बीमा की रकम नहीं पहुंची सकी है.
दरअसल खरीफ 2019 में अतिवृष्टि के कारण फसलें नष्ट हुई थीं. जब क्षतिपूर्ति की बारी आई तो बहुत सारे किसान ऐसे पाए गए, जिनका डाटा बीमा कम्पनी के पोर्टल पर अपलोड नहीं हो पाया था. बैंकों के स्तर पर कुछ गलतियां हुईं, जिसके कारण 58 हजार किसानों का डाटा फीड होना बाकी रह गया था. इन 58 हजार किसानों में से बहुत सारे किसान ऐसे हैं, जिनकी फसलों का नुकसान हुआ है और वे क्षतिपूर्ति के दावेदार हैं.
मऊरानीपुर तहसील के सिजारी बुजुर्ग गांव के रहने वाले किसान रवींद्र सिंह बताते हैं कि उन्होंने उड़द और मूंगफली बोई थी. पानी अधिक बरस जाने के कारण उपज नहीं हुई. जिससे उनका काफी नुकसान हो गया. लेकिन, अब तक फसल बीमा का क्लेम नहीं आया है. उनका कहना है कि हमसे कहा जाता है कि कि जब पोर्टल खुल जायेगा तब क्लेम आ जायेगा. हमारी बीमा की राशि काट ली थी. गांव में कई लोग हैं जिनका क्लेम नहीं मिला है.
खरीफ 2019 के फसल बीमा का लाभ लेने के लिए आज भी हजारों किसान अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं. इनकी कोई सुनने वाला नहीं है. बैंकों और बीमा कम्पनी की मिलीभगत से यह घोटाला हो रहा है. एक साल बाद भी बहुत सारे किसानों को बीमा का क्लेम नहीं दिया गया है.
-शिव नारायण परिहार, किसान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष