झांसी: कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किया गया है. वहीं इस लॉकडाउन के दौरान कई प्रवासी मजदूर बाहर के जनपदों में फंस गए हैं. इन मजदूरों को वापस लाने की कवायद सरकार ने शुरू कर दी है.
वहीं दूसरी ओर कोरोना संकटकाल में कई प्रवासी मजदूरों की घर पहुंचने से पहले ही जान जा रही है. वहीं आईजी रेंज झांसी सुभाष सिंह बघेल का कहना है कि मजदूरों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए उनका खास ख्याल रखा जा रहा है.
मजदूरों का रखा जा रहा खास ख्याल
जनपद में आईजी रेंज झांसी सुभाष सिंह बघेल का कहना है कि झांसी मध्य प्रदेश के बॉर्डर पर है. इस रेंज में सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूरों का आवागमन शिवपुरी-झांसी हाईवे स्थित रक्सा बॉर्डर पर हो रहा है. इसके अलावा दो और ऐसी सीमाएं हैं, जो मध्य प्रदेश से मिलती हैं. उन सीमाओं से आवागमन रक्सा की अपेक्षा काफी कम है. एक अनुमान के मुताबिक गैर राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों की हर रोज संख्या 20 हजार से ज्यादा है.
पुलिस की टीमों को किया गया तैनात
शासन और पुलिस मुख्यालय के सख्त निर्देश हैं कि कोई भी मजदूर पैदल नहीं चलेगा. मजदूरों की सुविधाओं के लिए पुलिस की कई टीमें बनाई गई हैं, जो अलग-अलग प्वाइंटों पर तैनात रहती हैं. पैदल और साइकिल से चलने वाले प्रवासी मजदूरों को पुलिस रोककर शेल्टर होम लेकर जाती है, जहां उन्हें बस या ट्रेन के माध्यम से उनके गंतव्य तक पहुंचाया जाता है. मजदूरों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए पुलिस बेहद सतर्क रहती है. मजदूर भूखे न रहें इसके लिए खाने और पानी की भी व्यवस्था की गई है.