झांसीः समाजवादी पार्टी के महासचिव तिलकचन्द्र अहिरवार ने सपा से इस्तीफा दे दिया है. अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित अन्य पदाधिकारियों को उन्होंने इस संबंध में पत्र भेजा है. कयास लगाए जा रहे हैं कि वह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. वह भाजपा के टिकट पर झांसी के महापौर का चुनाव भी लड़ सकते हैं.
सपा के कद्दावर नेता तथा निवर्तमान प्रदेश महासचिव तिलक चंद्र अहिरवार ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. तिलक अहिरवार के पार्टी से इस्तीफे को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार तेज हो गया है. कयास लगाए जा रहे हैं कि तिलक चंद्र अहिरवार भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं.
बता दें कि नगर निकाय के चुनाव में झांसी नगर निगम की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गई है. तिलक चंद्र अहिरवार अनुसूचित जाति का प्रतिनिधित्व करते हैं. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी से टिकट के दावेदार अनुसूचित जाति के नेताओं में भी हड़कंप की स्थिति बनी हुई है. हालांकि तिलक चंद्र अहिरवार ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल वह किसी भी राजनीतिक दल में नहीं जा रहे हैं. यदि उन्हें अपनी विचारधारा के अनुरूप कोई राजनीतिक दल मिलता है तो वह उस पर विचार करेंगे. इस इस्तीफे के पीछे तिलक ने सबसे बड़ी वजह निजी कारणों के चलते पार्टी को समय न दे पाना बताया है.
तिलकचन्द्र अहिरवार कभी बसपा के मजबूत नेता और मायावती के खास माने जाते थे लेकिन अनुशासनहीनता के कारण पार्टी मुखिया मायावती ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था. बसपा से निकलने के बाद तिलकचन्द्र अहिरवार ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था. सपा का दामन थामने के बाद वह मऊरानीपुर विधानसभा से चुनाव भी लड़े जहां उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था. सूत्रों की मानें तो वह भाजपा का दामन थाम सकते हैं और आगामी निकाय चुनाव में झांसी के मेयर के प्रत्याशी के तौर पर किस्मत आजमा सकते हैं. हालांकि भाजपा में उनके जाने की अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है.
पीलीभीत में लोहिया वाहिनी के पूर्व प्रदेश सचिव ने दिया इस्तीफा
पीलीभीत से पूरनपुर विधानसभा से बीते विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए दावेदारी करने वाले पूर्व सपा नेता प्रदीप सोनकर ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. वह लोहिया वाहिनी के प्रदेश सचिव रह चुके हैं. 17 साल के राजनीतिक कैरियर में उन्होंने सपा के कई अहम पदों की जिम्मेदारियां संभाली थीं. बता दें कि बीते पंचायत चुनाव में प्रदीप सोनकर और समाजवादी पार्टी के निवर्तमान जिलाध्यक्ष जगदेव सिंह के बीच सोशल मीडिया पर टिकट बंटवारे के लिए नजराना लेने के कई ऑडियो वायरल हुए थे. इससे पार्टी के दोनों ही पदाधिकारियों की जमकर फजीहत हुई थी. इसके बाद प्रदीप सोनकर ने पार्टी से किनारा कर लिया था. प्रदीप सोनकर ने 11 दिसंबर को पार्टी छोडने का ऐलान कर दिया.
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