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परिजनों ने नहीं दिलाया मोबाइल तो बच्चे चल दिए मुंबई, RPF ने पकड़े

झांसी रेलवे स्टेशन पर चार नाबालिगों को पकड़कर चाइल्ड हेल्पलाइन सुपुर्द किया गया है. ये बच्चे घरवालों के मोबाइल नहीं दिलाने पर नाराज होकर मुंबई जा रहे थे.

परिजनों ने नहीं दिलाया मोबाइल तो बच्चे चल दिए मुंबई
परिजनों ने नहीं दिलाया मोबाइल तो बच्चे चल दिए मुंबई
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Published : Jan 13, 2021, 9:21 PM IST

Updated : Jan 14, 2021, 5:23 AM IST

झांसी: घरवालों ने मोबाइल फोन दिलाने से मना कर दिया तो चार बच्चे घर से भागकर मुम्बई के लिए चल दिए. चारों बच्चों ने तय किया कि मुम्बई में रुपये कमाकर खुद के लिए मोबाइल खरीदेंगे. इन बच्चों को झांसी रेलवे स्टेशन पर पकड़ लिया गया.आरपीएफ ( रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स) ने इन बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन को सौंप दिया है.

मोबाइन न मिलने पर घरवालों से थे नाराज
आरपीएफ के प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार यादव ने बताया कि वे स्टाफ निरीक्षक सुनीता जाधव, एएसआई बिमल कुमार पांडेय और सिपाही सूरज बाई के साथ झांसी रेलवे स्टेशन पर गश्त कर रहे थे. रेलवे स्टेशन सरक्यूलटिंग एरिया में चार बच्चे टिकट बुकिंग ऑफिस की तरफ जा रहे थे. संदिग्ध लगने पर चारों बच्चों को रोक कर पूछताछ की गई.

मुंबई में पैसे कमाने का था इरादा
चारों बच्चों ने अपनी उम्र 10 वर्ष, 12 वर्ष, 08 वर्ष और 10 वर्ष बताई. ये सभी पॉलिटेक्निक कॉलेज के पास आदिवासी बस्ती के रहने वाले हैं. बच्चों ने आरपीएफ को बताया कि परिवार के लोगों ने मोबाइल खरीद कर नहीं दिया, इसलिए नाराज होकर मुम्बई जा रहे हैं. वहां पर कमाई करके मोबाइल खरीदेंगे.

चारों को समझाते हुए आरपीएफ पोस्ट पर लाकर बिस्किट-नमकीन खिलाया गया. इसके बाद चारों बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन प्रतिनिधि बिलाल उल हक और रेखा अरोठिया के सुपुर्द कर दिया गया. यहां से इन्हें परिजनों के पास पहुंचाया जाएगा.

झांसी: घरवालों ने मोबाइल फोन दिलाने से मना कर दिया तो चार बच्चे घर से भागकर मुम्बई के लिए चल दिए. चारों बच्चों ने तय किया कि मुम्बई में रुपये कमाकर खुद के लिए मोबाइल खरीदेंगे. इन बच्चों को झांसी रेलवे स्टेशन पर पकड़ लिया गया.आरपीएफ ( रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स) ने इन बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन को सौंप दिया है.

मोबाइन न मिलने पर घरवालों से थे नाराज
आरपीएफ के प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार यादव ने बताया कि वे स्टाफ निरीक्षक सुनीता जाधव, एएसआई बिमल कुमार पांडेय और सिपाही सूरज बाई के साथ झांसी रेलवे स्टेशन पर गश्त कर रहे थे. रेलवे स्टेशन सरक्यूलटिंग एरिया में चार बच्चे टिकट बुकिंग ऑफिस की तरफ जा रहे थे. संदिग्ध लगने पर चारों बच्चों को रोक कर पूछताछ की गई.

मुंबई में पैसे कमाने का था इरादा
चारों बच्चों ने अपनी उम्र 10 वर्ष, 12 वर्ष, 08 वर्ष और 10 वर्ष बताई. ये सभी पॉलिटेक्निक कॉलेज के पास आदिवासी बस्ती के रहने वाले हैं. बच्चों ने आरपीएफ को बताया कि परिवार के लोगों ने मोबाइल खरीद कर नहीं दिया, इसलिए नाराज होकर मुम्बई जा रहे हैं. वहां पर कमाई करके मोबाइल खरीदेंगे.

चारों को समझाते हुए आरपीएफ पोस्ट पर लाकर बिस्किट-नमकीन खिलाया गया. इसके बाद चारों बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन प्रतिनिधि बिलाल उल हक और रेखा अरोठिया के सुपुर्द कर दिया गया. यहां से इन्हें परिजनों के पास पहुंचाया जाएगा.

Last Updated : Jan 14, 2021, 5:23 AM IST
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