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बिजली संकट ! झांसी के पारीछा में थर्मल पावर प्रोजेक्ट की दो यूनिट बंद, प्रोडक्शन आधे से भी हुआ कम

कोयले की आपूर्ति कम होने की वजह से झांसी जिले के पारीछा में स्थित थर्मल पावर प्रोजेक्ट की दो यूनिट बंद हो गई हैं. ऐसे में बिजली कटौती होने से जिला वासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है.

बिजली संकट
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Published : Oct 11, 2021, 6:48 PM IST

झांसी : जिला वासियों को बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है. पर्याप्त उत्पादन नहीं होने की वजह से जिले में बिजली संकट गहरा रहा है. झांसी के पारीछा में स्थित थर्मल पावर प्रोजेक्ट में लगी चार यूनिट में से दो यूनिट केवल इसलिए बंद कर दी गईं, क्योंकि कोयले की आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में नहीं हो रही थी. पिछले शनिवार और रविवार को एक एक यूनिट बंद की गई थी. अब केवल दो यूनिट से ही काम चलाया जा रहा है. इससे उत्पादन गिर गया है. बिजली पर्याप्त मात्रा में सप्लाई नहीं होने से लोग परेशान हैं. विद्युत वितरण राम अब भरोसे है. किसको कितनी बिजली मिलती है, यह उसके किस्मत की बात है.

आपको बता दें, पारीछा थर्मल पावर हाउस में 920 मेगावाट बिजली का उत्पादन चारों यूनिट के चलते होता है. लेकिन दो यूनिट के बंद होने के बाद उसकी आधी बिजली बनाना मुश्किल हो गया है. अर्थात 24 घंटे में जो 460 मेगावाट बिजली बननी चाहिए थी, वह नहीं बन पा रही है. क्योंकि प्रतिदिन पावर हाउस को मात्र दो रैक ही कोयले की मिल पा रही है, जबकि प्रतिदिन की खपत चार से पांच रैक होती है. ऐसे में उत्पादन गिरा है. शुरुआत में 460 मेगावाट, उसके बाद 380 मेगावाट, फिर 372 मेगावाट और अंत में पिछले 24 घंटे के अंदर में 270 मेगावॉट पर ही उत्पादन आकर थम गया.

बिजली संकट !

परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक मनोज सचान बताते हैं कि फिलहाल स्थिति जस की तस है. हालांकि, 2 दिनों में रैक समय पर मिली हैं, लेकिन हमने प्रोडक्शन अभी नहीं बढ़ाया है, इसके बारे में सोमवार को निर्णय लिया जाएगा. क्योंकि हमारे पास लगभग 12000 से 15 हजार मैट्रिक टन कोयला अतिरिक्त स्टॉक में आ गया है. यदि रैकों की आपूर्ति सुनिश्चित हो जाए तो जल्द ही उत्पादन भी बढ़ जाएगा. उन्होंने संभावना जताई कि आगामी 15 अक्टूबर तक कोयले की आपूर्ति पूरी तरह से होने लगेगी. समय पर कोयले की रैक आएगी और हम 15 अक्टूबर के बाद शायद अपने चारों यूनिट एक बार फिर से शुरू कर सकेंगे. इस बात को भी उन्होंने स्वीकार किया कि जब उत्पादन कम हो रहा है तो निश्चित तौर पर क्षेत्र में आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है. यही कारण है कि कटौती भी बड़ी है.

इसे भी पढ़ें- लखीमपुर खीरी मामला: राकेश टिकैत बोले- मंत्री अजय मिश्रा भी हैं आरोपी, गिरफ्तारी के बिना निष्पक्ष जांच संभव नहीं

झांसी जनपद में भी इस संकट की घड़ी में उत्पादन की कमी ने कटौती बढ़ा दी है. झांसी में जो बिजली मिलती थी, उसमें अब कम से कम 4 से 5 घंटे की कटौती नगरीय क्षेत्र में और 9 से 10 घंटे की कटौती ग्रामीण क्षेत्र में की जा रही है. इस कटौती से आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

झांसी : जिला वासियों को बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है. पर्याप्त उत्पादन नहीं होने की वजह से जिले में बिजली संकट गहरा रहा है. झांसी के पारीछा में स्थित थर्मल पावर प्रोजेक्ट में लगी चार यूनिट में से दो यूनिट केवल इसलिए बंद कर दी गईं, क्योंकि कोयले की आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में नहीं हो रही थी. पिछले शनिवार और रविवार को एक एक यूनिट बंद की गई थी. अब केवल दो यूनिट से ही काम चलाया जा रहा है. इससे उत्पादन गिर गया है. बिजली पर्याप्त मात्रा में सप्लाई नहीं होने से लोग परेशान हैं. विद्युत वितरण राम अब भरोसे है. किसको कितनी बिजली मिलती है, यह उसके किस्मत की बात है.

आपको बता दें, पारीछा थर्मल पावर हाउस में 920 मेगावाट बिजली का उत्पादन चारों यूनिट के चलते होता है. लेकिन दो यूनिट के बंद होने के बाद उसकी आधी बिजली बनाना मुश्किल हो गया है. अर्थात 24 घंटे में जो 460 मेगावाट बिजली बननी चाहिए थी, वह नहीं बन पा रही है. क्योंकि प्रतिदिन पावर हाउस को मात्र दो रैक ही कोयले की मिल पा रही है, जबकि प्रतिदिन की खपत चार से पांच रैक होती है. ऐसे में उत्पादन गिरा है. शुरुआत में 460 मेगावाट, उसके बाद 380 मेगावाट, फिर 372 मेगावाट और अंत में पिछले 24 घंटे के अंदर में 270 मेगावॉट पर ही उत्पादन आकर थम गया.

बिजली संकट !

परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक मनोज सचान बताते हैं कि फिलहाल स्थिति जस की तस है. हालांकि, 2 दिनों में रैक समय पर मिली हैं, लेकिन हमने प्रोडक्शन अभी नहीं बढ़ाया है, इसके बारे में सोमवार को निर्णय लिया जाएगा. क्योंकि हमारे पास लगभग 12000 से 15 हजार मैट्रिक टन कोयला अतिरिक्त स्टॉक में आ गया है. यदि रैकों की आपूर्ति सुनिश्चित हो जाए तो जल्द ही उत्पादन भी बढ़ जाएगा. उन्होंने संभावना जताई कि आगामी 15 अक्टूबर तक कोयले की आपूर्ति पूरी तरह से होने लगेगी. समय पर कोयले की रैक आएगी और हम 15 अक्टूबर के बाद शायद अपने चारों यूनिट एक बार फिर से शुरू कर सकेंगे. इस बात को भी उन्होंने स्वीकार किया कि जब उत्पादन कम हो रहा है तो निश्चित तौर पर क्षेत्र में आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है. यही कारण है कि कटौती भी बड़ी है.

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झांसी जनपद में भी इस संकट की घड़ी में उत्पादन की कमी ने कटौती बढ़ा दी है. झांसी में जो बिजली मिलती थी, उसमें अब कम से कम 4 से 5 घंटे की कटौती नगरीय क्षेत्र में और 9 से 10 घंटे की कटौती ग्रामीण क्षेत्र में की जा रही है. इस कटौती से आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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