झांसी: कोरोना वायरस के लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए सैंपल जांच की कार्रवाई तेज कर दी गई है. समय से रिपोर्ट आ सके, इसके लिए पूल टेस्टिंग की शुरूआत प्रदेश के कई मेडिकल संस्थानों में हो चुकी है. राजधानी स्थित पीजीआई और केजीएमयू में कोरोना पूल के जरिए टेस्टिंग पहले से ही शुरू हो चुकी है. वहीं मेरठ और आगरा में भी पहले से ही टेस्टिंग की जा रही है. अब महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में भी इसी तरह की टेस्टिंग शुरू होने जा रही है.
पूल टेस्टिंग से पता लगेगा संक्रमण
जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने बताया है कि कोरोना वायरस के कम संक्रमण वाले इलाकों में अब पूल टेस्टिंग के जरिए संक्रमण का पता लगाया जाएगा. इसमें एक साथ पांच लोगों की जांच हो जाएगी. इससे संसाधनों की बचत होगी, साथ ही समय भी कम लगेगा. इसकी शुरुआत जल्द ही महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज झांसी में हो जाएगी.
पांच लोगों के सैंपल की एक ही बार में होगी जांच
पूल टेस्टिंग के लिए पहले लोगों के गले या नाक से स्वैब का सैंपल लिया जाता है. फिर उसकी टेस्टिंग के जरिए कोविड-19 की मौजूदगी का पता लगाया जाता है. आईसीएमआर ने पांच सैंपल लेने की अनुमति दे दी है. अब पांच लोगों के सैंपल की जांच एक साथ एक ही बार में होगी.
पूल टेस्टिंग में पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर होगी अलग-अलग जांच
यदि पूल के नतीजे निगेटिव आते हैं तो इसका मतलब है कि जिन लोगों से उस पूल के लिए सैंपल लिए गए थे, उन्हें कोरोना वायरस नहीं है. वहीं अगर जांच में पॉजिटिव आता है तो सभी पांचों लोगों के अलग-अलग सैंपल लेकर जांच की जाएगी. पूल टेस्टिंग की व्यवस्था की वजह से कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच की जा सकेगी. हालांकि यह व्यवस्था कम संक्रमण वाले इलाकों में ही होगी.