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झांसी : गैर राज्यों से वापस आ रहे मजदूर, छिपकर कर रहे प्रवेश

यूपी के झांसी में लॉकडाउन के दौरान भी मजदूरों का आना परेशानी का सबब बनता जा रहा है. गैर जनपद में रह रहे मजदूर लगातार छिपकर जनपद में प्रवेश कर रहे हैं.

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आराम करते मजदूर
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Published : Apr 28, 2020, 9:43 AM IST

Updated : May 29, 2020, 1:21 PM IST

झांसी: जनपद के रक्षा थाना क्षेत्र में स्थित यूपी-एमपी बॉर्डर पुलिस के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है. शिवपुरी हाईवे पर हैदराबाद, तेलंगाना, सूरत और इंदौर से हर रोज हजारों प्रवासी मजदूर अपने घरों के लिए वापस आ रहे हैं. पुलिस इन्हें झांसी सीमा में प्रवेश नहीं करने दे रही है, लेकिन यह पुलिस से छिपकर खेतों के रास्ते यूपी-एमपी बॉर्डर पार कर जाते हैं.

मिली जानकारी के मुताबिक, प्रशासन ने यूपी एमपी बॉर्डर पर चार श्रेणी की सुरक्षा पुलिस, पीएसी, एनसीसी और एरियल सर्विस का इंतजाम किया है. इसके अलावा आस-पास के गांव में ग्राम प्रधानों ने बैरिकेडिंग लगा रखी है.

इतनी कड़ी सुरक्षा के बावजूद अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूर छिपकर खेतों के रास्ते जनपद की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं. ऐसे मजदूरों को बड़ागांव थाना क्षेत्र में लगी बैरिकेडिंग पर रोक दिया जाता है और वहां से क्वारंटाइन सेंटर भेजा जा रहा है.

मजदूरों ने सुनाई आपबीती
कन्नौज जनपद के रहने वाले नीतू बताते हैं कि 3 महीने पहले मैं तेलंगाना गया था. वहां आइसक्रीम की फैक्ट्री में काम कर रहा था. अचानक से लॉकडाउन हो गया और हमें खाने के लाले पड़ गए. हम पैदल ही अपने घर के लिए चल दिए. लेकिन जैसे ही यूपी की सरहद पार की हमें पकड़ लिया गया.

वहीं कन्नौज के ही रहने वाले राहुल बताते हैं कि मैं 8 दिन से लगातार पैदल चल रहा हूं. हैदराबाद की एक पेंट कंपनी में काम करता था. लॉकडाउन के बाद मालिक ने पैसा देना बंद कर दिया. हमें पैदल ही मजबूरी में अपने घर के लिए निकलना पड़ा.

जनपद में हर रोज सैकड़ों प्रवासी मजदूरों को क्वारंटाइन किया जा रहा है.

झांसी: जनपद के रक्षा थाना क्षेत्र में स्थित यूपी-एमपी बॉर्डर पुलिस के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है. शिवपुरी हाईवे पर हैदराबाद, तेलंगाना, सूरत और इंदौर से हर रोज हजारों प्रवासी मजदूर अपने घरों के लिए वापस आ रहे हैं. पुलिस इन्हें झांसी सीमा में प्रवेश नहीं करने दे रही है, लेकिन यह पुलिस से छिपकर खेतों के रास्ते यूपी-एमपी बॉर्डर पार कर जाते हैं.

मिली जानकारी के मुताबिक, प्रशासन ने यूपी एमपी बॉर्डर पर चार श्रेणी की सुरक्षा पुलिस, पीएसी, एनसीसी और एरियल सर्विस का इंतजाम किया है. इसके अलावा आस-पास के गांव में ग्राम प्रधानों ने बैरिकेडिंग लगा रखी है.

इतनी कड़ी सुरक्षा के बावजूद अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूर छिपकर खेतों के रास्ते जनपद की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं. ऐसे मजदूरों को बड़ागांव थाना क्षेत्र में लगी बैरिकेडिंग पर रोक दिया जाता है और वहां से क्वारंटाइन सेंटर भेजा जा रहा है.

मजदूरों ने सुनाई आपबीती
कन्नौज जनपद के रहने वाले नीतू बताते हैं कि 3 महीने पहले मैं तेलंगाना गया था. वहां आइसक्रीम की फैक्ट्री में काम कर रहा था. अचानक से लॉकडाउन हो गया और हमें खाने के लाले पड़ गए. हम पैदल ही अपने घर के लिए चल दिए. लेकिन जैसे ही यूपी की सरहद पार की हमें पकड़ लिया गया.

वहीं कन्नौज के ही रहने वाले राहुल बताते हैं कि मैं 8 दिन से लगातार पैदल चल रहा हूं. हैदराबाद की एक पेंट कंपनी में काम करता था. लॉकडाउन के बाद मालिक ने पैसा देना बंद कर दिया. हमें पैदल ही मजबूरी में अपने घर के लिए निकलना पड़ा.

जनपद में हर रोज सैकड़ों प्रवासी मजदूरों को क्वारंटाइन किया जा रहा है.

Last Updated : May 29, 2020, 1:21 PM IST
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