झांसीः दुनिया की सबसे मुश्किल परिक्षाओं में से एक यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल करना आज के दौर में हर युवा का सपना होता है. इसमें सफलता पाने के लिए दृढ़ निश्चय, जुनून और कड़ी मेहनत की जरूरत होती है. इस परीक्षा में सफलता पाने के लिए लोग दिन-रात एक कर देते हैं और जब उनका आईपीएस बनने का सपना पूरा हो जाता है तो उनकी खुशी का कोई ठीकाना नहीं रहता, लेकिन आज हम आपको ऐसी महिला आईएएस अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने आईएएस बनने के लिए दो बार आईपीएस बनने का मौका छोड़ दिया और अब वह झांसी में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात हैं.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं आईएएस निधि बंसल की. निधि बंसल मध्य प्रदेश की रहने वाली हैं. उनका परिवार मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के कैलारस कस्बे में रहता था. फिर यहां से ग्वालियर शिफ्ट हो गया. 10 दिसम्बर 1990 को जन्मी निधि की शुरुआती शिक्षा ग्वालियर से हुई. आईएएस बनने से पहले निधि बंसल एक इंजीनियर थी. उन्होंने कंप्यूटर साइंस इन इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री एनआईटी त्रिचि तमिलनाडु से हासिल की थी. उनके परिवार की अगर हम बात करें तो निधि के पिता गिरिराज बंसल लोहे के व्यापारी हैं और इनकी माता माया बंसल हाउसवाइफ हैं. उनके तीन भाई हैं, जिनमें दो बड़े और एक छोटा भाई है.
इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद निधि ने साल 2013 में बेंगलुरु स्थित एमएनसी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर नौकरी करनी शुरू कर दी. आईएएस निधि बंसल ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि आईएएस बनने का बचपन से उनका कोई सपना नहीं था और न ही उनका कोई ऐसा सपना था कि वह कभी सरकारी नौकरी करेंगी. उन्होंने बताया कि जब प्राइवेट कंपनी में नौकरी कर रही थी, तब उनको अचानक ऐसा लगा कि में यह काम कर रही हूं तो क्यों कर रही हूं, किसके लिए कर रही हूं, वह अपनी नौकरी से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं थी. उनकी मेहनत से सिर्फ कंपनी को मुनाफा हो रहा था.
इसके बाद उनको लगा कि जनता की सेवा करने के लिए भी कुछ करना चाहिए. अपने साथी मित्रों से चर्चा करने पर उनको जानकारी हुई इस सिविल सर्विस की तैयारी कर वह जनता की सेवा करने वाला सपना पूरा कर सकती हैं. इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने सिविल सर्विस की तैयारी शुरू की. तैयारी के दौरान पहले प्रयास में निधि सफल नहीं हो पाई थी. साल 2016 में निधि ने दूसरी बार परीक्षा दी और इस बार उन्होंने 219 रैंक हासिल की. इसके बाद वह त्रिपुरा कैडर में आईपीएस बन गईं. एक बार फिर से 2017 में निधि ने यूपीएससी की परीक्षा दी और उन्हें 226 रैंक प्राप्त हुई, जिसके बाद उन्हें झारखंड कैडर में आईपीएस का पद मिला. आईपीएस की ट्रेनिंग के दौरान उनको पता चला कि पुलिस की कुछ लिमिटेशन होती हैं, जिससे वह चाहकर भी जनता की सीधी तौर पर मदद नहीं कर पा रहीं थी.
निधि ने बताया कि उन्हें आईएएस बनना था. इसलिए आईपीएस की ट्रेनिंग के दौरान फिर तैयारियों में जुट गईं थी. वर्ष 2019 का रिजल्ट आने से पहले निधि बंसल ने झारखंड पुलिस में बतौर एएसपी ज्वाइन कर लिया था. आईएएस बनने पर दूसरी बार उन्होंने पुलिस की नौकरी छोड़ दी. तैयारी करने वाले प्रतिभागियों को टिप्स देते हुए उन्होंने बताया कि किसी आईएएस या फिर किसी भी बड़े कंप्टीशन की तैयार के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है सही मार्गदर्शन. आज के इस दौर बहुत सारे ऑनलाइन कोचिंग के अलावा बहुत सारे कोचिंग संस्थान चल रहे. इनमें आपको सही कोचिंग का चुनाव करना है. तैयारी के लिए बेसिक होना बहुत जरूरी होता है. इसके लिए आपको एनसीईआरटी की ग्यारहवीं, बारहवीं की किताबे पढ़ना होगा, जिसको ज्यादातर लोग अनदेखा कर देते हैं. आपको रिवीजन पर पूरा ध्यान देना होगा. यही कंप्टीशन को पास करने का मूलमंत्र है.
निधि बंसल ने आईएएस बनकर अपना सपना पूरा किया है. आपको बता दें कि निधि बंसल ने 25 नवंबर 2022 में बतौर झांसी ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के पद ज्वाइन किया था. इसके बाद लगातार कार्यशैली को लेकर निधि बंसल आम जनता के बीच चर्चा में रहती हैं. चर्चा में इसलिए भी रहती हैं कि सुबह 4बजे जब सभी सो रहे होते हैं तब निधि फील्ड में रहती हैं और रात के अंधेरे में चल रहे अवैध खनन, ओवर लोडिंग जैसे गैरकानूनी कार्यों पर छापेमारी करती दिखाई देती हैं. निधि बंसल के पति जालौन जिले में एसडीएम के पद पर कार्यरत हैं.
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