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झांसी पुलिस ने महाराष्ट्र से गोरखपुर आ रहे लोगों की बाइक किया सीज, एडीजी बोले- लेंगे एक्शन - तीन युवकों की बाइक की सीज

झांसी पुलिस ने मुंबई से गोरखपुर आ रहे तीन युवकों की बाइक सीज कर दी. ऐसा तब हुआ, जब युवकों ने बाइक का कागज भी दिखाया. युवकों का आरोप है कि पुलिस ने उनके सामने पैसे लेकर और लोगों को तो छोड़ दिया, लेकिन हमें रोक लिया. वहीं एडीजी ने मामले में कार्रवाई की बात कही है.

jhansi police seized bikes of travelers going to gorakhpur from mumbai
झांसी पुलिस ने गोरखपुर से मुंबई आ रहे यात्रियों की बाइक सीज की.
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Published : May 15, 2020, 3:06 PM IST

Updated : May 15, 2020, 11:46 PM IST

झांसी: प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक सकुशल पहुंचाने और उनके प्रति संवेदनशील होने के सरकार के निर्देश को पुलिस के कुछ अफसर धत्ता बताते नजर आ रहे हैं. महाराष्ट्र से भूखे, प्यासे बाइक पर सवार होकर गोरखपुर जा रहे युवकों की बाइक पकड़कर बुधवार को झांसी के मोठ थाने की पुलिस ने सीज कर दिया. बाइक पर सवार तीनों युवकों को पैदल चलने को कहा, लेकिन युवकों ने कस्बे में रात बिताई और बाइक रिलीज करने की मांग को लेकर गुरुवार को भी थाने में गुहार लगाते रहे.

युवकों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप.

जिस बाइक को सीज किया गया, उस पर नागेंद्र, बलिराम और नागेश्वर सवार थे. नागेंद्र के मुताबिक, 'महाराष्ट्र में मेरे सेठ ने कहा कि बीमारी बढ़ रही है, इसलिए घर चले जाओ. उन्होंने अपने भाई को बाइक और कागज हमें दे दिया. हम सब लोग अपने घर जा रहे थे. हमारे गांव के 40-45 लोग थे. सेमरी में सब निकल गए. हमको रोक लिया. हम यहां बैठकर रो रहे हैं कि हमें गाड़ी दे दो. चार-पांच गाड़ी थी, जिन्हें हमारे सामने रुपये लेकर छोड़ दिया.'

नागेंद्र ने बताया कि हमने गाड़ी का कागज दिखाया तो हेलमेट और लाइसेंस मांगा गया. हम बन्दी में भुखमरी से परेशान हैं. हमें खाने पीने को कुछ नहीं मिला. हमसे कहा गया है कि गाड़ी सीज हो गई है, यहां से चले जाओ.'

झांसी के एक गांव में फंसे उत्तराखंड के 5 निवासी, प्रशासन से लगाई मदद की गुहार

यह मामला झांसी दौरे पर पहुंचे कानपुर जोन के एडीजी जय नारायण सिंह के पास मीडिया के माध्यम से पहुंचा तो उन्होंने पुलिस के इस रवैये की आलोचना की. एडीजी ने कहा कि हम कोशिश करेंगे कि ऐसी कोई घटना दोबारा न हो. कोशिश होगी कि इस तरह परेशान लोगों का चालान न हो. किसी ने गलती की है तो उसके खिलाफ कार्रवाई एसएसपी और आईजी देखेंगे. लोगों के लिए बसों और अन्य साधनों की व्यवस्था की गई है.

झांसी: प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक सकुशल पहुंचाने और उनके प्रति संवेदनशील होने के सरकार के निर्देश को पुलिस के कुछ अफसर धत्ता बताते नजर आ रहे हैं. महाराष्ट्र से भूखे, प्यासे बाइक पर सवार होकर गोरखपुर जा रहे युवकों की बाइक पकड़कर बुधवार को झांसी के मोठ थाने की पुलिस ने सीज कर दिया. बाइक पर सवार तीनों युवकों को पैदल चलने को कहा, लेकिन युवकों ने कस्बे में रात बिताई और बाइक रिलीज करने की मांग को लेकर गुरुवार को भी थाने में गुहार लगाते रहे.

युवकों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप.

जिस बाइक को सीज किया गया, उस पर नागेंद्र, बलिराम और नागेश्वर सवार थे. नागेंद्र के मुताबिक, 'महाराष्ट्र में मेरे सेठ ने कहा कि बीमारी बढ़ रही है, इसलिए घर चले जाओ. उन्होंने अपने भाई को बाइक और कागज हमें दे दिया. हम सब लोग अपने घर जा रहे थे. हमारे गांव के 40-45 लोग थे. सेमरी में सब निकल गए. हमको रोक लिया. हम यहां बैठकर रो रहे हैं कि हमें गाड़ी दे दो. चार-पांच गाड़ी थी, जिन्हें हमारे सामने रुपये लेकर छोड़ दिया.'

नागेंद्र ने बताया कि हमने गाड़ी का कागज दिखाया तो हेलमेट और लाइसेंस मांगा गया. हम बन्दी में भुखमरी से परेशान हैं. हमें खाने पीने को कुछ नहीं मिला. हमसे कहा गया है कि गाड़ी सीज हो गई है, यहां से चले जाओ.'

झांसी के एक गांव में फंसे उत्तराखंड के 5 निवासी, प्रशासन से लगाई मदद की गुहार

यह मामला झांसी दौरे पर पहुंचे कानपुर जोन के एडीजी जय नारायण सिंह के पास मीडिया के माध्यम से पहुंचा तो उन्होंने पुलिस के इस रवैये की आलोचना की. एडीजी ने कहा कि हम कोशिश करेंगे कि ऐसी कोई घटना दोबारा न हो. कोशिश होगी कि इस तरह परेशान लोगों का चालान न हो. किसी ने गलती की है तो उसके खिलाफ कार्रवाई एसएसपी और आईजी देखेंगे. लोगों के लिए बसों और अन्य साधनों की व्यवस्था की गई है.

Last Updated : May 15, 2020, 11:46 PM IST
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