झांसी: जिला कारागार सजा काट रहे एक 101 साल के कैदी की मौत हो गई. जेल में तबियत खराब होने के बाद कैदी को मेडिकल कॉलेज में एडमिट करवाया गया था. कैदी की मौत की सूचना जेल प्रशासन द्वारा उसके परिजनों को दे दी गई है. सूचना पर पहुंचे परिजनों ने बुधवार को शव को अपने कब्जे में ले लिया है.
जेल सुपरिटेंडेंट रंग बहादुर पटेल ने बुधवार को बताया कि सजायाफ्ता कैदी हीरालाल (101) कटेरा थाना क्षेत्र के चिरकना गांव का रहने वाला था. कुछ वर्ष पूर्व आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर उल्दन थाना क्षेत्र के एक मंदिर में डकैती डाली थी. जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने आरोपी हीरालाल को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया था. अदालत ने सुनवाई के बाद 9 फरवरी 2021 को डकैती एक्ट में दोषी हीरालाल को 5 साल की कारावास की सजा सुनाई थी. अदालत से मिली सजा के बाद से ही वह झांसी जिला जेल में बंद था.
जेल सुपरिटेंडेंट ने बताया कि हीरालाल को कोरोना काल में पैरोल पर रिहा किया गया था. उसके 2 महीने बाद पैरोल का समय खत्म होने के बाद हीरालाल वापस जेल में आ गया था. उन्होंने बताया कि हीरालाल की उम्र अधिक होने की वजह से वह चल फिर नहीं सकते थे. जेल में वह लगातार चारपाई पर ही रह रहे थे. इसी दौरान 25 फरवरी को बाथरूम से खून आने पर उनकी जांच कराई गई. जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराया गया. यहां इलाज के दौरान मंगलवार की रात उनकी मौत हो गई. उनके मौत की सूचना भतीजे नारायण को दे दी गई थी. नारायण को शव का पोस्टमार्टम करवाकर उन्हें सौंप दिया गया.
मृतक हीरालाल के भतीजे नारायण ने बताया कि वह गांव में मजदूरी करते थे. जहां हीरालाल की मेरी बुआ से दोस्ती हो गई थी. कुछ समय बाद यह दोस्ती प्यार में बदल गई. इसके बाद शादी कर हीरालाल और उसकी बुआ एक साथ रहने लगे थे. नारायण ने बताया कि उसकी बुआ और उनके बच्चों की मौत हो चुकी है. आज वह शव लेने अस्पताल आए हैं.
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