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'भारत और रूस की सेनाएं मिलकर दुनिया से मिटाएंगी आतंकवाद' - भारत और रूस की सेनाएं

उत्तर प्रदेश के झांसी में भारत और रूस की सेनाओं के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास इंद्र-2019 की शुरुआत हो गई है. इस मौके पर मीडिया से बातचीत में सदर्न कमांड के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल दीपेंद्र सिंह आहूजा ने कहा कि भारत और रूस की सेनाएं मिलकर दुनिया से आतंकवाद मिटाने का काम करेंगी.

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मीडिया से बातचीत करते सदर्न कमांड के चीफ ऑफ स्टाफ दीपेंद्र सिंह आहूजा.
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Published : Dec 11, 2019, 6:05 PM IST

झांसी: जनपद के बबीना में बुधवार को भारत और रूस की सेनाओं के बीच 10 तक दिन तक चलने वाले संयुक्त युद्ध अभ्यास की शुरुआत हुई. इस दौरान भारतीय सेना के सदर्न कमांड के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल दीपेंद्र सिंह आहूजा ने मीडिया से बातचीत कर जानकारी दी.

मीडिया से बातचीत करते सदर्न कमांड के चीफ ऑफ स्टाफ.

लेफ्टिनेंट जनरल दीपेंद्र सिंह आहूजा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भारत और रूस के बीच होने वाले संयुक्त अभ्यास का लक्ष्य है कि दोनों देश मिलकर आतंकवाद को मिटा व हरा सकें. इस मौके पर रसियन ईस्टर्न मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के हेड मेजर जनरल सेको ओलेग ने भी मीडिया से बातचीत में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मिलकर हिस्सा लेने की बात कही.

भारत और रूस के बीच गहरे संबंध
लेफ्टिनेंट जनरल दीपेंद्र सिंह आहूजा ने कहा कि भारत और रूस की सेनाओं का बहुत गहरा संबंध है. अभ्यास इंद्र सीरीज 11वीं बार हो रहा है. तीनों सेनाओं थलसेना, नेवी और एयरफोर्स का अभ्यास पहली बार 2017 में रूस में हुआ था, जो कि भारत में पहली बार 2019 में हो रहा है. थल सेना बबीना में जबकि नेवी गोवा में और एयरफोर्स पुणे में अभ्यास करेगी. यह अभ्यास बुधवार से शुरू होकर 19 दिसम्बर को समाप्त होगा.

ये भी पढ़ें: झांसी: आज से भारत और रूस की सेनाओं के संयुक्त युद्ध अभ्यास की शुरुआत

आतंक के खिलाफ लड़ाई में दुनिया की मदद
लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि इस अभ्यास का लक्ष्य है कि दोनों देश मिलकर संयुक्त अभियान कर सकें और आतंकवाद को मिटा व हरा सकें. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि इस अभ्यास में एक दूसरे से सीखें और इस किस्म का तालमेल हो कि कोई तीसरा देश यूनाइटेड नेशंस मैनडेट के तहत हमसे मदद मांगे तो हम दोनों देश उस देश की मदद कर सकें और ग्लोबल टेररिज्म की जो लड़ाई है, उसमें विजय प्राप्त कर सकें. दोनों देशों की ओर से 1000 से 1200 जवान, फाइटर एयरक्राफ्ट, टैंक्स, नेवी के ब्रिगेड, डिस्ट्रॉयर्स अभ्यास में भाग लेंगे.

झांसी: जनपद के बबीना में बुधवार को भारत और रूस की सेनाओं के बीच 10 तक दिन तक चलने वाले संयुक्त युद्ध अभ्यास की शुरुआत हुई. इस दौरान भारतीय सेना के सदर्न कमांड के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल दीपेंद्र सिंह आहूजा ने मीडिया से बातचीत कर जानकारी दी.

मीडिया से बातचीत करते सदर्न कमांड के चीफ ऑफ स्टाफ.

लेफ्टिनेंट जनरल दीपेंद्र सिंह आहूजा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भारत और रूस के बीच होने वाले संयुक्त अभ्यास का लक्ष्य है कि दोनों देश मिलकर आतंकवाद को मिटा व हरा सकें. इस मौके पर रसियन ईस्टर्न मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के हेड मेजर जनरल सेको ओलेग ने भी मीडिया से बातचीत में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मिलकर हिस्सा लेने की बात कही.

भारत और रूस के बीच गहरे संबंध
लेफ्टिनेंट जनरल दीपेंद्र सिंह आहूजा ने कहा कि भारत और रूस की सेनाओं का बहुत गहरा संबंध है. अभ्यास इंद्र सीरीज 11वीं बार हो रहा है. तीनों सेनाओं थलसेना, नेवी और एयरफोर्स का अभ्यास पहली बार 2017 में रूस में हुआ था, जो कि भारत में पहली बार 2019 में हो रहा है. थल सेना बबीना में जबकि नेवी गोवा में और एयरफोर्स पुणे में अभ्यास करेगी. यह अभ्यास बुधवार से शुरू होकर 19 दिसम्बर को समाप्त होगा.

ये भी पढ़ें: झांसी: आज से भारत और रूस की सेनाओं के संयुक्त युद्ध अभ्यास की शुरुआत

आतंक के खिलाफ लड़ाई में दुनिया की मदद
लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि इस अभ्यास का लक्ष्य है कि दोनों देश मिलकर संयुक्त अभियान कर सकें और आतंकवाद को मिटा व हरा सकें. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि इस अभ्यास में एक दूसरे से सीखें और इस किस्म का तालमेल हो कि कोई तीसरा देश यूनाइटेड नेशंस मैनडेट के तहत हमसे मदद मांगे तो हम दोनों देश उस देश की मदद कर सकें और ग्लोबल टेररिज्म की जो लड़ाई है, उसमें विजय प्राप्त कर सकें. दोनों देशों की ओर से 1000 से 1200 जवान, फाइटर एयरक्राफ्ट, टैंक्स, नेवी के ब्रिगेड, डिस्ट्रॉयर्स अभ्यास में भाग लेंगे.

Intro:झांसी. भारतीय सेना के सदर्न कमांड के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल दीपेंद्र सिंह आहूजा ने झांसी में कहा कि भारत और रूस दोनों देशों ने आतंकवाद से काफी सफर किया है। संयुक्त अभ्यास का लक्ष्य है कि दोनों देश मिलकर आतंकवाद को मिटा व हरा सकें। झांसी के बबीना में भारत और रूस की सेनाओं के दस दिनों के संयुक्त युद्ध अभ्यास के उद्घाटन समारोह के बाद लेफ्टिनेंट जनरल ने मीडिया से बात की। इस मौके पर रसियन ईस्टर्न मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के हेड मेजर जनरल सेको ओलेग ने भी मीडिया से बात करते हुए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मिलकर हिस्सा लेने की बात कही।


Body:भारत और रूस के गहरे संबंध

लेफ्टिनेंट जनरल दीपेंद्र सिंह आहूजा ने कहा कि भारत और रूस की सेनाओं का बहुत गहरा संबंध है। अभ्यास इंद्र सीरीज ग्यारहवीं बार हो रहा है। तीनों सेनाओं थलसेना, नेवी और एयरफोर्स का अभ्यास पहली बार 2017 में रूस में हुआ। भारत में पहली बार 2019 में हो रहा है। थल सेना बबीना में, नेवी गोवा में और एयरफोर्स पुणे में अभ्यास करेगी। अभ्यास आज से शुरू होकर 19 को समाप्त होगी।


Conclusion:आतंक के खिलाफ लड़ाई में दुनिया की मदद

लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि इस अभ्यास का लक्ष्य है कि दोनों देश मिलकर अपने संयुक्त योजनाएं और अभियान कर सकें और आतंकवाद को मिटा व हरा सकें। हम चाहते हैं कि इस अभ्यास में एक दूसरे से सीखें और इस किस्म का तालमेल हो कि कोई तीसरा देश यूनाइटेड नेशंस मैनडेट के तहत हमसे मदद मांगे तो हम दोनों देश उस देश की मदद कर सकते हैं और ग्लोबल टेररिज्म की जो लड़ाई है, उसमें विजय प्राप्त कर सके। दोनों देशों की ओर से 1000 से 1200 जवान, फाइटर एयरक्राफ्ट, टैंक्स, नेवी के ब्रिगेड, डिस्ट्रॉयर्स अभ्यास में भाग लेंगे।

बाइट - ले. जनरल दीपेंद्र सिंह आहूजा - चीफ ऑफ स्टाफ, सदर्न कमांड
बाइट - मेजर जनरल सेको ओलेग - हेड, रसियन ईस्टर्न मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट

लक्ष्मी नारायण शर्मा
झांसी
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